श्राद्ध पक्ष से जुड़े नियम और ध्यान रखने योग्य बाते
28 September 2023 से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे है | यह 16 दिनों तक चलेंगे | देवताओ की तरह पितृ देवी देवताओ को याद करने का ये दिन होते है | यदि हम इन दिनों में अपने पितरो को भुला देते है तो हमारे पुरे परिवार को पितृ दोष लग जाता है | हमें हमारे पूर्वजो को कभी भूलना नही चाहिए और उन्हें पूरा आदर सम्मान देना चाहिए |
श्राद्ध पक्ष का महत्व
शास्त्रों बताते है श्राद्ध पक्ष अपने पितरों की आत्मा को शांति देने का सही समय होता है | यह ऐसा माना जाता है कि इस समय सूर्य दक्षिणायन होता है, जिस कारण आत्माओं की मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। और यदि इस दौरान श्राद्ध पाठ और पूजा की जाये तो प्रेत योनि और दुःख से व्यथित आत्माओं को मुक्ति मिल जाती है | इसलिए पितृ पक्ष में इन्ही पूजा जरुर करनी चाहिए |
आइये जाने श्राद्ध पक्ष में ध्यान रखने वाली मुख्य बाते और नियम |
श्राद्ध पक्ष से जुड़े नियम का महत्व
1.पूर्वज की मृत्यु जिस तिथि को हुई हो , श्राद्ध पक्ष में उसी तिथि को उसका श्राद्ध करना चाहिए। अगर तिथि ज्ञात न हो तो सर्व पितृ अमावस्या को श्राद्ध करें।
2.जिन व्यक्तियों का देहांत चतुर्दशी (चौदस) को हुई हो, उनका श्राद्ध इस तिथि को ना करके त्रयोदशी अथवा अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध करना चाहिए।
3.जिन व्यक्तियों की मृत्यु जवानी में या किसी दुर्घटना में हुई हो , उन सभी का श्राद्ध केवल चतुर्दशी तिथि को ही करना चाहिए |
4.नाना तथा नानी का श्राद्ध केवल अश्विन शुक्ल प्रतिपदा को ही निकाला जाना चाहिए , चाहे किसी भी तिथि को उनका स्वर्गवास हुआ हो |
5.सुहागिन स्त्रियों का श्राद्ध पितृपक्ष की नवमी तिथि को ही करना चाहिए | सुहागिन स्त्रियों से अभिप्राय वे महिलाये जिनके पति जीवित हो और उनका देहांत हो गया हो |
6.साधू और सन्यासी व्यक्ति का श्राद्ध केवल पितृपक्ष की द्वादशी को निकाले |
7. यदि आप पितृ दोष को झेल रहे है तो अपने पितरो को पूर्ण सम्मान दे और घर में पंडित से पूछ कर सही मुहूर्त में पितृ दोष निवारण यंत्र और मंत्र की स्थापना कराये |
श्राद्ध पक्ष में भोजन
* श्राद्ध पक्ष में हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए . लहसुन और प्यास मांस मदिरा से घर के सदस्यों को दूर रहना चाहिए . पितृ देवी देवताओ को हमारा तामसिक खाना पसंद नही आता है .
श्राद्ध पक्ष में ना करे शुभ काम
★ श्राद्ध के समय हमें पितरो को प्रसन्न करने के ही काम करने चाहिए .
★ इस समय मांगलिक कार्य नही करे ना ही शादी , सगाई या जात जदुले करने चाहिए . ना ही बड़ी खरीददारी करनी चाहिए और ना ही नए गृह में मुहूर्त करके प्रवेश करना चाहिए .
★ श्राद्ध पक्ष में बाल और नाख़ून भी नही कटाने चाहिए .
★ पितृ पक्ष के दौरान नए कपडे भी नही खरीदने चाहिए .
★ पितृ पक्ष के दौरान सहवास नही करना चाहिए .
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सारांश
- श्राद्ध पक्ष के समय हमें कौनसी बाते ध्यान रखनी चाहिए जिससे की पितृ देवी देवता नाराज ना हो बल्कि हम पर प्रसन्न हो . आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा .
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