बेटी दुर्गा का जीजी बाई का मंदिर
JijiBai Temple Goddess Durga . मध्य प्रदेश की राजधानी राजधानी भोपाल के कोलार में पहाड़ी पर एक माँ दुर्गा का मंदिर है जिसे जीजी बाई का मंदिर कहा जाता है | इस मंदिर में दुर्गा की बेटी की तरह सेवा होती है |
उन्हें भेट रूप में चप्पल सेंडिल , घडी , वस्त्र , श्रृंगार का सामान आदि अर्पित किया जाता है | इन्हे भक्त सिद्धदात्री पहाड़ावाला का मंदिर भी कहते है |
क्यों है इस मंदिर का नाम जीजी बाई का मंदिर
इस मंदिर में देवी दुर्गा की प्रतिमा है | बहुत साल पहले ओम प्रकाश जी इस मंदिर में शिव पार्वती विवाह करवाया था | उस विवाह में उन्होंने पार्वती जी को अपनी बेटी मानकर कन्या दान किया था | तब से आज तक माँ दुर्गा को बेटी की तरह ही इस मंदिर में पूजा जाता है |
बेटी दुर्गा की तरह होती है सेवा :
इस मंदिर में भक्त मन्नत पूरी होने पर चप्पल , सेंडिल, चश्मा , घडी वस्त्र और आभूषण आदि माँ को भेट करते है | पुजारियों के अनुसार यह वस्त्र और साज सज्जा का सामान बेटी दुर्गा को पहनाया जाता है |
कभी कभी देवी को कोई चीज पसंद नही आती तो वे ईशारा करती है और पुजारी उसे बदल देते है |
भक्त चढाते है महंगी चप्पले
इस मंदिर में भक्त अपनी मुराद पूरी होने पर महँगी चप्पले और सेंडिल माता के मंदिर में चढाते है . देश विदेश से ये चप्पले मंगवाई जाती है . कहते है कि माता को चप्पले पहनने का शौक है . इसके अलावा भक्त माँ को पर्स , ड्रेस , गहने आदि भी चढाते है .
क्या किया जाता है इन चप्पलो का :
जीजी बाई के मंदिर में आने वाली देश विदेश से चप्पले और सेंडिलो को भक्तो में ही बाँट दिया जाता है | भक्त यह अपने साथ अपने घर ले जाते है |
कैसे पहुंचे इस मंदिर में :
यह भोपाल रेलवे स्टेशन से महज 35 किमी की दुरी पर स्थित है | आप मध्य प्रदेश के भोपाल तक आ जाये उसके बाद आप टैक्सी , कार या बस से जीजी बाई के मंदिर तक जा सकते है . भोपाल शहर अच्छे से हवाई मार्ग , सड़क मार्ग और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है .
सारांश
- बेटी दुर्गा का मंदिर जिसे सब जीजी बाई के मंदिर के नाम से जानते है . इस मंदिर के नाम के पीछे की कहानी हमने आपको बताई . साथ ही बताया की क्यों इस मंदिर में भक्त चप्पले और जूते और श्रंगार का सामान चढाते है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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