कृष्णा को पसंद है यह पांच चीजे

Bhagwan Shri Krishna Ko Priya Chije . वो पांच चीज़े कौनसी है जिनसे भगवान श्री कृष्ण अति प्रसन्न होते है | यह सभी चीज़े इन्हे अपने बचपन से सी प्यारी है | इसी धारणा से आज भी भक्त इन्हे यह चीज़े प्रदान कर इन्हे प्रसन्न करते है | आइये जाने यह पांच चीजे क्या है |

कृष्ण को प्रिय चीजे

वे चीजे जो कृष्ण को है सबसे ज्यादा प्रिय 

  • बांसुरी
  • गाय और ग्वाल
  • मोरपंख
  • माखन मिसरी
  • कमल के बीजो से बनी वैजयंती माला

इन के लिए कृष्णा का प्रेम उनके भक्तो को सीख भी प्रदान करता है | निचे पढ़कर जाने इन चीजो के रहस्य और ज्ञान के बारे में |

कृष्ण ने जन्म लेते ही किये थे ये 6 चमत्कार , दंग रह गयी थी दुनिया 

१) बांसुरी :

बांसुरी भगवान श्री कृष्‍ण को अति प्रिय है, इसे भगवान अपनी ख़ुशी और गम दोनों में बजाय करते थे | हमेशा उनके साथ उनकी बांसुरी रहती थी इसी करने उन्हें बंसीबजैया भी कहा जाता है | उन्हें बांसुरी प्रिय थी इसके पीछे बांसुरी के ३ गुण है |

  • बांसुरी में कोई गांठ नही होती इसी तरह मनुष्य को भी किसी भी बात की गांठ नही बांधनी चाहिए , किसी की बुराई को पकड़ के मत बैठो |
  • दूसरा गुण यह है की बांसुरी बिना बजाये बजती नही , अत: जब तक ना बोला जाये तब तक आप भी व्यर्थ ना बोले |
  • जब भी बांसुरी बजती है मधुर बजती है , अत: हम भी जब भी बोले मधुर और मीठा बोले और वातावरण को
  • दूसरा बिना बजाये ये बजती नहीं है। मानो बता रही है कि जब तक ना कहा जाए तब तक मत बोलो। और तीसरा जब भी बजती है मधुर ही बजती है। जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो, मीठा ही बोलो। जब ऐसे गुण किसी में भगवान देखते हैं, तो उसे उठाकर अपने होंठों से लगा लेते हैं

२) गौ माता का गुणों की खान 

भगवान श्रीकृष्ण को गौ अत्यंत प्रिय है। दरअसल, गौ सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है। गौ का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी, इन्हे पंचगव्य कहते हैं। मान्यता है कि इनका पान कर लेने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता। 

गौ माता

भगवान श्री कृष्ण के चमत्कारी मंत्र जिनसे पाए धन और हर सुख 

जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करता है, वह सब पापों से मुक्त होकर अक्षय स्वर्ग का सुख भोगता है।

३) मोरपंख से ब्रह्मचर्य की शिक्षा

मोर ही एकमात्र प्राणी है जो -ब्रह्मचर्य का पालन करता है | इसके आँसू से ही इसके संतान होती है | मोरनी मोर के आँख के आँसू को पीकर ही संतान को जन्म देती है |

मोरपंख


इस तरह इस सुन्दर प्राणी के पंख कृष्णा को बहूत पसंद है और हमेशा उन्हें अपने सर पर मोरमुकुट के रूप में सजाते है | हालाकि वैज्ञानिक इस मान्यता को गलत बताते है और मोर का प्रजनन प्राकृतिक रूप से ही बताते है . 

४) कमल की तरह रहें पवित्र

कमल गन्दगी में पनप कर भी बहूत सुन्दर और पवित्रता का प्रतीक है | इसकी खुशबु मन को मोह लेती है | यह हम्हे जीवन जीने का सन्देश देता है की आपके आस पास कितना भी अवगुण क्यों ना हो , आप चाहे तो आप गुणवान बन सकते है | आपको वो अवगुण छू भी नहीं सकते |

कृष्ण जी के गले में शोभित है कमल के बीजों से बनी वैजयंती माला जो चमकदार होती है , बीज सख्त होने के कारण टूटते नही है | यह माला हम्हे सीख देती है किसी भी अवस्था में टूटे नही , हमेशा चमकदार बने रहे और इन बीजो की मंजिल है धरा तो हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहे | कितने भी बड़े क्यों ना हो जाओ पर अपनी पूर्व पहचान के नजदीक बने रहे | जो इस तरह के होते है उनके भगवन अपने गले लगा लेते है |

यही कारण है कि बहुत से देवी देवता या तो कमल पर आसन लगा कर बैठते है या फिर फिर कमल उनके हाथो की शोभा को बढाता है . 

५) माखन मिसरी से सीखें मीठास

हमारे  कान्हा को माखन मिसरी बहुत ही प्रिय है। मिसरी में सबसे बड़ा गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है, तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है। 

माखन मिश्री का भोग


यह हमें सीख देती है की हमारा व्यवहार भी ऐसा ही होना चाहिए की हमारे आस पास  व्यवहार की मीठास घुल जाये | हमारे  सम्पर्क में आकर आस पास भी मधुर गुण भर जाये |

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सारांश 

  1. आपने जाना कि विष्णु के 8वे अवतार श्री कृष्ण को सबसे ज्यादा प्रिय चीजे कौनसी है जो पूजा पाठ में या श्री कृष्ण को अर्पित करने से वो जल्द प्रसन्न होते है  . आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट ज्ञानवर्धक और रोचक लगी होगी . 

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