क्यों डेथ वैली को माना जाता है इतनी रहस्मई जगह
Mystery of Death Valley's Moving Stones . What is Death Valley . इस संसार में बहुत सी ऐसी जगहे है जो अपने साथ कई रहस्य को छिपा रखी है . ये सभी जगहे दुनिया में सबसे अलग हटकर है और विशेष है . इन जगहों के अपने रोचक किस्से है .
ऐसा ही कुछ है अमेरिका में स्थित डेथ वैली यानी की मृत घाटी के साथ . जैसा इसका नाम है वो ही चौंकाने वाला है क्योकि इसमे डेथ (मृत्यु ) का नाम आया है .
तो आज हम इस आर्टिकल (डेथ वैली के चौंकाने वाले फैक्ट्स और रहस्य ) में जानेंगे कि आखिर क्या है यह डेथ वैली और इसका नाम क्यों डेथ वैली रखा गया .
साथ ही डेथ वैली के वो कौनसे रहस्य है जो इसे सबसे अलग हटकर दिखाते है ?
मृत घाटी (डेथ वैली ) कहाँ स्थित है
रहस्मई डेथ वैली अमेरिका में कैलिफोर्निया के दक्षिण-पूर्व में नेवाडा स्टेट के पास स्थित है . यदि इसके आकार की बात करे तो यह 225 किलोमीटर लम्बी और 8 से 14 किमी चौड़ी है .
यहा हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसका चौड़ाई फिक्स नही रहती है और हमेशा घटती और बढती है .
क्या है डेथ वैली ?
इस घाटी को मौत की घाटी कहाँ जाता है . यह अमेरिका जाने वाले रास्ते में पड़ता है . यह स्थान विश्व के सबसे गर्म स्थानों में से एक है . जब कोई जानवर या इंसान इसमे से गुजरता है तो उनमे से बहुत से जीव इस घाटी के द्वारा मारे जाते है .
वैज्ञानिको ने जब इस घाटी का परिक्षण किया तो यहा हजारो इंसानों और जीव जन्तुओ के कंकाल मिले .
ये कंकाल इस घाटी के मौत के खेल की कहानी सुनाते है . इसके साथ ही यह बहुत बड़ा गर्म रेगिस्तान है जहा पेड़ पौधो का कोई निशान नही है . बस चारो और बजंर जमीन .
इसी कारण इस घाटी को मौत की घाटी या Death Vally कहा जाता है .
दुनिया के सबसे गर्म स्थानों में से एक
Most Hottest Area of The Earth having Maximum Temperature .
इसे दुनिया में सबसे गर्म स्थानों में माना जाता है इसी कारण यहा दूर दूर तक रेगिस्तान बसा है . साथ ही पेड़ पौधो का नामो निशान नही है .
साल 1913 में 10 July को इस जगह का तापमान रिकॉर्ड तोड़ 57 डिग्री सेल्सियस नोट किया गया था . उस समय पांच दिन लगातार तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक रहा था .
आज तक दुनिया में इसे ज्यादा कोई गर्म क्षेत्र नही देखा गया .
डेथ या डेजर्ट वैली (Death Valley ) के बाद दुसरे नंबर पर सबसे ज्यादा तापमान वाली जगह है ओअर्गला, अल्जीरिया ( Ouargla, Algeria ) . यहा Height Temperature 51.3 सेल्सियस तक जा चुका है .
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खिसकते पत्थर भी है एक रहस्य
इस घाटी का एक रहस्य यह भी है कि यहा बड़े बड़े पत्थर अपने आप ही खिसकते है . ये कोई छोटे मोटे पत्थर नही बल्कि 100 किलो से ज्यादा वजनी पत्थर है . यह 3 किमी तक अपने आप खिसक जाते है . जब कोई बाहरी व्यक्ति इसे देखता है तो पत्थर के खिसकने के बहुत लम्बे निशान मिट्टी पर बन जाते है .
सबसे अहम बात यह है कि यह घाटी सपाट है और कोई गुरुत्वीय बल इन पत्थरो को नही खिसका रहा है .
ये किस फ़ोर्स के द्वारा खिसकते है , यह आज तक पहेली बना हुआ है .
क्या कहते है वैज्ञानिक
पत्थरो के बिना किसी बल खिसकने की घटनाये 1900 से ही हो रही है और सभी के लिए एक रहस्य बना हुआ है .
जब इस डेथ घाटी में पत्थरो के अपनी जगह छोड़ने के ऊपर वैज्ञानिको ने अपना शौध किया तो इसके पीछे अलग अलग कारण बताये गये .
1 ) एक वैज्ञानिक ने बताया कि यह पत्थर विशेष तरह के है जिसमे आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा है जबकि जमीन में चुम्बकीय शक्ति है . ये पत्थर इसी लौह चुम्बकीय आकर्षण के कारण अपनी जगह छोड़ कर अपने आप खिसकते है .
2) एक दुसरे वैज्ञानिक ने अपनी रिपोर्ट में इसके पीछे का कारण मिट्टी पर मौसम को बताया . इनके अनुसार यहा बहुत तेज हवाए चलती है , साथ ही रात में बर्फ पड़ती है और मिट्टी में चिकनाहट है . ये तीनो बातो मिलकर विशिष्ट परिस्थति में इन पत्थरो को खिसकाते है .
कुछ लोगो का इसे लेकर अपना नजरिया है , वे इस जगह को शापित मानते है और इसे पारलौकिक शक्तियों की जगह बताते है . यहा होने वाली बहुत ही रहस्मई मौत का कारण भी वे इसी भुत प्रेतों को मानते है .
इनके अनुसार भुत प्रेत अपना वजूद बताने के लिए इन पत्थरो को अदर्श्य रूप से खिसकाते है .
2013 में सुलझ गयी पत्थरो के खिसकने की गुत्थी
साल 2013 में एक वैज्ञानिक ने यहा कैमरे लगाये और बारीकी से इन पत्थरो पर नजर रखी . यह सर्दियों का समय था . हालाकि डेथ वैली एक रेगिस्तान है जो बहुत गर्म तापमान के लिए जाना जाता है . फिर भी सर्दियों की रात में यहा बर्फ़बारी होती है .
कैमरे में जो कैद हुआ वो देखने लायक था . वैज्ञानिक ने देखा कि रात को तेज बारिश हो और साथ में बर्फ़बारी हुई . इससे वो पत्थर के एक बर्फ की शीट पर आ गये थे . सुबह जब धुप हुई तो यह शीट के बड़े बड़े टुकड़े हो गये और थोड़ी सी हवा से भी यह पत्थर को साथ ले जाकर खिसकने लगे .
जैसे जैसे धुप बढ़ी इस शीट का पानी पिघलने लगा पर पत्थर तब तक अपनी जगह बदल चुके थे , साथ ही उनके मिटटी में खिसकने के निशान उभर गये थे .
इस तरह डेथ वैली में पत्थरो के खिसकने का राज साल 2013 में सुलझ गया और पूरी दुनिया समझ गयी कि आखिर यह पत्थर कैसे खिसकते है .
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Conclusion (निष्कर्ष )
मित्रो इस पोस्ट ( अमेरिका की डेथ वैली से जुड़ी रोचक बातें और फैक्ट्स ) में आपने जाना दुनिया के सबसे गर्म स्थान के बारे में जो अपने आप में रहस्य बना हुआ है .
यहा मिट्टी में आज भी आपको दबे पडे नर और पशु कंकाल मिल जायेंगे . साथ ही यहा पत्थरो का अपने आप खिसकना भी किसी चमत्कार से कम नही है . हालाकि आज से 9 साल पहले एक वैज्ञानिक ने यह रहस्य सुलझा दिया कि क्यों Death Valley Stones अपनी जगह छोड़ कर दूसरी जगह चले जाते है .
आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट ( Death Valley Facts in Hindi ) बहुत ज्ञानवर्धक लगी होगी तो इसे ध्यान से पढ़े और दोस्तों के साथ शेयर कीजियेगा .
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