हिन्दू धर्म में एकादशी का महत्व
Importance of Ekadashi in Hindu Religion संस्कृत शब्द एकादशी ( Ekadashi ) का शाब्दिक का अर्थ दस के बाद आने वाला ग्यारह । इसका अन्य नाम ग्यारस , एकादशमी आदि भी है | हिन्दू ज्योतिष कैलेंडर के हिसाब से एकादशी पंद्रह दिवसीय पक्ष ( कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष ) के ग्यारवें दिन आती है। अर्थात मास में दो बार एक कृष्ण एकादशी और दूसरी शुक्ल एकादशी आती है |सबसे ज्यादा महत्व और महिमा शुक्ल पक्ष में आने वाली ग्यारस की बताई गयी है |
एकादशी का हिन्दू धर्म में महत्व
शास्त्रों के अनुसार हर वैष्णव को एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए । यह व्रत मनुष्य जीवन के लिए अत्यंत लाभकारी हैं |
पुराणों में सभी व्रतों में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। पूरे साल में 24 एकादशी आती है । एकादशी का आरम्भ उत्पन्ना एकादशी से होता है। ऎसी मान्यता है कि इसी एकादशी से एकादशी देवी उत्पन्न हुई और फिर भक्तगण व्रत करने लगे ।
जो व्यक्ति एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु या उनके ही द्वापर युग के अवतार श्री कृष्ण की पूजा करता है उसके कई जन्मों के पाप कट जाते हैं मोक्ष की प्राप्ति कर 84 लाख योनियों के जन्म मरण से मुक्त हो वैकुंट धाम विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है।
हर एकादशी के साथ एक कथा और महिमा जुडी हुई है और व्रत करने वाले को उस एकादशी के अनुसार फल और पूण्य की प्राप्ति होती है | एकादशी व्रत से जुड़े कुछ नियम और विधि है जो व्रत धारण करने वाले को पालन करने चाहिए | सबसे बड़ी बात यह है की किसी को भी एकादशी के दिन चावल नही खाने चाहिए | चावल को इस दिन मांस के तुल्य बताया गया है | एकदशी व्रत के बाद इसका उद्यापन द्वादशी को किया जाना चाहिए |
हर माह आने वाली एकादशी के नाम
अब हम आपको बताते है की हर हिन्दू माह के अन्दर कौनसी एकादशी आती है और उनका क्या महत्व है .
चैत्र मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - पापमोचनी एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - कामदा एकादशी
वैशाख मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - वरुथिनी एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - मोहिनी एकादशी
ज्येष्ठ मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - अपरा एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - निर्जला एकादशी
आषाढ मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - योगिनी एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - देव शयनी एकादशी
श्रावण मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - कामिका एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - पुत्रदा एकादशी
भाद्रपद मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - अजा एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - परिवर्तनीय
अश्विन् मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - इंदिरा एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - पापाकुशनी एकादशी
कार्तिक मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - रमा
शुक्ल पक्ष एकादशी - देव उठनी (देव प्रबोधिनी )
मार्गशीर्ष मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - उत्पन्ना एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - मोक्षदा एकादशी
पौष मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - सफला एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - वैकुण्ठ एकादशी
माघ मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - षटतिला एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - जया एकादशी
फाल्गुन मास
कृष्ण पक्ष एकादशी - विजया एकादशी
शुक्ल पक्ष एकादशी - फाल्गुनी एकादशी
एकादशी व्रत पर ना करे ये गलतियां
★ एकादशी पर कभी भी चावल नही खाने चाहिए , एकादशी पर चावल खाना मांस खाने के समान बताया गया है .
★ इस दिन किसी से भी वाद विवाद से बचना चाहिए और मधुर वाणी से ही बात करनी चाहिए . किसी व्यक्ति का शोषण आपके द्वारा नही होना चाहिए .
★ जो व्यक्ति व्रत कर रहे है उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए .
★ एकादशी के दिन बाल नाख़ून नही काटने चाहिए और कपडे भी नही धोने चाहिए .
★ एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन दातुन भी नही करने चाहिए , हां बस आप कुल्ला कर सकते है .
एकादशी व्रत का फल
एकादशी व्रत का महत्व अत्यंत ज्यादा बताया गया है और कलियुग में तो यह पापो का क्षय करने वाला है . जिस माह में जैसी एकादशी आती है उसके नाम में उसका फल छिपा होता है . जैसे पापमोचनी एकादशी का व्रत करने वाला व्रती पाप से मुक्त हो जाता है . पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है और मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है .
एकादशी से जुड़े प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 : एकादशी पर किस भगवान का व्रत किया जाता है ?
उत्तर 1 : एकादशी का दिन भगवान विष्णु और कृष्ण और खाटू श्याम जी की विशेष पूजा का दिन है अत: वैष्णव भक्त इस दिन इनके लिए व्रत रखते है .
प्रश्न 2 : साल में कितनी बार एकादशी आती है ?
उत्तर 2 : साल में वैसे तो 24 एकादशी आती है पर यदि साल में अधिकमास है तो फिर एकादशी की संख्या 26 हो जाती है . इसमे 12/13 एकादशी कृष्ण पक्ष में तो अगली 12/13 एकादशी शुक्ल पक्ष में आती है . सबसे ज्यादा उत्तम एकादशी शुक्ल पक्ष की मानी गयी है .
प्रश्न 3 : सबसे बड़ी एकादशियो के नाम क्या है
उत्तर 3 : सबसे बड़ी एकादशियो में निर्जला , देव उठनी , देव शयनी एकादशी आदि के नाम आते है .
प्रश्न 4 : एकादशी के अन्य नाम क्या है
उत्तर 4 : एकादशी के नाम एकादशमी , ग्यारस , एकादश आदि है .
सारांश
- आपने जाना कि हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत की कितनी बड़ी महिमा और महत्व है . साथ ही हमने बताया कि कब कब एकादशी साल में आती है और इसके कौनसी विशेष नियम है . एकादशी व्रत करने का क्या फल मिलता है आदि . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी
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