दुनिया की अजीबोगरीब महामारी जब नाचते नाचते 400 लोग मारे गये
Dancing Death Plague in 1518 Covered in Hindi क्या नाचने से कोई मर सकता है , आप कहेंगे जरुर मर सकता है . पर क्या नाचने से 400 लोग मर सकते है ? अब आप कहेंगे ऐसा नही हो सकता है . पर इतिहास में एक घटना इसी सत्यता को बताती है .
दोस्तों नाच खुशी से जुड़ा होता है जो हम प्रसन्न होकर करते है और करते समय स्टेप्स का ध्यान रखते है . इसकी एक सीमा भी होती है .
यह बात है आज से 500 साल पहले की . साल 1518 फ्रांस का नाम स्ट्रासबर्ग था . यहा एक ऐसी तबाही आई थी जिस पर यकीन कर पाना बहुत ही मुश्किल है .
यह तबाही थी लोगो के एक साथ मरने की . पर यह मौत जिस तरह हुई उस पर यकीन कर पाना संभव नही है .
जी हां . यह मौत नाचते नाचते हुई . वो भी एक नही , दो नही , दस नही बल्कि 500 से ज्यादा लोगो की .
इसे मौत का डांस कहा गया .
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कैसी फैली मौत के नाच की यह बीमारी
यूरोप के स्ट्रासबर्ग शहर में साल 1518 एक रात फ्राउ ट्रॉफी नामक महिला अचानक नाचने लगी . हैरान कर देने वाली बात यह थी उस समय कोई म्यूजिक या गाना नही चल रहा है . वो ऐसे नाच रही थी जैसे कि उसे बहुत तेज म्यूजिक सुनाई दे रहा हो . अपने नाच में वो इतनी मगन थी कि उसे आस पास के बारे में कुछ नही पता था .
वो नाचते नाचते रोड पर आ गयी और लगातार नाचती ही रही . लोगो को यह विचित्र लग रहा था , लोगो को यह भी लग रहा था कि इसका दिमागी संतुलन बिगड़ चूका है . कुछ लोग हँसते तो कुछ हैरान थे .
फ्राउ ट्रॉफी को खुद नही पता था कि वो कब डांस करने लगी और उसे कब तक डांस करते रहना है .
पर फिर आश्चर्य का ठिकाना नही रहा जब फ्राउ ट्रॉफी के पडोसी भी अपने घरो से बाहर नाचते हुए आने लगे . वो सभी बेसुध होकर नाच रहे थे .
देखते ही देखते लोगो का हुजूम लग गया . भीड़ में से से भी बहुत से लोग इन नाचते हुए लोगो को देखकर मग्न होकर नाचने लगे .
पूरी रात 100 से ज्यादा लोग लगातार नाचे जा रहे थे , सभी की आँखे बंद थी , उनके चेहरे पर कोई भाव ना था .
बहुत से थक चुके थे , पर जैसे वो अपनी थकान को मानना ही नही चाहते थे , लग रहा था कि वो इंसान नही बल्कि मशीन है . थक कर कई गिर गये थे , बहुत से लोगो की साँसे फूल गयी थी और बहुत से बेहोश होकर गिर पड़े थे .
उस रात नाचते नाचते 15 लोग मर गये .
Photo https://historydaily.org |
अगली सुबह भी लोगो का नाच लगातार चलता था और वे ज्यादातर नाचते नाचते मरते गये .
लोग इतना नाचते कि उनके पैरो , नाक और मुंह से खून बहने लगता . कोई उन्हें रोके तब भी वो रुकते नही थे . यह तमाशा पुरे 6 दिन तक चला और लगातार नाचने के कारण करीब 400 लोग मारे गये .
स्ट्रासबर्ग प्रशासन इस घटना से सकते में आ गया . वे समझ नही पा रहे थे कि यह कैसी बीमारी थी जिसमे लोग लगातार नाच नाच कर मर रहे है .
3 दिन बाद फिर सब सामान्य हुआ पर इतिहास में यह रहस्य छोड़ गया कि आखिर यह नाच क्यों नाचा गया और एक साथ क्यों 400 लोग इस डांस संक्रमण के शिकार हुए .
स्ट्रासबर्ग प्रशासन ने इस बेहद डरा देने वाली मौत को डांसिंग डेथ प्लेग (Dancing Death Plague) का नाम दिया .
फ्राउ ट्रॉफी का कोई सुराग नही
जैसा कि हमने इस आर्टिकल के शुरू में बताया था कि इन सभी नाचने वाले लोगो में सबसे पहले फ्राउ ट्रॉफी नाची थी . यही वो महिला थी जिसके डांस के कारण बाकी 400 लोग नाचना शुरू किये और फिर अपने प्राणों से हाथ दो बैठे .
स्ट्रासबर्ग प्रशासन ने जब मृतको को पहचान की तो उनके होश उड़ गये कि इसमे फ्राउ ट्रॉफी थी ही नही .
उनकी लाश आज तक नही मिली , ना ही फिर किसी ने उसको कही देखा .
आखिर कहाँ चली गयी है नाच का संक्रमण फ़ैलाने वाली फ्राउ ट्रॉफी .
यह आज तक रहस्य बना हुआ है . क्या वो इंसान थी या कोई आत्मा .
डांसिंग डेथ के पीछे बहुत सी थ्योरी
इतिहास की यह घटना ने पूरी दुनिया को हिला दिया था . आखिर कैसे एक लोगो का बड़ा ग्रुप अपने दिमाग का संतुलन खो कर मरने तक लगातार नाच सकता है .
अलग अलग शौधकर्ताओ ने अपनी अपनी रिपोर्ट दी जिससे एक पीछे का कारण पता चल सके .
फूड पोसिनिंग था मौत कर कारण
एक रिपोर्ट में बताया गया कि इन सभी लोगो की मौत का कारण फूड पोसिनिंग (Food Posining) था . ये सब लोग ऐसा अनाज खा चुके थे जो संक्रमित था . इस संक्रमण के कारण इन सभी के दिमाग को बहुत प्रभावित किया . जैसे एक ड्रग दिमाग पर असर डालती है . दिमाग फिर बस एक ही काम को लगातार करना चाहता है .
सबसे पहले यह असर फ्राउ ट्रॉफी पर हुआ , हो सकता है उसे डांस पसंद हो और उसने नाचना शुरू कर दिया हो . पर फिर दिमाग पर उस संक्रमण के असर से वो लगातार नाचती रही हो .
उसे देखकर लोगो के दिमाग में भी वो चढ़ गया हो क्योकि उस अनाज से बाकी के लोग भी संक्रमित थे .
और इस तरह वे सभी लगातार नाचते हुए मर गये हो .
यहा देखने वाली बात यह है कि लोगो के बड़े ग्रुप में से सिर्फ 400 लोग ही मरे थे , यह बीमारी सभी लोगो में नही फैली थी .
तंत्र मंत्र का असर
एक दूसरी रिपोर्ट में यह बताया गया कि इन सभी लोगो पर कोई बाहरी शक्ति का प्रभाव था जो इनके दिमाग को काबू में कर रखी थी और इनकी मौत के बाद ही वो असर बंद हो सकता था . हालाकि यह एक अंधविश्वास की थ्योरी है पर यह डांस भी किसी अंधविश्वास से कम नही है .
डिप्रेशन के शिकार थे लोग
एक नयी रिपोर्ट में बताया गया कि जो डांसिंग फ्लेग बीमारी से अपनी जान गवाए थे , वे सभी किसी ना किसी डिप्रेशन के शिकार थे . उस क्षेत्र में भूखमरी और सुखा फैला हुआ था .
डिप्रेशन का असर इनके मस्तिष्क पर बहुत ज्यादा पड़ा और वे तब तक नाचते रहे जब तक कि वो मर जाये .
ईश्वर से मिलाता है यह नृत्य
एक अन्य शौधकर्ता यूजीन बैकमैन ने 1952 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि मरने वाले सभी लोग इसाई धर्म से थे और ईसाई धर्म में नाच कर अपने प्रभु को रिझाया जाता है . लोगो ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए लगातार नाच नाच कर जीवन मृत्यु के बंधन से मुक्ति पा ली थी .
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Conclusion (निष्कर्ष )
मित्रो इस पोस्ट ( वो महामारी जब लोग नाचते नाचते मर रहे थे ) में हमने इतिहास की उस अजोबोगरीब बीमारी के बारे में बताया जब लोगो का समूह यूरोप के एक शहर में नाच नाच कर मर रहा था . इस बीमारी का नाम - डांसिंग डेथ प्लेग (Dancing Death Plague) दिया गया है .
यह बीमारी आज तक रहस्य बनी हुई है , हालाकि बहुत से शौधकर्ताओ ने अपनी अपनी रिपोर्ट सबमिट करी है .
पर आज तक सही तरीके से इस रहस्य का पता नही चल पाया है .
किसी ने इसे साइकलोजी से जोड़ा तो किसी ने इसे फूड पोसिनिंग से , किसी की रिपोर्ट में इसे तंत्र मंत्र बताया गया तो किसी ने इसे ईश्वर प्राप्ति का मार्ग .
आज 500 साल भी विज्ञान इस गुत्थी को नही सुलझा सकी है कि आखिर यह डांसिंग डेथ प्लेग क्यों आया था , क्यों इतने सारे लोग नाचते नाचते मारे गये .
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