हजारो शिवलिंगों का अभिषेक करती एक नदी
सिरसी का सहस्त्रलिंग तीर्थ स्थान - Sirsi Sahasralinga River having Thousands of shivlinga
शिवजी पर जल अभिषेक करने की धार्मिक मान्यता है | शिव भक्त दूध दही जल आदि से शिवजी का अभिषेक करते है । पर आज हम एक नदी की बात करेंगे जो स्वयं हजारो शिवलिंग का अभिषेक करती है और वो भी हर समय हर क्षण .
➜ गोदावरी नदी का पौराणिक महत्व और अवतरण की कहानी
➜ मदुरै का मीनाक्षी मंदिर क्यों है इतना प्रसिद्ध
कौनसी है यह नदी जिसमे स्थापित है हजारो शिवलिंग
यह नदी कर्नाटक में शलमाला नाम से जानी जाती है | इस नदी के चट्टानी तट पर सहस्त्र शिवलिंगों के साथ शिव गण नंदी , गणेश की प्रतिमाये बनी हुई है । इसी कारण इस जगह को सहस्त्रलिंग भी कहा जाता है । सहस्त्र का अर्थ होता है हजारो की संख्या में . यह जगह सिबली के पास में है अत: इस जगह को सिरसी का सहस्त्रलिंग तीर्थ स्थान भी कहा जाता है .
कैसे बने यहा हजारो शिवलिंग
आप भी इस नदी पर बने हजारो की संख्या में शिवलिंग को देखकर सोच रहे होंगे कि इतनी भारी संख्या में ये शिवलिंग कैसे बने . इसके पीछे कोई उपरी शक्ति है या फिर किसी भक्त का हाथ . आइये जानते है .
16वी सदी में एक बहुत बड़े शिवभक्त हुए जिनका नाम सदाशिवाराय था | वे इस जगह के राजा थे | वे दिन रात शिव की भक्ति में लगे रहते । उन्होंने अपनी भक्ति में कुछ ऐसा करने की सोची की उनके मरने के बाद भी उनके द्वारा हजारो शिवलिंगों का अभिषेक होता रहे | इसी कारण उन्होंने शलमाला नदी के ऊपर हजारो शिवलिंगों का निर्माण करवाया जिससे नित्य नदी ही अभिषेक कर सके |
आज वो तो इस धरती पर नही रहे पर उनके द्वारा स्थापित सहस्त्र शिवलिंगों का अभिषेक यह नदी करती है और उन्हें हर क्षण इस अभिषेक का फल मिलता है. शिवरात्रि और सावन के दिनों में बड़ी भारी संख्या में शिव भक्त यहा दर्शन करने आते है |
जलमग्न हो जाते है शिवलिंग
कहते है कि 500 साल पहले यहा यह नदी इतनी तेज बहाव और पानी वाली नही थी और आसानी से इन शिवलिंगो का निर्माण हो गया था . अब 500 साल के बहुत बड़ा समय पीरियड होता है जिसमे कई बदलाव हो ही जाते है .
ऐसा ही कुछ यहा के शिवलिंगों के साथ हुआ . शलमाला नदी के पानी का स्तर बढ़ता गया और जब नदी अपने पूर्ण रूप में पानी से भर जाती है तो लगभग सभी शिवलिंग उसमे जल समाहित हो जाते है और दिखना बंद कर देते है ,
जब नदी में पानी कम होता है तब इन शिवलिंगों के दर्शन होते है .
कैसे जाए शलमाला के हजारो शिवलिंग वाले तट पर :
यदि आप भी कर्नाटक में बहने वाली इस नदी शलमाला के तट के शिवलिंगों के दर्शन करना चाहते है तो चलिए बताते है कि आप कैसे शलमाला के तट पर जा सकते है .
Sirsi Se Sahasralinga से 12 किमी की दुरी पर है जो आप कार से सिर्फ 20 मिनिट में पार सकते है .
नजदीकी एअरपोर्ट :- शलमाला के सबसे करीब हुबली हवाईअड्डा है . यहा आकर आप बस से सिरसी आ जाये जो 04 किमी की दुरी पर है .
नजदीकी रेलवे स्टेशन :- सिरसी के पास सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है तलगुप्पा यह सिबली से 54 किमी की दुरी पर है . यहा आकर भी आप बस के द्वारा शलमाला के तट पर आ सकते है .
सड़क मार्ग द्वारा :- इसके लिए आप सिबली आ जाये . कर्नाटक के सभी बड़े शहरो से सिरसी आने की आपको बस मिल जाएगी .
यह भी जरुर पढ़े :
क्यों पसंद है शिवजी को नशीली चीजे भांग और धतुरा
बिहार में गया तीर्थ की महिमा और पितरो का पिंड दान
सारांश
- तो दोस्तों यहा हमने दक्षिण भारत की उस नदी के बारे में बताया जिसमे बने है हजारो शिवलिंग . यह नदी हर क्षण करती है इन सभी शिवलिंगों का अभिषेक आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी
Post a Comment