नासिक में देखने लायक धार्मिक दर्शनीय स्थल
नासिक शहर भारत के महाराष्ट्र राज्य में गोदावरी नदी के किनारे बसा हुआ अति प्राचीन शहर है | यह मुंबई से १८० किमी की दुरी पर है | इस शहर का सम्बन्ध त्रेता युग के श्री राम से भी है | वनवास के समय उन्होंने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अधिकांश समय यही व्यतीत किया था |
क्यों पड़ा इस शहर का नाम नासिक : नासिक शहर का नाम नासिका से बना है | इसी जगह लक्ष्मण ने लंकापति रावण की बहिन शूर्पणखा की नासिका को काटा था |
श्री राम के वनवास निवास से घनिष्ट सम्बन्ध :
इस नगर की यात्रा में रामायण में बताई गयी उनके रहने की जगह पंचवटी , सीता के अपरहण की जगह जो पञ्च बरगद के पेड़ के समीप है देखने को मिलती है | राम कुंड नामक स्थान पर श्री राम स्थान करते थे |
नासिक में देखने योग्य धार्मिक स्थल :
कुम्भ नगरी नासिक में बहुत से धार्मिक स्थल है , आइये जानते है कि वो कौनसे है .
त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग :
नासिक से 38 किमी की दुरी पर यह शिवलिंग शिवजी के द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल है | इस शिवलिंग में ब्रह्मा विष्णु और महेश त्रिदेव वास करते है | काले पत्थर से निर्मित यह मंदिर अपनी प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला की बेहतरीन नमूना पेश करता है ।
पंचवटी
नासिक के उत्तरी भाग में पंचवटी नाम का पावन स्थान जहा भगवान श्री राम , माता सीता और भाई लक्ष्मण वनवास के समय निवास करते थे | यह जगह नासिक के सबसे पवित्र जगहों में से एक है |
सीता गुम्फा
सीता गुम्फा जिसे सीता गुफा के नाम से जाना जाता है | यह पंचवटी के समीप पाँच बरगद के पेड़ में पास की जगह है | संकरी सीढियों से इस गुफा में प्रवेश किया जाता है | इसी जगह से रावण से सीता का हरण किया था |
सुंदरनारायण मंदिर
नारायण भगवान विष्णु का नाम है अत: इस मंदिर में इनकी पूजा की जाती है | इस मंदिर की स्थापना गंगाधर यशवंत जी ने 1756 में की थी |
मुक्ति धाम मंदिर :
नासिक रोड रेलवे स्टैंड के पास ही यह मोक्ष देने वाला मंदिर स्थापित है | मोक्ष का मतलब जीवन मृत्यु के चक्र से जीव की मुक्ति | शांति के सन्देश के लिए यह मंदिर मकराना के सफ़ेद मार्बल से बनाया हुआ है | गीता के 18 अध्याय इस मंदिर की दीवारों पर छपे गये है |
कैलाश मठ भक्तिधाम :
कैलाश मठ को भक्तिधाम के नाम से भी जाना जाता है | मंदिर में बहुत सारे देवी देवताओ के रूप दिखते है | सावन के महीने में बहुत सारे धार्मिक कार्यक्रम यहा आयोजित किये जाते है |
मोदाकेश्वर गणेश मंदिर
इस मंदिर के नाम से ही पता चलता है की यह गणेश जी का मंदिर है जिन्हें मोदक बहुत पसंद थे | ऐसा माना जाता है की मंदिर में स्थापित गणेशजी की मूर्ति स्वयं धरती से अवतरित हुई थी | इन्हे यहा शम्भू के नाम से भी जाना जाता है |
रामकुंड
रामकुंड नासिक का मुख्य धार्मिक स्थल है जहा स्नान करना गंगा में स्नान के तुल्य बताया गया है | यह गोदावरी नदी के तट पर है | कहते है श्री राम वनवास के समय यही पर स्नान किया करते थे | हरिद्वार में गंगा अस्थि विसर्जन की तरह यहा भी अस्थि विसर्जन पवित्र क्रम बताया गया है |
कालाराम मंदिर
काले पत्थरों से बना यह मंदिर नासिक के मुख्य प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है | मुख्य बस स्टैंड से यह 3 किमी की दुरी पर है | 2000 मजदूरो ने कई साल लगाके इस मंदिर का निर्माण 17 वी शताब्दी में किया | इसमे लगा राम दरबार काले पत्थरो से बना हुआ बड़ा ही आकर्षक लगता है | राम नवमी का त्यौहार यहा बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है |
सोमेश्वर मंदिर
सोमेश्वर मंदिर में भगवान शिव मुख्य आराध्य देव है | यह मंदिर नाशिक के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है | शहर से यह 6 किमी की दुरी पर गंगापुर रोड पर है |
कुशवर्त तीर्थ :
यह नहाने का पवित्र कुंड है जिसमे गोदावरी का पानी बह्र्मगिरी पर्वत से आता है | कुम्भ मेले के समय इसमे साधू संत स्नान करते है |
तपोवन :
यह पंचवटी से 1.5 किमी दूर एक हरा भरा पेड़ो से आच्छादित भाग है | वनवास के समय इसी जगह से श्री राम और लखन फल एकत्रित किया करते थे | इसी जगह पर शुर्पंका की लखन ने नाक काटी थी | कुम्भ मेले के दोरान साधू संत इसी जगह अपने पांडाल लगाते है |
कैसे पहुंचे- :
नासिक अच्छे से बस ,रेल और हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ शहर है | 24 किमी की दुरी पर यहा हवाई अड्डा स्थित है शहर के मध्य भाग से 11 किमी की दुरी पर रेलवे स्टेशन है .
मुख्य शहरो से नासिक की दुरी
शिर्डी से 90 किमी
अहमदनगर से - 155 किमी
मुंबई - 166 किमी
वापी से - 140 किमी
सारांश
- नासिक में देखने लायक धार्मिक स्थल और मंदिर कौनसे है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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