दशहरे पर क्यों पूजते हैं शमी का पेड़
Dussehra Par Shami Ped Ki Puja . हमारे सनातन धर्म में हर उत्सव हर त्योहार का अलग महत्व और महिमा बताई गयी है | इसमे पूजा विधि में भी विविधता पाई जाती है | हर पर्व पर विशेष देवी देवताओ की पूजा की जाती है क्योकि वो पर्व उनसे जुड़े हुए होते है | त्योहार हमें खुशी की सीख देते है | विजयादशमी पर रावण वध हुआ और इस दिन शमी के पेड़ का पूजन किया जाता है | कई जगह शमी के पत्ते को सोना मानकर व्यक्ति एक दुसरे को देते है | आइये जानते है क्या रहस्य है की दशहरे के दिन शमी के वृक्ष की पूजा की जाती है | दशहरे और शमी के पौधे का क्या सम्बन्ध है ?
दशहरे को असत्य पर सत्य की जीत और शस्त्र पूजा का दिन माना जाता है | इस दिन विशेष रूप से शमी वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है |
महाभारत में बताया गया है की पांडवो ने शमी वृक्ष पर ही अपने अस्त्र शस्त्र छिपाए थे , और फिर जब युद्ध हुआ तो उन्हें जीत प्राप्त हुई थी | अत: मान्यता है की शमी का पेड़ शस्त्र पूजा में शक्ति वर्धक है | इसी पेड़ की छाया में रखे शस्त्र अस्त्र अतुलित बल से भर गये थे .
वास्तु में शमी पेड़ का महत्व
वास्तु के अनुसार इस पेड़ को घर के ईशान कोण (पूर्वोत्तर) में लगाना लाभकारी है | यह तेजस्विता एवं दृढता का प्रतीक माना गया है | इसमे अग्नि तत्व की मात्रा अत्यंत होती है अत: हवन में शमी के पेड़ की की लकड़ी काम में ली जाती है | यह घर के वास्तु दोषों को दूर करने में भी सहायक है | अत: इसे हिन्दू धर्म में मुख्य धार्मिक पेड़ो में से एक माना गया है .
धार्मिक मान्यता शमी से जुडी हुई
भगवान गणेश और सूर्य पुत्र शनि देव को यह पेड़ अत्यंत प्रिय है | यदि आप इस वृक्ष की पूजा करते है तो इन दो शक्तियों की कृपा आपको प्राप्त होती है | रामायण में बताया गया है की शमी पेड़ की पूजा रावण वध के बाद भगवान श्री राम ने भी की थी | माँ दुर्गा की पूजा में भी शमी के पत्ते प्राय काम में लिए जाते है | अत: इन सब बातो से पता चलता है कि शमी का पेड़ (Shami Ped Mahtav ) कितना महत्व वाला होता है .
यदि शनि की साढ़े साती या ढैय्या सताये तो आप शमी के पेड़ की पूजा करना शुरू कर दे | पीपल के वृक्ष की महिमा की तरह शमी पेड़ का भी शनि देव को लेकर अत्यंत महत्व है | आप शनिदेव की कृपा के पात्र बन जायेंगे |
दशहरे पर किस समय और कैसे करे शमी की पूजा
दशहरे के दिन प्रदोष काल में आप नहा कर और स्वत्छ कपडे पहन कर शमी के पेड़ के पास जाये . एक लोटे में पानी और उसमे थोडा कच्चा गाय का दूध , गंगा जल , चीनी , शहद और कुछ फूल के पत्ते डाल कर उसकी जड़ो को सींचे .
उसके बाद शमी के पेड़ पर रोली से टिका लगाये और फिर एक मोली रूपी वस्त्र उसके चारो तरफ लपेटे .
इसके बाद एक शुद्ध घी का दीपक जलाकर शमी के पेड़ की महिमा का मनन करे और विनती करे की आपको शक्ति और भक्ति दोनों प्रदान करे .
दशहरे पर शमी पेड़ के उपाय
दुर्भाग्य को दूर करने के लिए :- यदि लाख कोशिश के बाद भी आपका दुर्भाग्य पीछा नही छोड़ रहा है तो आप निचे दिए गये शमी के पत्तो के उपाय को काम में ले . दशहरे पर शमी के पेड़ की पूजा करने के बाद उसके कुछ पत्तो को तोड़ ले और उसे एक रुमाल में बाँध कर रख ले .
जब भी आप किसी इच्छित काम को करने जाए तो अपने साथ यह रुमाल जरुर लेकर जाये , आपके काम जरुर बनेंगे .
नकारात्मक उर्जा करे दूर :- यदि आपके घर में नकारात्मक उर्जा का वास है तो आप दशहरे के दिन जब शमी के पेड़ की पूजा कर रहे है उसके बाद उसके काँटों और कुछ टहनियों से घर में हवन कराये . इसके धुवे से वो नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएगी .
बीमारी को दूर करने के लिए : - यदि आप बड़ी बीमारी से घिरे है तो दशहरे के दिन शमी पेड़ की पूजा के बाद एक लकड़ी तोड़कर उसे काले धागे में लपेट कर गले में पहन ले और विनती करे की शमी की यह लकड़ी आपकी बीमारी को दूर कर दे .
धन प्राप्ति के लिए : - यदि आपके घर में धन संचय नही हो पा रहा है तो आप दशहरे के दिन शमी की पूजा करके उसकी कुछ पत्तियों को तोड़ ले और उसे उसी दिन तिजोरी या फिर धन रखने की जगह पर रख दे .
तो दोस्तों ये थे दशहरे के दिन शमी के पेड़ से जुड़े कुछ उपाय जो हर तरह के सुख को देने वाले है चाहे वो शारीरिक सुख हो या फिर आर्थिक .
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सारांश
- तो दोस्तों दशहरे के दिन कैसे हम शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए . शमी के पेड़ का दशहरे और पांडवो से क्या सम्बन्ध है . शमी के पेड़ के दशहरे के दिन कौनसे उपाय है . यह सबसे हमने आपको इस पोस्ट में बताया है . आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा .
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