तुलसी नामाष्टक मंत्र से प्रसन्न होती है वृंदा देवी

Tulsi Plant 8 Famous Names.

लक्ष्मी देवी , तुलसी जी सदैव पूजनीय है | जिस घर के आँगन में तुलसी जी का पौधा हरा भरा रहता है वो घर वास्तुशास्त्र के दोष से दूर रहता है | उस घर में इनकी कृपा से कभी अन्न धन की कमी नही आती है | आज हम यहा आपके लिए लाये है तुलसी नामाष्टक मंत्र जिसमे विष्णु के रूप शालिग्राम शिला की प्रिया और पत्नी तुलसी जी के आठ नामो की महिमा बताई गयी है |

तुलसी नामाष्टक मंत्र

क्यों रविवार के दिन तुलसी जी को सींचना और तोडना नही चाहिए 

क्या है तुलसी नामाष्टक मंत्र 

यदि आप हर दिन तुलजी जी की पूजा के बाद तुलसी जी की आरती के बाद यह मंत्र बोलेंगे तो नारायण और लक्ष्मी जी की अपार कृपा की प्राप्ति करेंगे | ये 8 नाम तुलसी जी की शक्ति को जाग्रत करते है और घर में लगी तुलसी आपके सभी मनोरथ को पूर्ण करती है |

वृंदा,वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी |

पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ||

एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम |

य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ||

अर्थात भावार्थ यह है की ……

वृंदा,वृदावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी,पुष्पसारा,नंदिनी,तुलसी और कृष्णजीवनी ये सभी आठ माँ तुलसी के प्रिय नाम हैं|

जो भी भक्त तुलसी की पूजा इस नामाष्टक का पाठ मन से करता हैं वह अश्वमेघ यज्ञ के फल के बराबर फल प्राप्त करता हैं|

कब पढ़े यह तुलसी नामाष्टक

सुबह शाम जब आप माँ तुलसी जी को जल चढ़ा रहे हो या फिर उनके धुप बत्ती कर रहे हो तो यह तुलसी नामाष्टक पाठ को जरुर पढ़े , यह आठ नाम पढने में आपको सिर्फ 1 मिनट लगेगी पर इसका फल आपको जीवन भर मिलेगा .

सारांश 

  1. तो दोस्तों यहा आपने तुलसी जी की पूजा में काम में आने वाले अत्यंत छोटा पर बहुत ही महात्मन वाला मंत्र तुलसी नामाष्टक के बारे में जाना . यह आठ तुलसी जी के नाम उनके 108 नामावली के तुल्य है और माँ तुलसी को प्रसन्न करते है  .आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी 

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