माघ माह का क्या महत्व है और जाने इसमे आने वाले पर्व के बारे में
Maagh Maah 2024 Ka Kya Mahtav Hai . हिन्दू धर्म में माघ का महिना पौष माह के बाद आता है और यह हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से 11वा महिना होता है . इस माह से सर्दी कम होना शुरू हो जाती है . माघ मास में तीर्थ स्थानों पर स्नान , दान धर्म और जप तप का अपना महत्व होता है जो लोगो को बहुत ही पूण्य देता है . अत: इस लिहाज से इस महीने का महत्व अत्यधिक है .
बता दे कि इस माह का सम्बन्ध मघा नक्षत्र से है अत: इसे माघ माह का नाम दिया गया है . इस महीने में जो नारायण देवता और लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना करते है और धार्मिक अनुष्ठान करते है उनके जन्म जन्म के पाप नष्ट हो जाते है .
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि माह माघ की क्या महिमा है और इसमे किन विशेष बातो का ध्यान रखना चाहिए . साथ ही आपको बताएँगे इसमे आने वाले पर्वो के बारे में ,
माघ महीने की महिमा में इंद्र की श्राप मुक्ति
पुराणों के अनुसार एक बार गौतम ऋषि स्वर्ग के राजा इंद्र देव के किसी कार्य से बहुत रुष्ट हो गये थे और उन्हें श्राप दे दिया . इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने गौतम ऋषि से क्षमा याचना मांगी तब गौतम ऋषि ने बताया कि वो यदि माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान कर दान धर्म करे तो उनके पाप नष्ट हो जायेंगे और श्राप से मुक्ति मिल जाएगी . तब से माघ माह में पवित्र स्थानों पर स्नान और दान धर्म का महत्व बढ़ गया .
साल 2024 में माघ माह कब से कब तक है ?
इस साल 2024 में माघ माह 26 जनवरी को लग रहा है जबकि इसका समापन 24 फ़रवरी 2024 को होगा .
माह में आने वाले पर्व और व्रत
पौष माह की समाप्ति के बाद माघ माह में आने वाले पर्व और त्योहारों की जानकारी आप यहा से प्राप्त कर सकते है .
माघ संकष्टी चतुर्थी - 4 फरवरी 2024 (रविवार)
षटतिला एकादशी - 6 फरवरी 2024 (मंगलवार)
मौनी अमावस्या - 9 फरवरी फरवरी शुक्रवार 2024
वसंत पंचमी - 14 फरवरी बुधवार 2024
रथ सप्तमी - नर्मदा जयंती 16 फरवरी शुक्रवार 2024
आमलकी द्वादशी - 24 फरवरी शनिवार 2024
माघ पूर्णिमा 24 फरवरी शनिवार 2024
माघ महीने में क्या ना करे ?
माघ के माह में मुली का सेवन नही करना चाहिए .
इसके साथ ही भोजन में तामसिक भोजन ना खाए और ना ही मदिरा का पान करे .
इस माह में लोभ , मोह माया और कपट से भी बहुत दूर रहना चाहिए .
माघ महीने में कौनसे काम करने चाहिए ?
माह माह में ऊनी कम्बल बांटने चाहिए इससे राहू केतु के दोष दूर होते है .
माह माह में नित्य सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके मंदिर जाना चाहिए और भगवान की मंगला आरती देखनी चाहिए .
माह माह में अधिक से अधिक समय प्रभु की भक्ति में देना चाहिए .
हो सके तो पुरे माह में एक दिन किसी पवित्र नदी के घाट पर जाकर स्नान करना चाहिए .
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