लंकापति रावण से जुड़ी रोचक और हैरान कर देने वाली बाते
हम दशहरा (विजयादशमी ) को विजय दिवस के रूप में मनाते है | इसी दिन त्रेता में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम ने लंकापति रावण और उसके साथ देने वाले योध्याओ का संहार किया था |
ब्रह्मा जी के पुत्र मुनिवर पुलस्त्य हुए और उनका पुत्र था विश्रवाका | विश्रवाका जी की दो पत्नियां थी | पुण्योत्कटा और कैकसी |
भाई बहिन
बड़ी पत्नी पुण्योत्कटा के गर्भ से धन के देवता कुबेर ने जन्म लिया और दूसरी पत्नी कैकसी से रावण का जन्म हुआ | रावण के भाई बड़े से छोटे क्रम में फिर कुम्भकरण , विभीषण अहिरावण, खर और दूषण थे | उनकी बहिन शूर्पणखा और कुम्भिनी हुई |
➜ देवताओ के कहने पर माँ सरस्वती ने दिलवाया राम को वनवास
जन्म के पीछे लक्ष्य
रावण की माता एक राक्षसणी थी जबकि पिता ब्राह्मण जाति के थे | यह विवाह इसलिए हुआ था की ब्राहमण और राक्षस के मिलन से ऐसा शक्तिशाली योध्या जन्म ले तो देवताओ को हराकर राक्षस कीर्ति को आगे बढ़ा सके | दोनों के मिलन के कारण रावण में दैत्य प्रकृति के साथ ज्ञान का भंडार भी था | पिता से उसे ज्ञान तो माता से उसे राक्षसी शक्ति मिली थी .
दसमुख और 20 भुजाओ का था रावण
रावण की सबसे अनोखी बात थी कि उसके 10 मुख और २० हाथ थे . कहते है कि उसकी घोर तपस्या के बाद भी जब शिव जी उससे प्रसन्न नही हुए तो रावण ने अपना शीश काट कर उन्हें चढ़ा दिया था . शिव जी रावण को उसका शीश लौटा दिया . पर रावण रुका नही और 10 बार अपना शीश काट कर शिव जी को चढ़ाता रहा और शिव ही भी उसका शीश उसे लौटाते रहे .
इस 10 वी बार शिव ने रावण से प्रसन्न होकर उसे उसकी इच्छा अनुसार वरदान दे दिया और साथ ही उसके 10 सिर और २० भुजाओ के होने का भी वर दे दिया . इस तरह आपने जाना कि शिव जी ने प्रसन्न होकर रावण को 10 शीश और 20 भुजाओ वाला बनाया .
➜ हिन्दू धार्मिक पुराणों से जाने चार युग
➜ पैसो की तंगी को दूर करने के लिए चावल का उपाय
रावण की पत्नियां
लंकापति रावण की दो पत्नियां थी , एक मंदोदरी और दुसरी धन्यमालिनी |
रावण के पुत्र
रावण का पुत्र एक मेघनाथ था जिसने इंद्र को जीत लिया था , इसी कारण उसका नाम इन्द्रजीत भी रखा गया | इसके अलावा त्रिशिरा और अक्षयकुमार भी थे | अक्षयकुमार का वध सुन्दरकाण्ड में ही हो गया था .
हर विजयदशमी (दशहरा के दिन ) बुराई के प्रतीक रावण , कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते है |
रावण से जुड़े जरुरी प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 : रावण के मुख्य नाम क्या थे ?
उत्तर 1 : रावण को दशमुख , लंकेश के नाम से जाना जाता था .
प्रश्न 2: रावण किसको अपना गुरु और भगवान मानता था ?
उत्तर 2 : रावण भगवान शिव शंकर को अपना सबसे बड़ा भगवान मानता था .
प्रश्न 3 : राक्षस होने के बाद भी रावण को पंडित क्यों कहते है ?
उत्तर 3 : रावण की माता एक राक्षस कुल की थी पर रावण के पिता महान पंडित थे .
प्रश्न 4: रावण के दादा और पिता का नाम क्या था ?
उत्तर 4 : रावण के दादा ऋषि पुलस्त्य और पिता विश्रवा था .
प्रश्न 5 : रावण कितने शास्त्रों और वेदों का ज्ञाता था ?
उत्तर 5 : रावण को चारो वेद और छ शास्त्रों का ज्ञान था , इसलिए इसे महाज्ञानी कहा जाता था .
प्रश्न 6 : रावण के पास सबसे बड़ी विद्या कौनसी थी ?
उत्तर 6 : रावण के पास तंत्र विद्या थी जो उसे बहुत ही मायावी और शक्तिशाली बनाती थी .
प्रश्न 7 : रावण ने कौनसा ग्रन्थ लिखा था ?
उत्तर 7 : रावण के द्वारा लिखा गया ग्रन्थ था रावण संहिता .
प्रश्न 8: रावण की पत्नियों का क्या नाम था ?
उत्तर 8 : रावण की पत्नी का नाम मंदोदरी और धन्यमालिनी था .
प्रश्न 9 : रावण और मंदोदरी के तीन पुत्र का नाम क्या था ?
उत्तर 9 : रावण और मंदोदरी के तीन पुत्रो का नाम मेघनाथ (इन्द्रजीत ) , अक्षय कुमार और अतिकाय था .
प्रश्न 10 : रावण का दशानन मंदिर कहाँ है ?
उत्तर 10 : रावण का दशानन मंदिर कानपुर उत्तर प्रदेश में है .
प्रश्न 11 : स्वर्ण लंका को किसने और किसके कहने पर बनाया था ?
उत्तर 11 : स्वर्ण लंका को माता पार्वती की इच्छा पर बनाया गया था और इसे बनाने वाले देव शिल्पी विश्वकर्मा जी थे .
Must Read
➜ चार लाइन में समाई है सम्पूर्ण रामायण का सार - चार श्लोकी रामायण
➜ कैसा होगा अयोध्या में राम लल्ला का मंदिर
➜ कैसे भीम का अहंकार हनुमान जी ने दूर किया
➜ क्यों शनि देव हनुमान जी के सामने बने स्त्री
Post a Comment