भारत में जीव जन्तुओ और जानवरों के अनोखे मंदिर 

Animals Temples in India . Animal worship in Temple . 

आपने मंदिरों में भगवान की मूर्तियों को देखा होगा जहाँ भक्त आकर दर्शन करते है और मंगलकामनाये मांगते है . पर भारत में कुछ ऐसे मंदिर है जहाँ जानवरों की पूजा अर्चना की जाती है . 

    भारत में हिन्दू धर्म ही सिर्फ ऐसा है जहाँ हर प्राकृतिक  चीज की पूजा आपको देखने को मिलती है .

    यहा नदियाँ , सागर , पर्वत , जीव जंतु सभी किसी ना किसी रूप से पूजनीय है .  

    भारत में जीव जन्तुओ के मंदिर


    जानवरों के मंदिरों से से जुडी कुछ कहानियाँ इतनी दिलचस्प है जिसके कारण ही यहा जानवर देवी देवताओ के रूप में पूजे जाते है .  

    तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे उन विचित्र और हैरान कर देने वाले मंदिरों के बारे में जहाँ देवी देवताओ की मूर्ति नही बल्कि जानवरों की पूजा होती है . 


    मतस्य (मछली ) मंदिर 

    अब चलिए जानते है कि एक मछली के मंदिर के बारे में . गुजरात में वलसाड तहसील के मगोद डुंगरी गांव में आपको एक मतस्य मंदिर देखने को मिल जायेगा . यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ मछली की पूजा की जाती है . 

    यह मंदिर आज से 300 साल पहले मछुआरो के द्वारा बनाया गया था . इस गाँव में आज भी बहुत से मछुआरे रहते है और जब भी वे समुन्द्र की यात्रा पर जाते है तो सबसे पहले इस मंदिर के आगे मत्था जरुर टेकते है . 

    Matsya Temple


    उनकी मान्यता है कि यह मतस्य देवी उनकी यात्रा के दौरान रक्षा करती है . 


    कुकुर देवता का मंदिर 

    इंसानों का सबसे वफादार दोस्त कुत्तो को माना गया है . ये अपनी जान की बाजी लगाकर भी अपनी वफ़ा नही छोड़ते है . 

    Kukur Dev Temple

    यह कुकुरदेव मंदिर एक कुत्ते का मंदिर है जिसे यहा कुकुर कहा जाता है . यह मंदिर छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के खपरी गांव में  बना हुआ है . 

    इस मंदिर को लेकर एक विशेष मान्यता है कि इस मंदिर में कुकुर की पूजा करने से कुकर खांसी सही हो जाती है और कुत्ते से भय ख़त्म हो जाता है . 

    इस मंदिर में आपको शिवलिंग भी मिल जायेंगे . यह पहला ऐसा मंदिर है जहाँ शिवलिंग के पास बैल (नंदी ) ना होकर स्वान है . 

    शिवजी के एक रूप भैरव की सवारी स्वान को ही बताई गयी है और इस मंदिर में उसी शिव के रूप के दर्शन होते है . 

    चन्नापटना मंदिर, कर्नाटक

    दक्षिण भारत में कर्नाटका राज्य में एक गाँव है चन्नापटना . इस गाँव में आपको एक Dog Temple (कुत्ते का मंदिर ) देखने को मिलेगा . इस मंदिर में दो कुत्तो की मूर्तियाँ लगी हुई है जिनके सिर पर तिलक और गले में माला है . 

    कहते है यहा की स्थानीय देवी माता केम्पम्मा के ईशारे पर ही यह अनोखा मंदिर दो कुत्तो की मूर्ति स्थापित कर बनाया गया है . 

    Dog Temple Karnartaka

    यहा के स्थानीय लोगो के अनुसार ये कुत्ते नही बल्कि देवी के गुप्तचर है और इसी लिए इनकी भव्य पूजा अर्चना की जाती है . 


    नाग देवता का मंदिर 

    भारत में नागो को देवता तुल्य माना गया है . शिवजी जहाँ सांपो से सजे रहते है , वही विष्णु जी की शय्या ही शेषनाग है . अत: भारत में बहुत से आपको नागो के मंदिर मिल जायेंगे . 

    उज्जैन में आपको नागचंद्रेश्वर मंदिर , प्रयागराज में वासुकी नाथ मंदिर , केरल में 1 लाख सांप प्रतिमाओ का मन्नारशाला नाग मंदिर, नैनीताल में कर्कोटक नाग मंदिर जाने कितने ही मंदिर नागो को समर्प्रित है जहाँ नाग पंचमी के दिन नागो की पूजा की जाती है .


    बैल मंदिर  ?

    भारत में सिर्फ गाय को ही नही बल्कि बैल को भी पूजा जाता है . एक तो यह भगवान शिव की सवारी है . 

    भारत में बेंगलुरु में ऐसा ही एक मंदिर है, जहां भक्त  बैल की पूजा करते है . इस मंदिर को बुल मंदिर (Sri Big Bull Temple ) के नाम से भी जाना जाता है . 

    इस मंदिर में एक नंदी की बहुत विशाल ग्रेनाईट से बनी प्रतिमा है . 

    Bull Temple In Bangalore India


    कहते है इस मंदिर का निर्माण एक बैल के कारण हुआ जो आस पास खेत में उगी फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता था . 

    उस बैल को काबू करने के लिए किसी पंडित ने इसका एक मंदिर बनाने की बात कही . जब मंदिर बनने लगा तो यह भी बैल भी शांत हो गया . तब से इस मंदिर की मान्यता बहुत बढ़ गयी है .  

    मंदिर के रास्ते पर ही आपको दो बड़े बड़े सिंग दिखाई देंगे जिससे आप सीढ़ीयो से मंदिर में प्रवेश करेंगे . थोडा चलने के बाद आपको मंदिर दिखाई देगा जो दक्षिण कला में बनाया गया है . 

    बन्दर मंदिर जयपुर 

    जयपुर में गलता जी नाम का एक पवित्र तीर्थ स्थान है . यहा पर आपको हजारो बन्दर पहाड़ो पर देखने को मिलेंगे .

    इसका कारण है कि गलताजी अरावली पर्वतमाला में बनी हुई है जहाँ चारो तरफ हरे भरे पेड़ है . यहा बहुत से श्रद्दालु पवित्र कुंड में स्नान करने और बहुत से मंदिरों के दर्शन करने गलता जी आते है . 

    Galta Monkey Temple

    वे पूजा पाठ स्नान के बाद दान स्वरुप में इन बंदरो को केले , चने और खिले खिलते है जिससे कि यहा बंदरो को रहना पसंद आता है और वे कभी भी गलता जी को छोड़ कर नही जाते . 

    यहा बंदरो को श्रद्धा भाव से लाड किया जाता है और इसलिए ही गलता जी को बंदरो वाला मंदिर भी कहा जाने लगा है .

    चूहा मंदिर बीकानेर 

    राजस्थान के बीकानेर के पास देशनोक में करणी माता का एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है . इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर चूहों से भरा हुआ है . यहा चूहे आम चूहे नही है बल्कि इन्हे काबा कहा जाता है . जब करणी माता के देपावत वंशज की मृत्यु होती है तो वो ही इस मंदिर में चूहे के रूप में जन्म लेते है . 

    आपको जानकर हैरान होगा कि यहा 20 हजार से ज्यादा चूहे है . यहा हर श्रद्दालु को पैर आराम से खिसकार दर्शन करने होते है क्योकि आपको पैरो के पास बहुत से चूहे होते है . 

    करणी माता मंदिर बीकानेर देशनोक
    Photo- https://www.jansatta.com/

    यदि आप पैर उठाकर आगे बढ़ेंगे तो चूहे आपके पैरो के निचे आ सकते है . 

    इस मंदिर के एक चमत्कार सबको हैरान करता है कि इस मंदिर में जो प्रसाद बांटा जाता है वो चूहों के द्वारा खाया हुआ  होता है पर आज तक ऐसी कोई खबर नही आई कि कोई इस प्रसाद को खाकर बीमार हुआ हो . 

    साथ ही इस मंदिर में जो लोग बहुत भाग्यशाली होते है उन्हें सफ़ेद रंग के चूहों के दर्शन होते है . 

    अब आप जान गये होंगे कि क्यों करनी माता को चूहों वाली माता पुकारा जाता है .  

    भालू मंदिर छत्तीसगढ़ 

    छत्तीसगढ़ में चंडी माता का एक मंदिर जंगल के पास बना हुआ है . यहा आरती के सामान्य देखने वाला नजारा होता है . जब संध्या को आरती की जाती है तब जंगल से भालुओ का ग्रुप इस मंदिर की सीढ़ीयो के पास खड़ा हो जाता है . पंडित आरती के बाद उन्हें प्रसाद देते है और वे राजी राजी बिना किसी को नुकसान पहुंचाए चले जाते है .

    Bhalu Temple Chhatisgadh

    यह नजारा आरती के समय उपस्तिथ सभी भक्त अपनी आँखों से देखते है .आज तक भालुओ ने किसी भी श्रद्धालु को वहा नुकसान नही पहुँचाया है . 

    इसी कारण इस मंदिर को अब भालू मंदिर भी कहा जाने लगा है . 

    मेंढक मंदिर उत्तरप्रदेश  

    उत्तरप्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में आपको एक अति प्राचीन शिव जी का मंदिर देखने को मिलेगा जिसका आधार एक बड़ा सा मेंढक है . कहते है कि एक तांत्रिक में इस क्षेत्र में वर्षा लाने के लिए राजा के द्वारा इसे बनवाया था .  भारत भर से लोग इस उत्तरप्रदेश के मेंढक मंदिर को देखने आते है . 

    मेंढक मंदिर उत्तर प्रदेश


    Conclusion (निष्कर्ष )

    भारत के कुछ ऐसे अनोखे और हैरान कर देने वाले मंदिर है जो किसी देवी देवता के नही बल्कि जानवरों के बने हुए है . यहा आपको जानवरों की प्रतिमा मिलेगी जहाँ उनकी पूजा अर्चना देवी देवताओ की तरह की जाती है . 

    ये मंदिर मछली के , कुत्ते के , नागो के होते है . 

    यदि इस पोस्ट को लेकर आप कोई सुझाव देना चाहते है तो आप कमेंट के माध्यम से हमें बता सकते है . हमारी पूरी कोशिश रहेगी की हम आपके कमेंट पर सुधार कर सके . 



    Post a Comment

    Previous Post Next Post