हरिद्वार में हर की पौड़ी का महत्व
देव भूमि उत्तराखंड धार्मिक रूप से सबसे बड़ा राज्य है और यहा की धार्मिक यात्रा हरिद्वार से शुरू होती है . हरिद्वार में गंगा स्नान करके आप पवित्र होकर फिर ऋषिकेश और उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा कर सकते है .
हर की पौड़ी हरिद्वार के मुख्य घाट में से एक घाट है जिसमे आप सबसे सुलभ तरीके से नहा सकते है . यहा गंगा जी की एक छोटी धार ही आती है और कुल गहराई 4 से 5 फीट की है . गंगा में दुबकी लगाने के लिए यह सबसे उत्तम जगह है .
संध्या के समय इसी घाट पर महा गंगा आरती की जाती है .
हर की पौड़ी का पौराणिक महत्व
पुराणों में ऐसा जिक्र आता है कि जब देवताओ और दैत्यों के प्रयास से समुन्द्र मंथन किया गया था तब जब धन्वंतरी अमृत कलश लेकर समुन्द्र से निकले थे . उन्हें देखकर देवता और दैत्य अमृत कलश को पाने के लिए युद्ध करने लगे और धन्वंतरी भी अमृत की रक्षा के लिए आकाश मार्ग से भटकने लगे . इस बीच उस अमृत कलश में से कुछ अमृत की बुँदे धरती पर कुछ जगह गिर गयी जिसमे से एक जगह हरिद्वार में हर की पौड़ी भी है .
यही कारण है कि यह जगह धार्मिक महत्व वाली है और यहा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापो का नाश होता है .
यहा दक्ष शिला मुख्य आकर्षण का केंद्र है जो एक बड़ा लम्बा पिलर है . इस पर बड़ी से घडी भी लगी हुई है . पहले इसका रंग दूसरा था पर अब इसे फिर से दुसरे रंग में कर दिया गया है .
इसके चारो दिशाओ में घडी लगी हुई है जिससे आप दूर से समय देख सकते है . भक्त लोग आकर यहा फोटो जरुर खिचाते है .
अभी इसका रंग गोल्डन ब्राउन दो शेड में है .
पहले यह सफ़ेद और इतिया रंग में हुआ करता था . निचे आप पुरानी वाली दक्ष शिला को देख सकते है .
माँ गंगा की रजत पालकी और मूर्ति
हर की पौड़ी में प्रवेश द्वार के पास ही आपको एक मंदिर दिखाई देगा जहाँ तीन चार गंगा माँ कि रजत मूर्तियाँ है और यही पर आपको चांदी की पालकी के भी दर्शन होंगे . संध्या को होने वाली गंगा आरती के समय इन पालकियो में माँ गंगा जी मूर्तियों को विराजित करके घाट पर लाया जाता है और फिर महा गंगा आरती की जाती है .
माँ गंगा के पतित पावनी दर्शन ....श्वेत वस्त्र ,, श्वेत श्रंगार , रजत सिंगासन और आगंतुको पर प्यार ....माँ है इसलिए हर बुराई भुला कर गले लगा लेती है , ना जात देखती है ना पैसा और ना ही कर्म बस इसकी शरण मे आ गये बस इतना देखती है 🙏हर 🙏 हर 🙏गंगे
माँ गंगा के वस्त्र ,आभूषण और पालकी सभी श्वेत रंग में है .
गंगा हजारो भक्त करते है हर दिन स्नान
यहा हर दिन हजारो भक्त आकर स्नान करते है . यहा का पूर्णिमा का स्नान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है .
ब्रह्मकुंड के पास के मंदिर
हर की पौड़ी के सामने ही ब्रह्म कुंड का चबूतरा है जो कि काले सफ़ेद पत्थर से बना है . यही पर आपको गंगा सभा सेवा का कार्यालय भी मिल जायेगा
यहा हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड भी कहते है . यहा आपको मुख्य रूप से गंगा जी के मंदिर , काल भैरव , बद्रीनारायण , हनुमान जी के मंदिर दिखाई देंगे . मंदिर छोटे है पर आप बाहर से दर्शन कर सकते है .
संकटमोचक हनुमान |
काल भैरव मंदिर हरिद्वार |
रामायण के रचक वाल्मीकि जी का मंदिर |
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