ग्रहण के दौरान भी इस मंदिर के पट बंद नही होते ?
जी हाँ | यदि आप ऊपर लिखी हैडिंग पढ़कर हैरान हो रहे है तो हमको बता दे कि भारत में एक ऐसा मंदिर है जो सूर्य या चन्द्र ग्रहण के समय बंद नही होता है | हिन्दू धर्म शास्त्रों में बताया गया है ग्रहण काल में सूतक के समय मंदिरों के पट बंद हो जाते है | ग्रहण समाप्ति के बाद शुद्ध जल और गंगा जल से मंदिरों को शुद्ध करके फिर से मंदिर खोले जाते है | मंदिरों में सुतक से लेकर ग्रहण हटने तक देवी देवताओ के दर्शन नही किये जाते है पर कालका मंदिर सबसे अलग है जहाँ ग्रहण काल में भी मंदिर के पट दर्शन के लिए खुले रहते है .
पर आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे है , वहा ग्रहण के समय भी पट खुले हुए रहते है |
कौनसा और कहाँ है यह मंदिर
यह मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली में स्तिथ कालका जी (Maa Kalka Temple Delhi ) का है जो दिल्ली के प्रमुख धार्मिक पर्यटक स्थलों में से एक है | इस मंदिर में 12 द्वार 12 महीनो के घोतक है |
ग्रहण में क्यों खुला रहता है यह कालका मंदिर दिल्ली
दुनियाभर के मंदिरों से अलग यह मंदिर क्यों सूर्य /चन्द्र ग्रहण में खुला रहता है , आइये आपको बताते है इसका कारण | इस मंदिर में मान्यता है कि ज्योतिष के सभी नौ ग्रह माँ कालका के अधीन है अत: इस मंदिर पर ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता | यही कारण है की जब दुनिया भर के मंदिरों के पट ग्रहण के समय बंद होते है , वही कालका माई का मंदिर खुला रहता है |
कौन है कालका माँ
काल के ऊपर जो माँ है उसका नाम है कालका | इन्हे महाकाली के रूप में भी आप जान सकते है | देवताओ की रक्षा और दानवो के संहार के लिए माँ ने अवतार धारण किया था | यह मंदिर उन्ही कालका का एक सिद्धपीठ है | मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। यह प्राचीन काल में अरावली श्रंखला पर सूर्यकूट पर्वत पर स्तिथ था | स्वयं श्री कृष्ण ने पांडवो को इस मंदिर में माँ काली की पूजा अर्चना करने की बात कही थी |
इस मंदिर की देवी के लिए विशेष मंत्र
श्री कालिके शुभदे देवी, सूर्यकोट निवासनी ।
त्वम देवी महामये विश्वरूपये नामस्तुतिये ।।”
महाकाल मंदिर में भी यह प्रथा
उज्जैन में महाकालेश्वर शिवलिंग में भी यह नियम
ग्रहण काल में महाकालेश्वर मंदिर को भी ग्रहण का कोई प्रभाव नही पड़ता है . शिव यहा महाकाल के रूप में विराजमान है जो कि कालो के काल है अत: ग्रहण का दुष्प्रभाव इस मंदिर पर नही पड़ता है .
हालाकि ग्रहण के दौरान भक्त मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नही कर सकते है और ना ही शिवलिंग का अभिषेक कर सकते है .
हां मंदिर के पुजारी इस दौरान मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना महाकाल की कर सकते है .
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सारांश
- तो दोस्तों भारत की राजधानी दिल्ली के एक ऐसे अजब गजब मंदिर के बारे में जाना जो ग्रहण के समय भी बंद नही होता है . यह मंदिर है कालका देवी जी का जो सूर्य या चन्द्र ग्रहण के समय भी दर्शन के लिए खुला रहता है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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