मंदिर जिसमे दम्पति एक साथ पूजा नही कर सकते
Shraikoti Mata Templeभारतीय सनातन धर्म में बहुत सारे मंदिरों के साथ अनोखे किस्से जुड़े है | कही किसी मंदिर में प्रसाद की जगह भक्त ताले चढाते है तो कही मंदिर बाहर से गर्म और अन्दर से ठंडा रहता है | आज हम जिस मंदिर की बात करेंगे उसके साथ एक अनोखी परम्परा जुडी हुई है | इस मंदिर में विवाहित जोड़े एक साथ दर्शन नही कर सकते | उन्हें एक एक करके दर्शन करना पड़ता है | यदि वे एक साथ दर्शन करे तो उनके वैवाहिक जीवन में अशांति होने के अवसर बढ़ जाते है |
कहाँ है श्राई कोटि मंदिर :
यह मंदिर हिमाचल की राजधानी शिमला के रामपुर में है जहा श्राई कोटि माता के नाम से माँ दुर्गा को पूजा जाता है |
क्यों है ऐसी परम्परा :
श्राई कोटि माता मंदिर की पौराणिक कहानी मंदिर के पुजारी एक पौराणिक कथा के साथ यह बताते है की एक बार जब गणेश जी तथा कार्तिकेय जी को ब्रहमांड का चक्कर काटने का काम दिया गया तब बुद्धि के देवता गणेशजी ने अपने माता पिता के ही चक्कर काट कर यह कार्य अति शीघ्र पूरा कर लिया और उनके माता पिता अति प्रसन्न होकर उन्हें सबसे पहले पूजे जाने का वरदान दे दिए | इसके साथ साथ उनका विवाह भी रिद्धि सिद्धि से कर दिया गया | जब कार्तिकेय जी अपना चक्कर खत्म करके आये तो और गणेश जी की जीत और उनकी शादी देखकर अति दुखी हुए |
इस प्रसंग से उन्होंने निश्चय किया की वे अब कभी विवाह नही करेंगे | इस घोषणा से माँ पार्वती अत्यंत दुखी हुई और इस जगह श्राई कोटि माता के रूप में बस गयी | उन्होंने यह भी कहा की जो शादी शुदा दम्पति उनके दर्शन एक साथ करेगा वे कभी सुखी नही रह पाएंगे | तभी से यह परम्परा चली आ रही है की दम्पति एक साथ माँ श्राई कोटि के दर्शन नही करेंगे |
इसके बाद ही यहा कोई भी दम्पति एक साथ आकर माता के दर्शन नही कर करना चाहते है अत: वे अलग अलग आकर ही दर्शन करते है .
सारांश
- भारत का अनोखा देवी माँ का मंदिर जहाँ पति पत्नी एक साथ पूजा नही करते . इस मंदिर को श्राई कोटि माता का मंदिर कहते है और क्या है इस परम्परा के पीछे की कहानी . आइये जानते है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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