मौनी अमावस्या का महत्व और महिमा

Mauni Amawasya Importance In Hindu Religion

हिन्दू धर्मग्रंथों में माघ मास को बेहद पवित्र और धार्मिक पुण्य प्राप्ति का समय चक्र माना जाता है और इस मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन के पवित्र स्नान को कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के समान ही माना जाता है |

मौनी अमावस्या महत्व


साल 2024 में मौनी अमावस्या कब है ? 

इस साल मौनी अमावस्या को लेकर बहुत से लोग संदेह कर रहे है की यह 9 फरवरी को है या फिर 10 फरवरी को . तो बता दे कि इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी को सूर्योदय के बाद सुबह 8 बजे लग रही है और फिर पुरे दिन अमावस्या ही है . 10 फेब्रुअरी को यह सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी . अत: ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से मोनी अमावस्या 9 फरवरी को ही मनाई जाएगी . 

पवित्र नदियों और सरोवरों में देवी देवताओ का वास होता है | धर्म ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि इसी दिन से द्वापर युग का शुभारंभ हुआ था। लोगों का यह भी मानना है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने मनु महाराज तथा महारानी शतरुपा को प्रकट करके सृष्टि की शुरुआत की थी |

उन्ही के नाम के आधार पर इस अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mouni Amawasya In Hindi ) कहा जाता है।

मान्यता है कि इस दिन सूर्य तथा चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं। इस दिन सृष्टि के निर्माण करने वाले मनु ऋषि का जन्म भी माना जाता है। मौनी अमावस्या योग पर आधारित महाव्रत है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है। गंगा तट पर इस कारण भक्त एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते हैं।

क्या करे मौनी अमावस्या के दिन

इस दिन श्रद्धालुओं को अपनी क्षमता के अनुसार दान, पुण्य तथा माला जप नियम पूर्वक करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की सामर्थ्य प्रयाग त्रिवेणी के संगम अथवा अन्य किसी तीर्थ स्थान पर जाने की नहीं है तो उसे अपने घर में ही प्रात:काल उठकर दैनिक कर्मों से निवृत होकर स्नान आदि करना चाहिए या घर के समीप किसी भी नदी या नहर में स्नान कर सकते हैं क्योंकि पुराणों के अनुसार इस दिन सभी नदियों का जल गंगाजल के समान हो जाता है।

स्नान , पूजा पाठ और माला जाप करने के समय मौन व्रत का पालन करें। इस दिन झूठ, छल-कपट , पाखंड से दूर रहे । यह दिन अच्छे कर्मो और पुण्य कमाने में बिताये |

साधक को इस दिन पवित्र सरोवर में स्नान, मानसिक जाप, हवन एवं दान करना चाहिए। दान में स्वर्ण, गाय, छाता, वस्त्र, बिस्तर एवं उपयोगी वस्तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान अश्वमेध यज्ञ के फल के सामान पुण्य दिलवाता है |

सारांश 

  1.   मौनी अमावस्या की हिन्दू धर्म में महत्व और महिमा के इस पोस्ट में आपने जाना कि क्यों यह दिन बहुत बड़ा माना जाता है .  आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी. 

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