विष्णु के सुदर्शन चक्र की कहानी
Bhagwan Vishnu Ke Sudarshan Chakra Ki Kahani भगवान विष्णु के सबसे शक्तिहाली अस्त्रों में से एक है सुदर्शन चक्र | यही चक्र भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के पास महाभारत में था | यह अस्त्र एक बार हाथ से छुट जाये तो अपना कार्य पूर्ण कर फिर से हाथ में आ जाता है | इसे भगवान नारायण ने कई बार सत्य की जीत के लिए असुरो पर चलाया है | पालनकर्ता श्री हरि को यह सुदर्शन चक्र किसने दिया आज हम इस पौराणिक कहानी से जानेंगे |
इसके साथ ही हम सुदर्शन चक्र से जुड़ी कुछ अन्य रोचक जानकारियाँ भी आपको बताएँगे .
सुदर्शन चक्र की पौराणिक कथा
एक बार दैत्यों की शक्ति बहुत बढ़ गयी और वे देवताओ पर अत्याचार करने लगे | दुखी और पीड़ित देवता भगवान विष्णु की शरण में गये | देवताओ को उनके दुःख से उभारने के लिए विष्णु ने कैलाश पर जाकर भगवान शिव की घोर तपस्या की | वे शिव शंकर के हजार नामो से शिव स्तुति करने लगे | हर एक नाम पर वे एक कमल पुष्प चढाने लगे |
भगवान शिव के गले में नरमुंडो की माला क्यों है
शिव ने ली परीक्षा – किया एक कमल गायब
भगवान शिव ने विष्णु की भक्ति देखने के लिए एक लीला रची | उन्होंने हजार कमल के पुष्पों से एक पुष्प गायब कर दिया | जब विष्णु ने अंत में पुष्प चढ़ाना चाहा तो उन्हें एक पुष्प कम दिखा | वे अपनी शिव स्तुति में विध्न नही करना चाहते थे |
विष्णु ने कमल पुष्प की जगह अपना नेत्र चढ़ा दिया
उन्होंने एक कम हुए पुष्प की जगह अपने एक नयन को निकालकर शिव शंकर को अर्पित कर दिया | विष्णु की शिव भक्ति पर भगवान शिव शंकर अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन देकर महा शक्तिशाली सुदर्शन चक्र प्रदान किया |
विष्णु ने इस अस्त्र से दानवो और दैत्यों का संहार करके देवताओ के दुखो को अनेको बार दूर किया |
विष्णु के अलावा किसके पास था सुदर्शन
सुदर्शन चक्र इतना शक्तिशाली है कि उसे धारण करने वाला भी महाशक्तिशाली होना चाहिए . भगवान विष्णु के अलावा यह द्वापर युग में विष्णु के ही अवतार श्री कृष्ण के पास था . कौरवो और पांडवो के युद्ध में श्री कृष्ण का यह सुदर्शन ही चारो तरफ तबाही मचा रखा था .
🔵 श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध से पहले सबसे बड़े धनुर्धर वीर बर्बरीक का शीश इसी सुदर्शन चक्र से काट दिया था , जिससे की पांडवो की जीत हो . क्योकि बर्बरीक हारे के पक्ष में जाकर लड़ता तो कौरवो को जीत दिला देता .
🔵 श्री कृष्ण ने अपने बुआ के लड़के शिशुपाल को उसकी 100 गलतियों तक क्षमा करने का वचन दे रखा था . एक बार सभा में उसने 101 वी गलती कर दी जिसमे श्री कृष्ण को बहुत गलत कहा गया था .
श्री कृष्ण ने उसे अपना वचन याद दिलाते हुए बता दिया की वो 100 गलतियां माफ़ कर चुके है और फिर शिशुपाल का सिर अपने सुदर्शन से काट दिया .
कैसा दिखता था सुदर्शन
सुदर्शन शस्त्र एक चक्र नुमा होता है जो काफी धारधार है . इस चक्र में में 12 तीलियां थीं। सुदर्शन की 12 तीलियों में 12 आदित्य, 6 नाभियों में 6 ऋतु और 2 युग समाहित हैं. यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली शस्त्र था .
इसकी सबसे बड़ी शक्ति यह है कि यह अचूक और अभेद है . एक बार छूटने के बाद यह अपना कार्य पूर्ण करके ही वापिस लौटता है .
कलियुग में फिर आएगा सुदर्शन
द्वापर युग के बाद फिर से भगवान विष्णु मनुष्य रूपी कल्कि अवतार कलियुग में लेंगे और फिर पापो के बोझ से भारी हुई धरती को उभारेंगे . ऐसा पुराणों में बताया गया है कि कल्कि अवतार घोड़े पर सवार होगा और उसके हाथ में तलवार और सुदर्शन चक्र भी होगा .
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