भालू होते है देवी की आरती में शामिल
Bear Attends Aarti in Temple . हमने पहले के लेखो में भी बताया की भारत के मंदिरों में इंसानों के अलावा जीव जंतु भी ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति दिखाते है | कही शिवलिंग की पूजा करने नाग देवता कई सालो से आ रहे है तो कही शाकाहारी मगरमच्छ मंदिर की रक्षा कर रहा है |
आज हम जिस मंदिर की बात करने वाले है वो काली माँ का मंदिर है और उस मंदिर में शाम को आरती के समय एक भालुओ का परिवार माँ की पूजा में शामिल होने आता है |
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कहाँ है माँ काली मंदिर :
यह मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में घुंचापाली में माता चंडी के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है | यह मंदिर माँ काली का तांत्रिक स्थल मंदिर है . यह मंदिर 150 साल पुराना बताया जाता है .
शाम को आते है आरती में भालू
स्थानीय लोगो के अनुसार कई सालो से शाम को आरती के समय मंदिर के बाहर एक भालुओ का झुण्ड आता है | वे शांति से बिना किसी को नुकशान पहुचाये आरती में शामिल होते है |
प्रसाद वितरण के समय वे प्रसाद ग्रहण करते है और पुनः पहाड़ पर लौट जाते है | ऐसा चमत्कार देखने दूर दूर से भक्त आते है और श्रद्दा से अपना शीश माँ के चरणों में झुका लेते है | यही नही कई बार तो यह भालू मंदिर के चारो और परिक्रमा तक लगाते है |
लोग इन्हे जामवंत परिवार कहते है जो अपनी भक्ति श्रद्धा को आरती के समय दिखाते है . आरती के बाद ऐसे शालीन भक्तमय भालुओ को प्रसाद भी खिलाया जाता है .
वन विभाग के अनुसार :
वन विभाग के अनुसार यह मंदिर जंगल की सीमा में है अत: भालू प्रसाद के लालच में यहा आते है और दुसरे भक्तो की तरह हाथ जोड़ कर उनकी नक़ल करके प्रसाद पा लेते है |
सारांश
- भारत का वो चमत्कारी मंदिर जिसकी आरती में भालू भी होते है शामिल , लेते है भक्तो के हाथ से प्रसाद . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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