राम लल्ला अयोध्या मंदिर में मुख्य प्रतिमाये कौनसी होगी ?
Ram Lalla Mandir Me Mukhya Prtimaye Kaise Hogi ? साल 2024 शुरू हो चूका है और हम भारतीयों को अब इंतजार है 22 जनवरी का जब अयोध्या के भव्य राम मंदिर में श्री राम जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और फिर यह मंदिर भक्तो के सपनो को साकार रूप दे देगा और दर्शनार्थ खुल जायेगा .
अभी हम सभी के दिमाग में एक सवाल जरुर है कि राम लल्ला के मंदिर में कौनसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी , उस राम लल्ला की मूर्ति का कैसा रूप होगा , क्या उनके साथ पूरा राम दरबार भी होगा ?
तो आज हम यह विशेष आर्टिकल इन्ही पहलुओ का जवाब देने के लिए लाये है जिसमे हम जानेंगे राम लल्ला की मुख्य मूर्ति के बारे में .
पुरानी मूर्ति भी रहेगी गर्भ गृह में
हम सभी जानते है कि राम मंदिर अयोध्या का फैसला आने से पहले राम लल्ला और उनके संग पूरा दरबार एक टाट के टेंट में भारी सुरक्षा के बीच विराजमान थे . गर्मी हो सरदी हो या फिर आंधी बारिश ये मूर्तियाँ खुले में सारे समय के बदलाव देखी है . ऐसे में अब जब भव्य मंदिर बन कर तैयार हो गया है तो ये मूर्तियाँ भी मुख्य मंदिर में विराजित की जाएगी और नित्य पूजा अर्चना की जाएगी .
क्यों बनाई जा रही है राम लल्ला की नयी मूर्ति
अब यह आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि जब पहले से राम लल्ला और राम दरबार की मूर्तियाँ है तो नयी मूर्ति क्यों बनाई जा रही है ?
तो इसका जवाब है कि नई मूर्ति का निर्माण इसलिए किया जा रहा है जिससे की लाइन में लगे भक्तो को अच्छे से दर्शन हो सके . चूकी पुरानी मूर्तियाँ बहुत ही छोटे आकार की है जिनके दर्शन दूर से हो पाना थोडा कठिन हो जाता है अत: राम लल्ला की नयी मूर्तियों का आकार थोडा बड़ा रखा जायेगा . यही कारण है कि मुख्य गर्भ में नयी मूर्तियाँ और पुराने दरबार दोनों को विराजित किया जायेगा .
कैसा होगा अयोध्या के राम मंदिर का भव्य रूप
कौनसी होगी राम लल्ला अयोध्या में मुख्य मूर्ति
राम लल्ला मंदिर में तीन मूर्तियों (Ram Mandir Ayodhya Main Idols ) को फाइनल किया गया है जिसमे से एक मूर्ति पूर्ण रूप से स्वीकार करके उसी की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी .
आज सुबह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट करके एक फोटो डाली थी जिसमे बताया गया था कि यह राम दरबार की मूर्ति भी संभावित रूप से गर्भ ग्रह में विराजित की जा सकती है .
इन मूर्तियों का निर्माण योगीराज अरुण ने किया जय जो जाने माने मूर्तिकार है . मूर्तियों का रंग श्याम है और इसमे श्री राम , लक्ष्मण , जानकी और हनुमान जी दिखाई दे रहे है . बताया जाता है कि योगीराज अरुण और उनकी टीम ने इसे 6 माह में तैयार किया है . अरुण योगीराज मैसुरु के मूर्तिकार है .
अब देखना है कि क्या यही मूर्तियाँ राम लल्ला मंदिर में विराजित होगी या फिर कोई दूसरी .
अयोध्या के दर्शनीय स्थल और मंदिर कौनसे है
क्या बोले चंपत राय जी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी इस बारे में बताया की कौनसी मूर्ति फाइनल होगी , यह फैसला मुर्तिकार मंदिर समिति की ले और यह फैसला 17 जनवरी के करीब ही लिया जायेगा .क्योकि मूर्ति फाइनल होने पर पुरे अयोध्या में राम जी की मूर्ति को नगर भ्रमण कराया जायेगा .
राम मंदिर में लगने वाले मूर्ति में होगी यह विशेषता
- मूर्ति का आकार 52 इंच का रखा गया है अत: राम लल्ला की मूर्ति 4 फीट 4 इंच की होगी .
- मूर्ति की अवस्था सीधे खड़े रूप की होगी और उनके हाथ में धनुष और दुसरे हाथ से वो आशीर्वाद देते दिखेंगे .
- राम लल्ला की मूर्ति की एक विशेषता यह भी होगी की वो पांच साल के बालक रूप में होंगे जो अपनी मुस्कान से भक्तो का हर दुःख पीड़ा को हर लेंगे .
- राम लल्ला की मूर्ति कमल दल पर खड़ी होगी जिसके दर्शन दूर से होना शुरू हो जायेंगे .
- रामलल्ला की मूर्ति के दोनों हाथ उनके घुटनों से भी निचे जाते हो .
राम नवमी पर सूर्य चमकेगा श्री राम की मूर्ति पर
राम मंदिर में एक विशेष वैज्ञानिक उपकरण लगाया जायेगा जो मंदिर के शिखर पर लगेगा . राम नवमी अर्थात राम जन्मोत्सव के दिन र यंत्र के जरिए सूर्य की किरणे रामलला के मस्तक पर गिरेगी और तेज को बढ़ाएगी . यह नजारा देखने लायक होगा .
चल अचल मूर्ति क्या है
राम मंदिर के गर्भ गृह में दो मुख्य मुतियाँ होगी जिसमे एक एक होगी चल और दूसरी होगी अचल . चल का अर्थ होता है जिसे आप इधर उधर बाहर ले जा सके और अचल का अर्थ है जो प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपनी जगह से नही हिलेगी और हमेशा उसी जगह पर रहेगी .
जब अयोध्या में किसी जुलुस या रामोत्सव का आयोजन होगा तब उसमे चल मूर्तियों को गर्भगृह से ले जाया जायेगा और वे उत्सव का आनंद लेगी और फिर से उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में रख दिया जायेगा . इन्ही चल मूर्ति का दूसरा नाम उत्सव प्रतिमा होगा .
तीन मूर्तियों में दो होगी फाइनल
बता दे कि गर्भ ग्रह में स्थापना के लिए तीन बड़े मूर्तिकारो से तीन अलग अलग भगवान राम की मूर्तियाँ तैयार करवाई जा रही है . इसमे एक है गणेश भट्ट, दुसरे अरुण योगीराज और अंतिम मूर्तिकार है सत्यनारायण पांडे.
अब तीनो ने अपने अपने तरीके से मूर्तियों को गढ़ा है अब देखना है कि किस मूर्ति को मुख्य मूर्ति का रूप स्वीकार करके प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी .
करे राम लल्ला की चल मूर्ति के दर्शन
17 जनवरी 2024 को रामलल्ला की 10 किलो चांदी से बनी उत्सव मूर्ति को पहली बार लोगो के बीच लाया गया और उन्हें ही अयोध्या नगरी में नगर भ्रमण कराया गया .
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार शिला से बनी मूर्ति वजनी होने कारण नगर भ्रमण पर ना जा सकी अत: इस चल मूर्ति को नगर में भक्तो के बिच लाया गया .
सारांश
- तो यहा आपने जाना कि भव्य अयोध्या के रामलल्ला मंदिर में कैसी होगी राम और राम दरबार की मुख्य मूर्तियाँ . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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