लाखामंडल शिवलिंग का चमत्कार
Lakhamandal Shivling in Uttrakhand in a Shiva temple with full of surprises
लाखामंडल का शिव मंदिर, एक ऐसी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर है जो हमें सौभाग्य से मिली है | यदि इस जगह का शुरू से ध्यान रखा जाता तो उत्तराखंड के चार धाम के साथ यह भी अत्यंत प्रसिद्ध होता | यह जगह कई सदियों तक जमीन में समाई रही और कुछ सालो बाद एक स्वप्न के बाद इसे खोद कर निकाला गया है |
यहा हम जानेंगे लाखामंडल शिवलिंग से जुड़े रहस्य और राज के बारे में , साथ ही जानेंगे को लाखामंडल शिवलिंग का महाभारत से जुड़ा कितना पुराना महत्व है .
कहाँ और कैसा है यह लाखामंडल मंदिर
यह मंदिर उत्तराखंड के देहरादून के पास यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना नदी के निकट सुन्दर और सपाट जगह पर बसा हुआ है | इसके चारो और सात ऊँची पहाड़ियां है जो इस स्थान की रक्षा करती हुई नजर आ रही है | मंदिर के बाहर दो द्वारपाल की मूर्तियाँ पहरा दे रही है | इसमे से एक द्वारपाल का हाथ कटा हुआ है , ऐसा क्यों है ? यह रहस्य बना हुआ है जिसका जवाब किसी के पास नही है | मुख्य द्वार पर शिव का वाहन नंदी पहरा दे रहे है |
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एकमात्र शिवलिंग जिसमे दिखता है चेहरा
यह जगह अभी कुछ सालो से ही लोगो की नजर में आई है | मान्यता है की महाभारत काल में पांडवो ने यहा के शिवलिंग स्थापित किये थे जो भूगर्भ में खो गये थे | यहा एक ऐसा शिवलिंग है जिसपर दूध और जल चढाने से आपको आपका चेहरा उस शिवलिंग में साफ दिखाई देता | संभवत यह एकमात्र दर्पण की तरह चेहरा दिखाने वाला शिवलिंग है |
कैसा आया लाखामंडल शिवलिंग नजर में
स्थानीय लोगो के अनुसार एक बार एक संत ने सपने में देखा की लाखामंडल का शिवलिंग स्वयं को धरती में समाया हुआ बता रहा है और उसे निकालने के लिए बोल रहा है | साधू ने सपने में बताई हुई जगह जाकर लोगो के साथ उस जगह की खुदाई की |
कुछ खुदाई के बाद उन्हें शिवलिंग नजर आने लगा | हर हर महादेव के जयकारे के साथ शिवलिंग को बाहर निकाला गया | फिर विद्वान पंडितों को बुलाकर पूजा पाठ मंत्रोचार के शिवलिंग की स्थापना और आराधना शुरू की गयी | यहा आस पास में अलग की तरह की भाषा में पत्थरो पर लिखा गया है | अब यहा दूर दूर से भक्त आने लगे है |
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मृत व्यक्ति को भी जीवित कर देता है ये शिवलिंग
ऐसी मान्यता है कि अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है।
जीवित होने के बाद वह शिव का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। इस गंगाजल को पीकर उसकी आत्मा फिर उसके शरीर से निकल जाती है | विज्ञान के लिए यह मंदिर और यह चमत्कार पहेली बना हुआ है कि एक बार मरे हुए शरीर में कैसे कुछ क्षणों के लिए जान आ जाती है .
ऐसा दावा कई विडियो और वेबसाइट कर रहे है |
महामंडलेश्वर शिवलिंग देता है संतान
महामंडलेश्वर शिवलिंग को लेकर एक अनोखी चमकार भरी मान्यता है कि कोई महिला निसंतान है और वे संतान चाहती है तो महा शिवरात्रि की रात मंदिर के मुख्य द्वार पर बैठकर शिवालय के दीपक को एकटक निहारते (त्राटक करना ) हुए शिवमंत्र का जाप करती है, उसे एक साल के भीतर संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है |
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