भारत की ये 8 परम्पराए आपको चौंका देगी
Weird Indian Traditions Or Superstations in Hindi भारत एक बड़ा देश है जिसमे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश है . उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक जाने पर बहुत से रीति रिवाज और परम्पराए इस देश में देखने को मिलती है .
ज्यादातर परम्पराए आपको गाँवों में ही देखने को मिलेगी . कुछ प्रथाए तो उस स्थानीय जगह पर सामान्य मानी जाती है और दूसरी जगह लोग ऐसी प्रथाओ के बारे में जानकर हैरान हो जाते है . इन प्रथाओ को पूरा करने में बहुत रिस्क होता है और इनमे कई लोगो की जिन्दगी दांव पर लग जाती है फिर भी आज भी यह प्रथाए चल रही है .
आज की पोस्ट में हम India Me Ajab Gjab Riti Riwaj के बारे में आपको बताएँगे और आप हमें बताये की ये अन्धविश्वास है या फिर आस्था .
कुछ लोगो के लिए यह आस्था है तो कुछ लोग ऐसी प्रथाओ को अंधविश्वास कहते है .
आइये जानते है कि भारत में कुछ ऐसी अजीबोगरीब प्रथाए और परम्पराओ के बारे में जिन्हें सुनकर आप यकीन नही करेंगे .
मेंढ़क और मेंढ़की शादी
भारत में बहुत सी जगहे अभी भी ऐसी है जहाँ वर्षा के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी कराई जाती है . इन जगहों की मान्यता है कि मेंढक वर्षा से जुड़ा प्राणी है और जब इसका विवाह किया जाता है तो इंद्र देव बहुत प्रसन्न होते है और वर्षा करते है .
इस वर्षा से मेंढक और मेंढकी बहुत खुश होते है और प्रजनन करके अपने बच्चो को जन्म देते है .
यह मान्यता भारत में असम और त्रिपुरा के आदिवासी लोगो की है और वे हर साल मेंढक और मेंढकी का विवाह करवाते है .
बच्चो को छतो से फेंकना
भारत में महाराष्ट्र के शोलापुर में बाबा उमर दरगाह पर एक अजीबोगरीब रिवाज है . यहा बच्चो को छत से निचे फेंका जाता है जिन्हें निचे खड़े लोग कैच करते है .
अब सोचिये की यदि कैच करने में कोई गलती हो जाये तो बिचारे बच्चे का क्या होता होगा .
बच्चो को निचे फेंकने के पीछे इन लोगो का विश्वास है कि इससे उसके परिवार का भाग्य जागता है .
अब इसे आप अंधविश्वास कहेंगे या आस्था .
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गर्म दूध से बच्चों को नहलाना
अब इसे आप अंधविश्वास कहेंगे या कोई चमत्कार कि भारत में एक ऐसी अजीबोगरीब परम्परा है जिसमे छोटे से बच्चो को उबाल खाते दूध में नहलाया जाता है . यह काम खुद बच्चे का बाप करता है . इसके बाद उसे भी गर्म दूध से नहाना पड़ता है .
यह प्रथा नवरात्रि के समय की जाती है जिसे कराहा पूजन कहते है . भारत में वाराणसी और मिर्जापुर में यह देखने को मिलती है .
कहते है कि ऐसा करने से बच्चो को अच्छा भाग्य प्राप्त होता है .
छोटी बच्चियों की कुत्ते से शादी
अब आप इस गन्दी परम्परा के बारे में क्या कहेंगे ? इस रीति रिवाज में भारत में कुछ जगहों पर छोटी बच्चियों की शादी एक कुत्ते से कराई जाती है . ये लोग मानते है कि इस विवाह के बाद बच्ची के ऊपर से भूत प्रेतों का काला साया हट जाता है , साथ ही यदि उसकी कुंडली में कोई बड़ा दोष हो तो वो भी शांत हो जाता है .
फोटो :- https://hindi.oneindia.com |
यह प्रथा झारखण्ड के कुछ इलाको में निभाई जाती है . ख़ास बात यह है कि ऐसे शादियाँ भी बड़ी धूम धाम से करवाई जाती है और उतना ही पैसा खर्च किया जाता है . कई बार 18 वर्ष तक की लडकियों की भी शादी डॉग से करवा दी जाती है .
दोस्तों क्या आपको यह प्रथा सही लगती है . कमेंट में जरुर बताये .
गायो के पैरो में आना
उज्जैन के आस पास के गाँवों में यह परम्परा देखी जाती है . दीपावली के बाद आने वाली एकादशी पर लोग एक बड़े मैदान में जमा हो जाते है . उसके बाद वे गायो के पैरो में मेहन्दी लगाते है और खुद मैदान में माला पहन कर लेट जाते है .
गायो को फिर छोड़ दिया जाता है जिससे की वे लेटे हुए आदमियों के ऊपर से गुजर सके .
लोगो की मान्यता है कि यदि उनके पीठ पर गाय अपने पैर रखकर जाती है तो उनकी मनोकामना जरुर पूर्ण होगी .
आपको यह सुनने में बड़ी अजीब परम्परा लगे पर यहा के लोगो की इसी परम्परा में अटूट विश्वास है .
चेचक का इलाज शरीर पर सहते है घाव
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में यह एक अनोखी परम्परा हनुमान जयंती के दिन देखने को मिलती है .
वे अपने शरीर को छिदवाते है . उनकी सोच है कि इससे चेचक माता उनसे प्रसन्न होती है और उनकी चेचक जैसे रोग से रक्षा करती है .
गाल छिड़वाने की परम्परा
पश्चिमी बंगाल में दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा महत्व है और यहा के लोग माँ दुर्गा , काली माता के बहुत बड़े भक्त होते है .
कोलकाता से 60 किमी की दुरी पर एक गाँव है जिसका नाम है बंडेल . इस गाँव में आपको एक ऐसी चौंकाने वाली परम्परा देखने को मिलेगी जिसे देखकर आपकी रूह तक कापं सकती है .
यहा लोग देवी माँ को प्रसन्न करने के लिए बहुत दर्द भरी रीति रिवाज निभाते है .
Photo- https://navbharattimes.indiatimes.com/ |
यहा की महिलाये अपने गालो में आर पार नुकीली सुइयां गुसा लेती है और फिर रूद्र नाच करती है . चेहरे के अन्दर से खून बहने लगता है पर आस्था के नाम पर वो ये दर्द झेल जाती है .
इस वे एक अलग तरह की पूजा कहते है जिसे वो लोग मुथूमारीअम्मन कह कर पुकारते है .
उन लोगो का मानना है कि इस दर्द से माँ के प्रति वे अटूट समर्पण दिखाते है और माँ भी बदले में उनके भाग्य के द्वार खोल देती है .
जमीन में आधे शरीर को गाढ़ना
आंध्रप्रदेश और उत्तरी कर्नाटक की भी कुछ गाँवों में आपको अजब गजब रीति रिवाज देखने को मिलेंगे .
यहा छोटे बच्चो को अपंगता से बचाने के लिए एक अनोखी परम्परा निभाई जाती है . गाँव वाले बच्चो को सूर्य और चन्द्र ग्रहण के दिन बच्चो को मिट्टी का गढ़ा खोद कर आधा दबाते है .
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इस तरह बच्चे का आधा निचला शरीर गड्ढे में और आधा शरीर बाहर रहता है .
यह परम्परा बहुत समय से इन गाँवों में चल रही है . गाँव वालो का मानना है कि इससे काफी फायदा उन्हें हुआ है .
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Conclusion (निष्कर्ष )
भारत में कुछ ऐसे चौंकाने वाले रीती रिवाज और परम्पराए आज भी चल रही है , जिसे सुनकर आप यकीन नही करेंगे . जहाँ हम डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर गये है वहा आज भी यह अंधविश्वास के नाम पर कई धारणाये आज भी आपको देखने को मिलेगी .
आशा करता हूँ यह पोस्ट आपको ज्ञानवर्धक लगी होगी .
यदि इस पोस्ट को लेकर आप कोई सुझाव देना चाहते है तो आप कमेंट के माध्यम से हमें बता सकते है . हमारी पूरी कोशिश रहेगी की हम आपके कमेंट पर सुधार कर सके .
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