शिव खोरी - शिव वास की है गुफा
Shivkhori Cave Tirth Yatra and Facts . भारत देश में कई स्थान आज भी इसे है जो चमत्कारी बने हुए है और इनकी बनावट जब पूरी तरह प्राकृतिक हो , जब इसके रचनाकार स्वयम ईश्वर हो तो यह स्थान भक्तो के लिए पवित्र तीर्थ स्थान बन जाता है .
कही जाना संभव है तो कही जाना असंभव | इन स्थानों की धार्मिक और पौराणिक मान्यताये है | आज हम जिस स्थान की बात कर रहे है वो एक जम्मू की गुफा शिव खोड़ी (Shiv Khodi in Hindi ) है | कहते है इसमे संहारक शिव शंकर का वास है | जो भी इस गुफा में आज तक गया है वो पुनः लौट कर नही आया है | वो सीधे शिवधाम को प्राप्त हुआ है |
शिव खोरी भी ऐसा ही दुर्लभ प्राकृतिक सुन्दरता समेटे हुए पहाड़ो के बीच बना एक शिव स्थान है . यहा महादेव एक गुफा में विराजमान है . यहा के दर्शन करने वाला शिव धाम को प्राप्त करता है .
खोरी का अर्थ होता है स्थानीय भाषा में गुफा . अर्थात शिव खोरी का आशय शिव वास की गुफा से है .
कहाँ है यह शिवखोरी गुफा ?
भारत के उत्तर में स्तिथ जम्मू-कश्मीर राज्य के जम्मू से उत्तर की तरफ 140 किमी की दूरी पर स्थित है रयासी जिला। इस जिले में ही भगवान शिव की यह रहस्मई गुफा स्तिथ है . इसे शिव खोरी या शिव खोड़ी आदि के नाम से जाना जाता है . यह रनसू नगर से सिर्फ 4 किमी की दुरी पर है . यहा इस नगर में यात्री रुक सकते है और खाना पीना कर सकते है . यहा बहुत सी धर्मशालाए है जो फ्री में भी खाने का प्रबंध करती है .
प्रमुख जगहों से दुरी
कटरा से शिवखोरी - 77 किमी
उदमपुर से से शिवखोरी - 118 किमी
जम्मू से शिव खोरी -140 किमी
अमरनाथ में खुलता है इसका दूसरा मुख
यहा के लोग बताते है कि यह गुफा अत्यंत रहस्यों से भरी है और इसका दूसरा मुख अमरनाथ गुफा में खुलता है . आपको बता दे कि अमरनाथ और शिवखोरी के बीच 400 किमी की दुरी है .
बताते है कि प्राचीन समय में साधू संत इसी गुफा में शिव जी के दर्शन कर अमरनाथ की यात्रा पर जाते थे , कलियुग में बाद में इस गुफा में जाने वाले फिर कभी देखे नही गये तो इस रास्ते को बंद कर दिया गया .
शिवखोरी गुफा कैसे बनी , जाने कहानी
यहा के पुजारी लोग बताते है की एक बार इसी स्थान पर एक दैत्य ने घोर तपस्या करके शिव शंकर को प्रसन्न कर लिया और उनसे वरदान के रूप में माँगा कि वो जिस किसी के भी सिर पर हाथ रखे वो भस्म हो जाये ,
भोले बाबा ने उसे यह वरदान दे दिया , पर वरदान की सिद्धि को जांचने के लिए उस भस्मासुर ने शिव पर ही परीक्षण करना चाहा , शिव जी इससे क्रोध में आ गये और अपना त्रिशूल फैककर इस गुफा का निर्माण किया और अपने परिवार सहित यहा बस गये .
भगवान विष्णु शिव जी पर आये संकट को भांप गये और भस्मासुर के सामने अप्सरा का रूप धर के उसे ही भस्म करवा दिया .
तो दोस्तों यह थी शिव खोरी गुफा की कहानी जो बताती है कि इसे स्वयं महादेव ने ही बनाया था .
शिवखोरी गुफा से जुड़ी रोचक बाते
आकार :- यह गुफा एक मीटर चौड़ी है और लम्बाई में 200 मीटर की है .
शिवलिंग :- शिव खोरी गुफा में एक एक प्राकृतिक शिवलिंग स्तिथ है . यह शिवलिंग 4 फीट ऊँचा है और इस पर लगातार गुफा की छत से ही चमत्कारी रूप से पानी थपकता है . यह किसी कुदरत के करिश्मे से कम नही है .
लोगो को इसी कारण शिव खोड़ी चमत्कारी लगता है कि इस गुफा का बनना और फिर उसमे प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का बनना और उस पर गिरने वाली पानी की धार सब कुदरती है .
इस शिवलिंग के साथ ही यहा आपको पिंडी रूप में माता पार्वती , भगवान गणेश , शिव वाहन नंदी और कार्तिकेय स्वामी के दर्शन हो जायेंगे .
अन्दर से गुफा :- जब आप इस गुफा में प्रवेश करेंगे तो कही कही आपको झुककर भी चलना होगा . अन्दर गुफा में पूरी तरह अँधेरा है पर यहा जगह जगह लाइट लगाई गयी है जिससे की भक्तो को गुफा के रास्ते दिखते रहे .
यहा अन्दर गुफा की दीवारे पत्थरिली है जिस पर कई तरह की प्राकृतिक रूप से आकृतियां बनी हुई है . कई आपको सशस्त्र पदों के कमल तो कई कई फनो वाले सांपो की आकृतियान दिखाई देगी .
सारांश
- तो दोस्तों यहा हमने आपको उस चमत्कारी और शिवजी से जुड़ी गुफा के बारे में बताया जिसे शिव खोड़ी के नाम से जाना जाता है .यहा हमने आपको बताया कि कैसे शिव खोड़ी का निर्माण हुआ और इसका क्या इतिहास है ? साथ ही हमने जाना की शिव भक्तो के लिए क्यों खास है शिव खोड़ी और हम कैसे शिव खोड़ी जा सकते है यहा हमने आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी .
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