ऋषिपंचमी के त्योहार का महत्व , व्रत विधि और कथा
Rishi Panchami Festival Celebration , Importance , Fast Story : ऋषिपंचमी का पर्व हिन्दू पंचांग के भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी को मनाया जाता है। यह त्यौहार गणेश चतुर्थी के अगले दिन होता है। इस त्यौहार में सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है।
ये सप्त ऋषि है :- कश्यप ,अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ |
ऋषि पंचमी 2023
2023 में 20 सितंबर बुधवार को यह पर्व मनाया जायेगा | यह 19 सितम्बर मंगलवार को दोपहर 1 बज कर 43 मिनट पर पंचमी तिथि शुरू होगी जो अलगे दिन 20 सितम्बर को दोपहर 2 :16 तक रहेगी . उदयकाल को देखते हुए यह फिर 20 सितम्बर को मनाई जाएगी .
भाई पंचमी पर रक्षा बंधन
इस दिन ब्राह्मण ,पारीक समाज, कायस्थ समाज, माहेश्वरी समाज व दाधीच ब्राह्मण समाज के बहुत से लोग रक्षाबंधन का त्यौहार भी बनाते है | बहिने अपने भाई के लिए व्रत रखती है और अपने भैया को खाना खिलाकर उनके रक्षा सूत्र बांधती है | इस दिन विशेष रूप से चावल खाए जाते है .
पूजा विधि
इस दिन महिलाओ को घर की साफ़ सफाई करके स्नान करना चाहिए | फिर एक चोकी पर लाल वस्त्र बिछाकर सात ऋषियों के साथ देवी अरुंधती की स्थापना करनी चाहिए | फिर इन सभी की हल्दी , चंदन, पुष्प, इत्र , मोली , दीपक धुप , कपूर अक्षत आदि से पूजा करके उनसे अनजानी भूलो की क्षमा याचना करनी चाहिए | इस दिन व्रत रखकर ऋषि पंचमी व्रत की कथा सुने |
ऋषि पंचमी के दिन मंत्र जप
इस दिन इन सभी सात ऋषियों के नाम का स्मरण जप करना चाहिए | इनके नाम के आधार पर संस्कृत मंत्र निम्न है :
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।
गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।
उद्यापन :
उपरोक्त विधि से लगतार सात वर्ष तक ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखे और फिर अगले साल आठवें वर्ष में अपने सामर्थ्य अनुसार सात सोने की मूर्तियां (श्रद्धानुसार ) बनवाकर उसका विसर्जन करना चाहिए | इससे पहले सात ब्राहमण देव को भोजन कराये और दान दे |
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सारांश
- तो दोस्तों ऋषि पंचमी का महत्व और इस दिन क्यों ऋषियों की पूजा की जानी चाहिए . यह हमने आपको बताया है . इसके अलावा ऋषि पंचमी पर सात ऋषियों के मंत्र की भी हमने जानकारी दी है . आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा .
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