माँ गंगा से जुड़े मुख्य पर्व और त्योहार कौनसे है ?
Festival Related to Goddess Ganga यदि आप माँ गंगा से जुड़े मुख्य पर्व और त्यौहार के बारे में जानना चाहते है तो इस व्लोग पर आपको वे सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी | आप जान पाएंगे कि हिन्दू धर्म में कौनसे पर्व माँ गंगा की पूजा के लिए सबसे बड़े दिन माने जाते है | वैसे भी माँ गंगा का रूप देवी के समान है जो धरती पर स्वर्ग से उतरी है जिससे की मनुष्य के पाप खत्म किये जा सके .
गंगा सप्तमी का महत्व :
वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है।मान्यता है कि इसी दिन माँ गंगा शिवजी की जटाओ में समाहित हुई थी और फिर इन जटाओ से 7 धाराओं में विभक्त हुई थी और इसी कारण इस तिथि का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है |
ऐसा भी कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन ही यमराज के सहायक चित्रगुप्त का भी जन्म हुआ था |
गंगा सप्तमी पर क्या करना चाहिए ?
गंगा सप्तमी के दिन नहाने के पानी में थोडा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए | फिर उसके बाद चांदी या ताम्बे के पात्र में गंगाजल भरके शिवलिंग पर उससे अभिषेक करना चाहिए | उसके बाद भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर पांच बेलपत्र चढ़ाये |
गंगा सप्तमी के दिन माँ गंगा की आरती और गंगा चालीसा का पाठ करने से अक्षत पूण्य की प्राप्ति होती है |
आप चाहे तो गंगा जी के स्त्रोत का पाठ या माँ गंगा के 108 नाम का जप करके भी माँ गंगा को प्रसन्न कर सकते है |
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गंगा दशहरा का महत्व
हिन्दू पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया जाता है | मान्यता है कि इसी दिन स्वर्ग लोक से माँ गंगा का अवतरण धरती लोक पर हुआ था | इस दिन मोक्ष देने वाली माँ गंगा का पूजन और आरती का अत्यंत महत्व है साथ ही इस दिन शिवलिंग पर विशेष रूप से जल दूध अभिषेक किया जाता है |
इस दिन दान का भी बहुत ज्यादा महत्व बताया जाता है जिसका पूण्य इस दिन 10 गुना ज्यादा प्राप्त होता है | इस दिन लोग वाराणसी और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बहुत भाग्यशाली और पाप नाशक मानते है और गंगा जी के तटो पर इस पुन्यकारक दिन पर मेला भरता है |
गंगा दशहरा के दिवस पर स्नान करके दान और तर्पण करने से मनुष्य जाने-अनजाने में किए गए कम से कम दस पापों से मुक्त होता है। उसके पितरो को शांति प्राप्त होती है | मनुष्य के दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पड़ा है।
अधिक मास का पर्व
हिन्दू पंचाग के हिसाब से हर तीसरे साल एक माह अतिरिक्त आता है जिसे अधिकमास कहते है . श्री कृष्ण इस मास को सबसे उत्तम मास कहते है . यह महिना भक्ति , तप दान और तीर्थ स्थल पर समय व्यतीत करने का बताया गया है . इस साल भी 2023 में अधिक मास आ रहा है और इसी कारण इस साल 2 माह का सावन मास होगा . ऐसे में गंगा जी के तट पर श्रद्दालुओ की अपार भीड़ उमड़ेगी और माँ गंगा में स्नान कर वो जप तप और दान करेंगे .
सारांश
- तो सनातनियो यहा हमने आपको बताया माँ गंगा नदी से जुड़े मुख्य त्योहार और पर्वो के बारे में . ये पर्व है गंगा सप्तमी , गंगा दशमी और अधिक मास से जुड़े हुए . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी.
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