मंदसौर के पशुपतिनाथ शिवलिंग की महिमा
Mandsaur Pahupatinath Temple मध्य प्रदेश के मंदसौर में आठ मुख का एक शिवलिंग स्तिथ है जिसका रूप आकार नेपाल के पशुपति नाथ शिव से मिलता है .यह विशाल शिवलिंग सबसे अलग है और इसी कारण दूर दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन करने आते है . यह मंदिर महाकाल मंदिर उज्जैन से सिर्फ 150 किमी की दुरी पर है .
आज हम विस्तार से Mandsaur Pahupatinath मंदिर के बारे में जानेंगे .
मंदसौर के पशुपतिनाथ शिवलिंग की कहानी और इतिहास
मंदसौर के पशुपतिनाथ शिवलिंग के मिलने की बात :स्थानीय लोगो के अनुसार सन 1940 में यहा उदाजी नामक धोबी शिवना नदी के तट पर कपडे धो रहा था | उसे नही पता था की वो जिस पत्थर पर कपडे धो रहा है वो एक दिव्य और बड़ा शिवलिंग है | धीरे धीरे यह शिवलिंग शिवना नदी के तट से ऊपर आने लगा |उदाजी को एक दिन पता चल गया की यह शिवलिंग है | उसने यह आस पास लोगो को बताई | तब इस शिवलिंग को निकाला गया और मन्दौर में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया |
यह शिवलिंग पुरे संसार में सबसे अनोखा है क्योकि ये आठ मुख वाला शिवलिंग है जो नेपाल के चार मुख से भी दुगुना मुख लिए हुए है .
आठ मुखी शिवलिंग के मुखो के नाम
ये शिवलिंग के आठ मुख आठ शिव नामो को दर्शाते है .ये नाम है 1. शर्व, 2. भव, 3. रूद्र, 4 . उग्र, 5. भीम, 6. पशुपति, 7 . ईशान और 8. महादेव
इसे देखकर लगता है की शिव के आठ मुख है , हर एक दिशा में दो मुख . चार शिवलिंग के निचे भाग पर और चार उनके ऊपर भाग पर .
हर मुख अपनी तपस्या और साधना में आँखे बंद करके लीन है .
नेपाल के पशुपति नाथ से मिलता शिवलिंग :
इस शिवलिंग का नाम भी पशुपति नाथ शिवलिंग रखा गया क्योकि यह नेपाल के पशुपति नाथ शिवलिंग से मिलता हुआ था | नेपाल में रखे शिवलिंग की प्रतिमा चार मुख वाली है जबकि मन्दौर में यह आठ मुख वाली ( अष्टमुखी ) है | इस प्रतिमा की ऊंचाई सवा सात फीट व गोलाई सवा ग्यारहा फीट के आस पास है | यह चिकने चमकदार पत्थर से बनी हुई और बड़ी भव्य है |.
शिवना नदी :
इस मंदिर के पास में बहने वाली नदी शिवना पर भगवान पशुपति नाथ की विशेष कृपा है | इस नदी में में कई बार जल स्तर बहुत बढ़ जाता है और यह नदी मंदिर को जल से ढक लेती है पर मंदिर और यहा के रहने वाले को क्षति नही पहुँचती | यह नदी चम्बल की सहायक नदियों में से एक है |
कैसे जाए मंदसौर पशुपति नाथ मंदिर
सडक मार्ग द्वारा - मंदसौर के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा है . यह नेशनल हाईवे 79 पर है . यह शहर निकटवर्ती शहरों और कस्बों से सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. रतलाम 80 किमी की दुरी पर है . उज्जैन से ये 150 किमी की दुरी पर है .
रेल मार्ग द्वारा - मंदसौर में खुद के रेलवे स्टेशन है जहाँ आप ट्रेन से आ सकते है . इसके बाद 3 किमी की दुरी पर मंदिर स्तिथ है .
वायु मार्ग द्वारा - आप यदि मंदसौर हवाई मार्ग से आ रहे है तो नजदीकी एअरपोर्ट है डबलोक एअरपोर्ट जो 148 किमी की दुरी पर है . इसके अलावा इंदौर हवाई अड्डा 188 किमी और भोपाल 279 किमी की दुरी पर है .
हवाई अड्डे पर आकर आप फिर कार , बस द्वारा मंदसौर आ सकते है .
सारांश
- मंदसौर के पशुपतिनाथ शिवलिंग के बारे में हमने विस्तार से बताया कि इसके पीछे की क्या कथा है , क्यों यह शिवलिंग शिव भक्तो के लिए विशेष है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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