क्या होता है पंचक ? इसमे क्या करे और क्या नही करे

Hindu Dharm Me Panchak Kya Hota hai : हिंदू धर्म में अच्छे मुहूर्त का महत्व अत्यंत है | शुभ कार्य करना हो तो मुहूर्त जरुर देखा जाता है | इसके विपरीत एक पंचक होता है जिसमे शुभ कार्य करना मना है | ऐसा इसलिए होता है की पंचक में कुछ ऐसे नक्षत्र होते हैं जिन्हें बेहद अशुभ माना जाता है और जो कार्य में बाधा डालते है | जैसा की नाम से पता चल रहा है की यह खेल पांच नक्षत्रो का है जो है धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद एवं रेवती |

panchak me kya nukshan hai


एक  साल में कई बार पंचक आते है अत: ज्योतिषी से सलाह लेकर ही इस समय अवधि में शुभ कार्य करने से बचे |

विज्ञान के अनुसार भी पंचक होते है खास दिन 

विज्ञान भी पंचक को कुछ विशेष दिनों के रूप में देखती है . यह तो आप जानते है कि हमारी पृथ्वी सूर्य के चारो तरफ और पृथ्वी के चंद्रमा चारो तरफ चक्कर लगाता है .

विज्ञान बताता है कि 360 अंश वाले भचक्र में पृथ्वी 300 अंश से 360 अंश के मध्य भ्रमण करती है तब इस पांच दिनों की अवधि में चंद्रमा का प्रभाव हमारी धरती पर बहुत ज्यादा होता है.

साल में कब कब आते है पंचक 

आपको बता दे कि हर माह पांच दिनों का समय पंचक का होता है अत: साल के 12 महीनो में 5 दिन पंचको का निश्चित है . अत: साल के 365 दिनों में 60 दिन तो पंचको के ही आते है . 

पंचक में न करें ये 5 काम

1. पंचक में चारपाई या बेड बनवाना अच्छा नहीं माना जाता।

2. पंचक समय अवधि में दक्षिण दिशा में यात्रा करना भी शुभ नही रहता है | यम की यह दिशा दुर्घटना करवा सकती है |

3. यदि धनिष्ठा नक्षत्र का समय चल रहा है तो आग का विशेष ध्यान रखे | ईधन का सामान नही खरीदे अन्यथा आग लगने की संभावना हो जाती है |

4. पंचक काल में यदि रेवती नक्षत्र हो तो घर की छत नही बनवानी चाहिए |

5. पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने के अपने नियम है जो आपको योग्य पंडित बता सकते है |

किस नक्षत्र से क्या नुकसान हो सकता है

1. धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय रहता है।

2. शतभिषा नक्षत्र में लड़ाई , मनमुटाव के योग बनते हैं।

3. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र बीमारियों को लाने वाला माना गया है |

4. उत्तरा भाद्रपद में आर्थिक संकट के योग बनते हैं।

5. रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव होने की संभावना होती है।

सप्ताह के वार के हिसाब से पंचको के नाम 

रविवार - यदि कोई पंचक रविवार को आता है तो उसे रोग पंचक कहा जाता है .

सोमवार - इस सोमवार को आने वाले पंचक को राज पंचायत कहा जाता है . 

मंगलवार - यह वार उग्र मंगल का है अत: इस दिन आने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते है . 

शुक्रवार - जब पंचक शुक्रवार के दिन पड़े तो उसे चोर पंचक कहा जाता है . 

शनिवार - शनिवार के दिन पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है . 

सारांश 

  1.  तो मित्रो आज आपने जाना पंचक क्या होते है और यह कैसे हमें नुकसान पहुंचा सकते है . क्यों पंचको में कोई अच्छा काम करना शुभ नही माना जाता है .  आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा .

 

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