आई माता का मंदिर बिलाडा जहाँ दीये से निकलता है केसर
Famous Aai Mata Temple Rajasthan भारत में आपको एक से बढ़कर एक चमत्कारी मंदिर मिल जायेंगे , इन मंदिरों में ऐसे ऐसे चमत्कार होते है कि लोगो की आस्था और विश्वास बढ़ जाता है . लोग ऐसे मंदिरों की चर्चा करने लगते है और लोग खुद इन्हे परखने जब आते है तो चमत्कारों को देखकर नतमस्तक हो जाते है .
आज हम ऐसे ही भारत के चमत्कारी देवी मंदिर (आई माता मंदिर ) की बात करने वाले है जहाँ की ज्योत में केसर के धागे निकलते है ,
यह कारण है कि इस मंदिर को केसर पुंज ज्योत के नाम से भी जाना जाता है .
यह मंदिर किसका है और कहाँ है और यहा क्यों दीपक की ज्योत में केसर निकलती है ,
आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे है .
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कौनसा है यह मंदिर
यह मंदिर राजस्थान में जोधपुर से 80 किमी की दुरी पर जयपुर रोड पर स्तिथ बिलाडा गाँव में है . यहा 550 सालो से एक ज्योति लगातार जल रही है .
यह स्वर्ण सिंगासन पर माता आई की तस्वीर लगी हुई है . मंदिर बहुत ही भव्य बना हुआ जिसकी सुन्दरता देखते ही बनती है .
Photo : newstrack.in |
इस ज्योति की ख़ास बात यह है कि इस ज्योति में कालिक की जगह केसर का रेशा निकलता है .
सफ़ेद संगमरमर से बनाये गये इस मंदिर में पत्थर पर बहुत ही बारीकी से नक्काशी की गयी है .
मंदिर का पौराणिक इतिहास
इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार यहा बहुत पहले दीवान वंशज के राजा महाराजा हुआ करते थे . एक बार एक राजा अचानक महल से गायब हो . राज्य के सभी लोग और सैनिक महाराज को खोजने में लग गये पर महाराज का कुछ पता नही चला .
तब एक माता ने इस गाँव में राजा को खोज लिया और तब से यहा उनका मंदिर बना दिया गया और एक ज्योत जलाई गयी जिसे आज तक जला कर रखा गया है .
इस ज्योत में देशी शुद्ध घी डाला जाता है . यह ज्योत 500 सालो से लगातार जल रही है .
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आई जी माता कौन थी ?
यहा केभक्तो के अनुसार माँ आई दुर्गा का अवतार ही थी . वो गुजरात के अम्बापुर में अवरीत हुई थी और फिर राजा को खोजने इस गाँव में आई थी . उनके आगमन के कारण ही उनका नाम आई जी पड़ा .
उन्होंने अपने भक्तो को 11 गुणों के बारे में बताया जो मानव जीवन में बहुत जरुरी होते है . कुछ दिनों तक वो यहा रही फिर यहा एक ज्योति में समाहित हो गयी . तब से इस ज्योति से काजल की जगह केसर निकलने लग गया .
तब से इस ज्योति को अखंड ही रखा गया है . इसके दर्शन मात्र से ही माँ आई जी का आशीर्वाद उनके भक्तो को मिल जाता है .
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भक्तो में बांटा जाता है केसर
इस मंदिर की मान्यता दूर दूर तक है और यहा ज्योत से निकलने वाले केसर इसे और भी चमत्कारी मंदिर बनाती है . दूर दूर से भक्त माँ के दर्शन करने और प्रसाद के रूप में केसर को पाने इस मंदिर में आते है .
अखंड ज्योत से निकलने वाली केसर को भक्तो में बांटा जाता है .
भक्त इस केसर को अपनी आँखों में लगाते है जिससे की उन्हें दिवत्व की प्राप्ति हो .
कब तक दीये से निकलेगा केसर
यहा लिखे गये लेखो से पता चलता है कि जब तक इस दीये की ज्योति से केसर निकलता रहेगा , आई माता सिद्ध पीठ मंदिर में आई माता का साक्षात् वास रहेगा . जब यह केसर निकलना बंद हो जायेगा तब आई माता भी यह मंदिर छोड़ देगी .
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