वैशाख मास का महत्व और महिमा
Vaishakh Month Importance – हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह क्रम में दूसरा मास है | स्कंदपुराण के अनुसार वैशाख मास को सभी महीनो में श्रेष्ट बताया गया है | यह मास सभी जीवो को अभीष्ट फल देने वाला है और इसे धर्म , यज्ञ , क्रिया और तपस्या का सार बताया गया है |
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वैशाख मास कब से है 2024 में
इस साल वैशाख का महिना 24 अप्रैल को शुरू होता है और मई 23, 2024 को खत्म होगा . यह हिंदी कैलेंडर में दूसरा महिना होता है . इससे पहले चैत्र मास आता है .
वैशाख मास महत्व
इस महीने में जगत के पालनहार भगवान विष्णु के कई अवतारों का प्रकारात्य दिवस रूप में पर्व मनाया जाता है | नर नारायण , भगवान परशुराम , नृसिंह अवतार और ह्यग्रीय अवतार का जन्म इसी माह में हुआ था | देवियों में माँ सीता और बगलामुखी जयंती भी वैशाख माह में ही आती है |
जैसे नदियों में गंगा , धातुओ में स्वर्ण , तेजो में सूर्य , वृक्षों में कल्पवृक्ष , गायो में कामधेनु , वर्णों में ब्राह्मण , देवताओ में विष्णु ,मंत्रो में प्रणव और विद्याओ में वेद विद्या की जगह है वही मासों में वैशाख मास की जगह बताई गयी है |
यह भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी का प्रिय मास है और इस मास में की गयी भक्ति जल्दी फलीभूत होती है |
वैशाख मास में कैसे करे पूण्य की प्राप्ति
इस माँ में ही धरती की गोद से सीता जी अवतरित हुई है | अक्षय तृतीया का पर्व भी इसी मास में आता है | साथ ही बताया गया है विष्णु के बहुत से अवतार इसी वैशाख में प्रकट हुए थे | भगवान बुद्ध का जन्म भी इसी मास में हुआ था | इस महीने की शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी का उपवास रखा जाता है |
वैशाख मास में सभी देवता बाहर के जल में स्तिथ होते है अत: इस मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान पापो का क्षमं करने वाला होता है |
इस मास में जलदान करने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है | व्यक्ति को सड़क यात्रियों के लिए प्याऊ और जीवो के लिए जल की व्यवश्ता करनी चाहिए |
यह कर्म देवताओ , पितरो और ऋषियों को प्रसन्न करने वाला और उनकी कृपा दिलाने वाला होता है |
इस मास में जल की इच्छा रखे वाले को जल , पंखे की इच्छा रखने वाले को पंखा और छाया की इच्छा रखने वालो को छाया देनी चाहिए |
इस मास में जल , अन्न , वस्त्र , जगह का दान करने से जीवन में पापो की समाप्ति होती है |
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