भड़ली -भड़ल्या नवमी का महत्व 

Bhadali Navami Importance and date in 2023 आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली या भडल्या नवमी कहते हैं। इस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन भी होता है। उत्तर भारत में इस तिथि को विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है।

badali navami mahtav


भड़ली नवमी का महत्व 


यह दिन वर्ष के कुछ खास दिनों में से एक है जिसे हम अबूझ सावे कहते है . इस दिन बिना किसी पंडित के यहा मुहूर्त को देखकर आप कोई भी नया कार्य , घर प्रवेश , मांगलिक कार्य शुरू कर सकते है . इसके दो दिन बाद फिर देव शयनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह के लिए सो जाते है और इन चार माह में कोई शुभ कार्य और शादी विवाह नही किये जाते है .

bhadali navami ka mahtav

भड़ली नवमी के दिन ही गुप्त नवरात्रि का समापन होता है और यह आखिरी दिन होता है जब मांगलिक कार्य हो सकते है क्योकि इसके बाद देवता सो जाते है और मलमास शुरू हो जाता है .

2023 में कब है भड़ली नवमी का दिन

इस साल भड़ली नवमी 27 जून 2023, मंगलवार को पड़ रही है  .

हिंदू धर्म में विवाह के लिए कुछ अबूझ मुहूर्त बताए गए हैं, भड़ली नवमी भी उन्हीं में से एक है।

अबूझ सावे जिसका अर्थ है कि जिन लोगों के विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकलता उनका विवाह इस दिन किया जाए तो उनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होता।

भड़ली नवमी 2023 अबूझ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल 2023 में आषाढ़ मास की शुक्ल नवमी तिथि 27 जून 2023 को प्रात: 02 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और 28 जून 2023 को सुबह 03 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी . अत: उदय काल के हिसाब से 27 जून 2023 को ही भड़ली नवमी मानी जाएगी . 

दो दिन बाद 4 माह के लिए सो जाते है विष्णु

इसके दो दिन बाद आने वाली देवशयनी एकादशी से भारत में चातुर्मास माना जाता है जिसका अर्थ होता है कि भडली नवमी के बाद 4 महीनों तक विवाह या अन्य शुभ कार्य नहीं किए जा सकते, क्योंकि इस दौरान सभी देवी-देवता सो जाते हैं। इसके बाद सीधे देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि विष्णुजी के जागने पर चातुर्मास समाप्त होता है तथा सभी तरह के शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं।

सारांश 

  1. क्या है भड़ल्या नवमी और इसका क्या महत्व बताया गया है  . इस साल 2023 में भड़ल्या नवमी  कब आ रही है और जाने शुभ मुहूर्त .  आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी .  

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