कुबेर यंत्र क्या होता है और इससे कैसे आर्थिक लाभ मिलता है ?

What is Kuber Yantra in Hindi . हिन्दू धर्म में धन धान की देवी लक्ष्मी तो धन के देवता कुबेर को माना जाता है | इन्हे देवताओ के खजाने का द्वारपाल भी कहा जाता है | कुबेर यन्त्र में इनकी कृपा संचित रहती है | यहा आप पढ़ सकते है की कैसे बने कुबेर धन के देवता | इस यंत्र को भी सिद्ध कर लेते है उन्हें धन की कभी कमी नही आती है |

कुबेर यंत्र से मिलने वाले लाभ

कुबेर यन्त्र की स्थापना कब करे

इसकी स्थापना आप शुभ मुहूर्त में दिवाली या धनतेरस के दिन करे तो बहुत अच्छा होगा | इसको घर में स्थापित करने से पहले इसका शुद्धिकरण , प्राण प्रतिष्ठा और विशेष मंत्रों से जाग्रत किया जाता है . स्थापना बाद हर दिन इसकी पूजा करे और अपनी तिजोरी में रखे | यह यन्त्र आय के कई मार्ग खोल देता है |

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कैसे करे इसे सिद्ध

इसे किसी सुयोग्य कर्म काण्ड और ज्योतिष के जानकर पंडित द्वारा स्थापित कराये और कुबेर के मंत्र के जाप द्वारा सिद्ध करे . साथ ही इसके आस पास साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखे क्योकि स्वच्छता में ही माँ लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक उथान के अवसर बढ़ते है . इसके साथ ही इसकी नियमित रूप से पूजा और भगवान कुबेर से धन प्राप्ति की विनती की जानी चाहिए . यदि आप इसके साथ ही श्री यंत्र को भी रखते है तो इसके लाभ दुगुने मिलना शुरू हो जाते है . श्री यंत्र धन की देवी लक्ष्मी जी का चमत्कारी यंत्र है .

कहाँ रखना चाहिए कुबेर यंत्र को ?

इसे रखने का सबसे उत्तम स्थान घर की तिजोरी या वो जगह है जहाँ आप अपना धन रखते है . इसके अलावा घर के मंदिर में भी आप इसे स्थापित कर सकते है .

घर का मंदिर वो जगह होती है जहाँ सबसे ज्यादा सकारात्मक उर्जा होती है . ऐसे में यह उस उर्जा से चार्ज होता रहता है ओर अपने प्रभाव आप लोगो की आर्थिक जिंदगी पर डालना शुरू कर देता है इससे धन प्राप्ति के अवसर मिलना शुरू हो जाते है . 

कुबेर यंत्र कैसा होता है ? 

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कुबेर यंत्र मुख्य रूप से स्वर्ण , भोजपत्र , कागज , ताम्ब्र पत्र पर बनाया जाता है .   कुबेर यंत्र को मुख्यत पांच आकृतियो से बनाया जाता है जिसमे 

kuber yanatra kaisa hota hai

इसके निर्माण में आठ दिशाओ को रखा जाता है जैसी की वास्तु शास्त्र में आठ दिशाओ का महत्व है .  ये दिशाए है ईशान , आग्नेय , सोमाय , वग्राय , यमाय , नैत्रण दिशा , वरुणाय  आदि 

कैसे बढ़ाये  कुबेर यंत्र का प्रभाव 

घर में स्थापित करने के बाद कुबेर यंत्र की नित्य पूजा अर्चना और विशेष मंत्रो का जप करने से यह चमत्कारी बन जाता है और अपना सकारात्मक प्रभाव आपके भाग्योदय के लिए दिखाना शरू कर देता है .

कुछ ऐसे मंत्र बताये गये है जो कुबेर देवता से जुड़े है और इस यंत्र को जाग्रत करने का काम करते है .

मुख्य कुबेर मंत्र - 

ॐ श्रीं - ॐ ह्रीं श्रीं - ॐ ह्रीं श्रीं वित्तेश्वराय: नमः 

इस मंत्र में लक्ष्मी बीज मंत्र के साथ कुबेर का भी मंत्र जाप है अत: यह मंत्र दोनों की कृपा बरसाता है . इसे आप पूजा के समय  कम से कम 21 बार या 108 बार कमलगट्टे की माला के साथ जरुर जपे .  

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सारांश 

  1. कुबेर यंत्र क्या होता है और इसकी स्थापना कैसे की जाती है और साथ ही जाना कि कैसे यह यंत्र आर्थिक उन्नति के मार्ग खोलता है .  कुबेर यंत्र से जुड़े मुख्य मंत्र और स्थापना नियम क्या है  .आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी 

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