भगवान बुद्ध से जुड़ी जरुरी और रोचक बातें
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु का ही कलियुग अवतार बताया जाता है . कलियुग के अंत में फिर से भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में धरती पर आयेंगे और पापो से भरी इस धरती पर पाप को कम करेंगे .
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि भगवान बुद्ध से जुडी रोचक बाते क्या है .
जन्म स्थान और बचपन
इनका जन्म नेपाल के लुम्बिनी में एक राजसी परिवार में हुआ था . जब ये सिर्फ 7 इन के थे , तब इनकी माँ महामाया की मृत्यु हो गयी और इनका पालन फिर इनकी मौसी ने किया था . इनके पिता का नाम शुद्धोदन था .
इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था . बाल्यकाल में ही एक बड़े संत ने यह भविष्यवाणी कर दी दी थी कि यह बालक माया से दूर रहकर वैराग्य को धारण करेगा और बहुत बड़ा धर्म गुरु बनेगा .
विवाह
सिद्धार्थ का विवाह यशोधरा के साथ 16 वर्ष की उम्र में कर दिया गया था . इन दोनों को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जिसका नाम राहुल था . कहते है कि विवाह के बाद भी सिद्धार्थ का मन गृहस्थ में नही लगता था और वे राजमहल में रह कर वैराग्य में ही रहते थे .
राज्य का त्याग
विवाह के कई साल बाद एक रात ऐसी आई जब सिद्धार्थ ने राज्य , पत्नी और पुत्र को त्याग कर ज्ञान प्राप्ति के लिए अपने राज्य से निकल गये . सिद्धार्थ की इस यात्रा में उन्हें अब गौतम बुद्ध बनना था और सत्य ज्ञान की प्राप्ति कर लोगो के कल्याण के लिए यह ज्ञान देना था . वनों में सालो भटकना और ज्ञान की प्राप्ति करना उनका उद्देश्य था .
सारनाथ में पहला उपदेश
ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने पहला उपदेश सारनाथ में दिया था जो काशी (बनारस ) के करीब है .
महात्मा बुद्ध की मुख्य शिक्षाए
* बुद्धा ने बौध धर्म की स्थापना की , उनके शिष्य बुद्ध अनुनायी कहलाये .
* उन्होंने जात पात का विरोध किया .
* उन्होंने वेदों और कर्मकांडो का भी विरोध किया .
* उनके अनुसार आत्मा और परमात्मा नही होती है पर मनुष्य का पुनर्जन्म होता है जिससे वो अपने कर्मो को पूरा कर सके .
* उन्होंने दुखो से निवारण के लिए अष्टांग मार्ग की शिक्षा दी थी
* बुद्ध की मुख्य शिक्षा थी कि जीवन दुखो से भरा है और दुःख का कारण ईच्छा (तृष्णा) है . जो व्यक्ति तृष्णा के साथ मरता है वो जीवन मृत्यु में चक्र में फंसा रहता है और मोक्ष को प्राप्त नही कर पाता है .
* बुद्ध ने कहा की मादक चीजो से दूर रहो , झूठ मत बोलो , जीवो को कष्ट ना दो .
* बुद्ध ने ज्ञान मनुष्य के कल्याण के लिए पाया और उन्होंने अपने जीवन रहते हुए इस ज्ञान का खूब प्रचार किया और आज वो हमारे
बुद्ध के अष्टांग आर्य
यहा सम्यक का अर्थ है अच्छी और सुख देने वाली . ये 8 बाते धर्म चक्र की आठ ताड़ीयो को निरूपति करता है जिसपर धर्म चक्र आगे बढ़ता है .
सम्यक् दृष्टि - अच्छी और पारदर्शिता नजर रखे .
सम्यक् संकल्प - अच्छे कर्मो को करने का संकल्प ले
सम्यक् वचन- अच्छे वचन और सत्य वचन कहे
सम्यक् कर्म - आपके कर्म अच्छे सच्चे और मानव कल्यान के लिए हो
सम्यक् आजीविका - जरूरत से ज्यादा आमदनी ना कमाए , ना ही गलत तरीके से पैसा कमाए
सम्यक् व्यायाम - अपने शरीर को तपोशील बनाना और इसमे मानसिक और शारीरिक कसरत जरुरी है
सम्यक् स्मृति - ज्ञान की प्राप्ति जो आपको सत्यार्थ की राह पर प्राप्त हो
सम्यक् समाधि - मोक्ष यानी निर्वाण की प्राप्ति करना जो जीवन का सबसे अहम उद्देश्य है .
महात्मा बुद्ध के ज्ञान स्थली
बोध गया :-
महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कठोर तपस्या के बाद बिहार के बोध गया में बौधि पीपल के पेड़ के निचे हुआ . इसी बिहार के शहर बोधगया को उनकी आध्यातिम्क नगरी भी कहा जाता है . यह दिव्य ज्ञान उन्हें बैशाख मास की पूर्णिमा को ही प्राप्त हुआ था .
सारनाथ :-
दिव्य ज्ञान की प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश के सारनाथ में दिया था . इसी स्थान से उन्होंने धम्मचक्र प्रवर्तन की शुरुआत की थी .
श्रावस्ती का स्तूप :-
बहराइच उत्तर प्रदेश से कुछ दुरी पर है श्रावस्ती . यहा बुद्ध 27 साल तक रहे और नास्तिको को धर्म की शिक्षा देते रहे . यहा उन्होंने कई बार चमत्कार दिखाए . यहा आपको बौध धर्म के कई मंदिर और मठ मिलेंगे .
कुशीनगर :-
उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के पास ही इस जगह पर महात्मा बुद्ध को महानिर्वाण की प्राप्ति हुई और उन्होंने अपनी देह त्याग कर जीवन चक्र से मुक्ति पाई थी . यहा गौतम बुद्ध के आठ स्तूपों में से एक स्तूप बना है, जहां बुद्ध की अस्थियां रखी थीं. कहते है कि मृत्यु के समय उनकी उम्र 80 साल के करीब थी .
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