भीष्म अष्टमी का महत्व और बनाने के पीछे कारण
Importance Of Bhishma Ashtami / भीष्म अष्टमी (भीमाष्टमी ) का महत्व
माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को प्रतिवर्ष भीमाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भीष्म पितामह ने अपने शरीर को छोडा़ था, इसीलिए यह दिन उनका निर्वाण दिवस है। इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा बताया गया है | मान्यता है की यदि इस दिन विधि विधान से व्रत किया जाता है तो बलशाली पुत्र की प्राप्ति होती है | व्रत करने वाले को अधिक पूण्य कमाने के लिए इस दिन भीष्म पितामह की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए |
भीष्म अष्टमी 2024 में कब है
इस साल भीष्म अष्टमी 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 से शुरू होगी और 17 फरवरी को सुबह 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगी . अत: प्रभाव क्षेत्र 16 फरवरी को ही मानी जाएगी . इस दिन शुक्रवार का दिन है . यह सरस्वती पूजन दिवस बसंत पंचमी के तीन दिन बाद आती है .
व्रत का महत्व
भीष्म अष्टमी का व्रत रखने वाले को वर्ष भर जाने अनजाने में किये गये पापो के दुष्ट फल नष्ट जाते है और साथ ही पितृदोष से मुक्ति और पितरो को शांति मिलती है| निसंतान दम्पति को इस दिन व्रत करने से बलशाली पुत्र प्राप्ति का आशीष प्राप्त होता है | इस दिन भीष्म ने अपना शरीर अपनी इच्छा से त्यागा था , इसलिए यह उनकी शांति का दिन है | इसी कारण भीष्म पितामह के निमित्त जो कुश, तिल, जल के साथ श्राद्ध, तर्पण करता है और जरुरतमंदो को दान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है |
सूर्य के उत्तरायण में आने पर त्यागे थे इस दिन प्राण
भारत की पवित्र नदियों में से सबसे महान नदी गंगा के पुत्र भीष्म को इच्छाशक्ति से प्राण त्यागने का वरदान प्राप्त था | अर्जुन ने शिखंडी की आड़ में अपने पितामह भीष्म का शरीर बाणों से बिंध दिया था और बाणों की शैय्या पर भीष्म लेते हुए कई दिनों तक रहे | उस समय मकर संक्राति से पहले का समय चल रहा था जब सूर्य देवता दक्षिणायन में थे | इच्छा शक्ति के कारण इन्होने अपने प्राणों को रोक के रखा और संक्राति पर जब सूर्य उत्तरायण में आया तब अष्टमी के दिन अपने प्राणों को त्याग दिया |
भीष्म अष्टमी के दिन मुख्य श्लोक
शुक्लाष्टम्यां तु माघस्य दद्याद् भीष्माय यो जलम्।
संवत्सरकृतं पापं तत्क्षणादेव नश्यति।।
भावार्थ :
माह माघ की शुक्ल अष्टमी के दिन जो भीष्म के जल तर्पण करते है | उनके सभी पाप नष्ट हो जाते है |
सारांश
- भीष्म अष्टमी का क्या महत्व है और यह दिन कैसे महाभारत से जुड़ा हुआ है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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