देवी लक्ष्मी जी के 18 पुत्रो के नाम लेने से खुश होती है लक्ष्मी

Devi Lakshmi Ke 18 Putro Ka Nam Jap

शुक्रवार का दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है । शास्त्रों में बताया गया है की यदि इस दिन इनके अठारह पुत्रों (18 Lakshmi Putra Naam) के नामों का मंत्र रूप में जाप किया जाये तो माँ लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है |

18 putro ke naam


शुक्रवार को पूजा के समय प्रात:काल स्‍नान आदि के बाद देवी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर पूजा करने और कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती है। इसके साथ ही इस दिन एक और विशेष उपाय करें तो समृद्धि की सहज प्राप्ति हो सकती है। इसके लिए मां लक्ष्मी के 18 पुत्रों के नामों के मंत्रों का पाठ करें।

यहा हम आपको बताएँगे वो 18 लक्ष्मी जी के पुत्रो के नाम से जुड़े मंत्र . 

18 लक्ष्मी पुत्रों के नाम और मंत्र

देवी लक्ष्मी जी के 18 पुत्र माने गये हैं | यदि माँ के प्रिय वार शुक्रवार को इन सभी पुत्रो का नाम मंत्र रूप में लेकर जप किया जाये तो माँ लक्ष्मी बहुत खुश होती है और जापकर्ता को इच्छानुसार फल प्रदान करती है | आइये जानते है जाप किन नामो का और कैसे करना है :

1. ऊं देवसखाय नम: 2. ऊं चिक्लीताय नम:,

3. ऊं आनंदाय नम:, 4. ऊं कर्दमाय नम:,

5. ऊं श्रीप्रदाय नम:, 6. ऊं जातवेदाय नम:,

7. ऊं अनुरागाय नम:, 8. ऊं संवादाय नम:,

9. ऊं विजयाय नम:, 10. ऊं वल्लभाय नम:,

11. ऊं मदाय नम:, 12. ऊं हर्षाय नम:,

13. ऊं बलाय नम:, 14. ऊं तेजसे नम:,

15. ऊं दमकाय नम:, 16. ऊं सलिलाय नम:,

17. ऊं गुग्गुलाय नम:, 18. ऊं कुरूंटकाय नम:।

नोट : – उपरोक्त गहरे अक्षर पुत्रो के नाम है जिनके आगे ॐ और पीछे नम: लगाकर उनके नाम रूप में मंत्र बताये गये है |

लक्ष्मी पुत्रों के नाम 

अब निचे हम आपको लक्ष्मी जी के अठारह पुत्रो के नाम के अर्थ भी बता रहे है. आप देखेंगे की यह कितने जरुरी और गुणों से भरे हुए नाम है . आप अपने परिवार में बच्चो के नाम भी यह रख सकते है जिससे कि उन पर हमेशा लक्ष्मी जी की कृपा रहेगी .


लक्ष्मी पुत्र नाम नाम का अर्थ 
देवसखाय  जो देवताओ के मित्र हो अर्थात देवता हो  
चिक्लीतायजिसकी वाणी में दम हो और मोहित करे 
आनंदायहमेशा आनंद में रहने वाले  
कर्दमायॐ वम वरुणाय नमः 
जातवेदायवेदों के जो ज्ञानी हो  
अनुरागाय जिस पर लोग प्यार बरसाए 
संवादाय जो अच्छे से विचारो का आदान प्रदान करे 
विजयाय जिसके कर्मो में विजय हो 
वल्लभाय जो अत्यंत प्रिय हो 
मदाय जो एक लक्ष्य में लगा रहे 
हर्षाय जिसके चित्त में प्रसन्नता हो 
बलाय जो बलशाली हो 
तेजसे जिसमे सूर्य की तरह तेज हो 
दमकाय जो अपनी रोशनी फैलाता हो 
सलिलाय जो जल की तरह जीवन दाता हो  
गुग्ग्लाय जो अपनी महक गुग्गल की तरह महकाए 
कुरुकंटकाय पता नही 



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