भारत में प्रसिद्ध दशहरे के मेले कौनसे है ?
भारत में दशहरा की बड़ी धूम है और इसे पुरे भारत में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है . शायद यह पहला हिन्दू धर्म में ऐसा विलेन है जिसकी मृत्यु दिवस पर जगह जगह पुतले जलाये जाते है . भारत में कई जगहों के दशहरे के मेले प्रसिद्ध है जो अपने अपनी अलग संस्कृति और भव्यता के लिए जाने जाते है . कही दशहरे का सम्बन्ध रामायण से है तो कही यह देवी आराधना के रूप में मनाया जाता है और कही यह अपनी पुरानी क्षेत्रीय संस्कृति के लिए .
आज हम इस आर्टिकल में भारत के प्रसिद्ध दशहरे के मेले के बारे में जानेंगे जो दुनिया भारत में प्रसिद्ध है .
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कुल्लू का दशहरा मेला
दशहरे मेले की बात की जाये और कुल्लू का नाम नही आये , ऐसा हो नही सकता है . भारत के सबसे प्रसिद्ध दशहरे मेले में कुल्लू के रावण दहन का नाम सबसे ऊपर आता है . यहा दशहरा का मेला सात दिन लगातार चलता है .
स्त्री और पुरुष रंग बिरंगी पोशाको में ढोल नगारो के साथ धूम धाम से यात्रा निकालते है .
यहा रघुनाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती है और हिमाचली लोग अपने अपने लोक देवताओ का भी पूजन करते है . इस भव्य मेले की तैयारी कई दिनों पहले ही शुरू कर दी जाती है .
दिल्ली का रामलीला मैदान दशहरा मेला
देश की राजधानी दिल्ली में राम लीला मैदान में भव्य दशहरा का मेला भरता है . इसमे लाखो लोग देखने आते है . नवरात्रि के दिनों में पहले राम लीला का आयोजन होता है और फिर दशहरा का रावण , कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन बड़े ही निराले तरीके से किया जाता है .
कोटा का रावण दहन
राजस्थान में कोटा में भी रावण दहन पुरे देश में प्रसिद्ध है . यहा सैकड़ो फीट के विशालकाय रावण , मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जबरदस्त आतिशबाजी के साथ जलाये जाते है .
पिछले कुछ सालो से यहा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आतिशबाजी की जाती है जो देखने लायक होती है . मुख्य मेला समिति अधिक से अधिक फटाके रावण और दुसरे पुतलो में लगाती है जिससे दर्शको का अधिक समय तक मनोरंजन हो सके .
बस्तर का दशहरा
यह प्रसिद्ध रावण दहन छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में मनाया जाता है. यहा सबसे अलग बात यह है कि यहा रावण को जलाया नही जाता है . ना ही इसमे राम और रावण का युद्ध जुड़ा है . यह पर्व स्थानीय और लोक मान्यताओ के साथ ही जुड़ा है . यह पर्व 75 दिन तक मनाया जाता है पर इस साल अधिक मास होने के कारण यह 107 दिन मनाया जायेगा .
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बता दे कि इस साल यह पर्व 17 जुलाई को सुबह 11 बजे से शुरू हो चूका है . मां दंतेश्वरी मंदिर के लिए नए पेड़ से रथ बना दिया गया है .
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सारांश
- यहा हमने आपको बताया कि भारत में सबसे बड़े और भव्य दशहरे के मेले कहाँ भरते है और उनकी क्या विशेषताए है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी
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