हरिद्वार यात्रा में दर्शनीय स्थल और मंदिर

भगवान विष्णु के पद चिन्ह जहा पड़े है वो उत्तराखंड के चार धामों के पास बसा  हरिद्वार (Haridwar Tirth ) है जहाँ का गंगा स्नान (Ganga Snan ) करने पुरे देश से लोग आते है  | हर शाम होने वाली आस्था से पूर्ण माँ गंगा आरती यहा की विशेष महत्व रखती है | देश विदेश से हर दिन इस आरती में शामिल होकर अपने जीवन को पाप रहित करने की चाह में हजारो भक्त माँ गंगा के दर्शन करने आते है | 

हरिद्वार तीर्थ स्थल की हिंदी जानकारी


हरिद्वार का हिन्दू धार्मिक विषय में अत्यंत महत्व है | यहा घुमने फिरने और धार्मिक यात्रा के लिए अत्यंत खुबसूरत मंदिर बने हुए है | आइये जानते है हरिद्वार में कौन कौन से दर्शनीय स्थल है | यदि आप का कभी हरिद्वार जाना हो तो इन मंदिरों के दर्शन जरुर करे |

हरिद्वार का पौराणिक महत्व 

हरिद्वार में जो गंगा नदी आती है , उसमे केदारनाथ से आने वाली भागीरथी , बद्रीनाथ धाम  से आने वाली अलकनंदा नदी का और साथ ही उत्तराखंड के पञ्च प्रयागों का पवित्र जल मिला होता है . यानी की हरिद्वार में गंगा स्नान आपको उत्तराखंड की पवित्र नदियों का स्नान का पूण्य दिलवाता है . उत्तर भारत के लोग इसी हरिद्वार में आकर अपने परिजनों का पिंड दान और श्राद्ध और तर्पण करके उनकी आत्मा की शांति का कर्म करते है . 

कहते है कि इसी स्थान पर विष्णु जी प्रकट हुए थे जब शिव जी ने अपनी तीसरी आँख खोल ली थी क्योकि  माँ सती ने यज्ञ कुंड में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी . 

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हरिद्वार में पंडो के पास वंशावली डाटाबेस 


यहा आने वाले श्रद्दालु अपने प्रान्त , शहर और जाति के आधार पर अपने हरिद्वार में पंडो से मिल सकते है और अपनी कई पीड़ियो की जानकारी ले सकते है . यहा समय समय पण्डे आपकी वंशावली को अपडेट करते रहते है , इसके लिए आप उनसे सम्पर्क करे और कभी कभी वे आपके गाँव या शहर आकर आपसे संपर्क करके वो अपडेट कर देते है . 

हरिद्वार में दर्शनीय मंदिर :

विष्णु घाट: हरिद्वार में इस जगह भगवान विष्णु ने स्नान किया था तभी से इसका नाम विष्णु घाट पड़ गया | हरिद्वार के घाटो पर आने वाले इस घाट पर आकर भी जरुर स्नान करके खुद की यात्रा को और भी मंगलमय करते है |

0) चंडी देवी मंदिर : यह मंदिर माँ काली को समर्प्रित है जो की हरिद्वार के पास 3.5 km की दुरी पर नील पर्वत पर स्थापित है | ऐसा कहा जाता है की आदि शंकराचार्य जी ने यहा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी | पहाड़ पर मंदिर होने के कारण भक्त उड़नखटोला द्वारा इस मंदिर तक जाते है |

chandi devi mata


1) मनसा देवी मंदिर : यह मंदिर हरिद्वार से 4.5 km की दुरी पर बिल्वा पर्वत पर स्तिथ है | यहा भी जाने के लिए उड़नखटोला काम में लिए जाता है | इस मंदिर का सम्बन्ध ऋषि कश्यप से है | शक्तिपीठ के रूप में माँ मनसा अपने भक्तो के दुःखो को हर लेती है | यह हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है |

mansa devi mandir


2) हर की पौड़ी : हर की पौड़ी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध घाट है गंगा के किनारे पर | दुनिया भर में सबसे प्रसिद्ध गंगा आरती यही ब्रहमकुंड में हर संध्या को की जाती है | इसी जगह पर कुम्भ मेला अर्ध कुम्भ मेला भरता है |

3) शांतिकुंज : हरिद्वार में आने वाले भक्त इस जगह आकर शांति और धर्म के बारे में और भी बारीकी से जानते है | यह गायत्री परिवार द्वारा संचालित है | श्री राम शर्मा के द्वारा 1971 में इसकी स्थापना की गयी थी | पढ़े : गायत्री मंत्र जप विधि और फायदे

शांति कुञ्ज सदन हरिद्वार


4) पतंजलि योगपीठ : यह योग और आयुर्वेद का बहुत बड़ा केंद्र है जो बाबा रामदेव जी द्वारा संचालित है | 2006 में इसकी स्थापना की गयी और आज पतंजलि के प्रोडक्ट घर घर में काम में लिए जा रहे है |

5) दक्ष महादेव मंदिर : भगवान शिव का यह मंदिर हरिद्वार से 5 किमी की दुरी पर कनखल पर स्थित है | दक्ष ब्रह्मा जी के पुत्र और फिर शिवजी के ससुर बने | उनकी पुत्री सती मैय्या थी |

6) भारत माता मंदिर : हरिद्वार के पास मोतीचूर जगह पर यह मंदिर बना हुआ है | यह मंदिर आठ मंजिल का बना हुआ और सफेद रंग का बड़ी ही सुन्दर है | यहा भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से बताया गया है | पहली मंजिल में भारत माता की मूर्ति लगायी गयी है |

भारत माता का मंदिर


7) सप्तऋषि आश्रम : यहा किसी समय सप्त ऋषि एक साथ तप साधना किया करते थे , इसी से इस आश्रम का नाम सप्तऋषि आश्रम हो गया है | यहा बहुत से दर्शनार्थी आते है | यहा एक रुद्राक्ष का पेड़ भी है जिसके दर्शन करना अति शुभ माना जाता है | यहा एक शिवलिंग 150 किलो का भी है जिसके दर्शन करने महाशिवरात्रि को अपार भीड़ आती है |

8) दूधाधारी महादेव मंदिर : दूध के रंग का सफेद मंदिर भगवान शिव के साथ साथ राम दरबार को भी समर्प्रित है | यहा शिव शंकर बर्फानी बाबा के रूप में दर्शन देते है | इस मंदिर की बनावट बहुत ही सुन्दर और दर्शनीय है |

9) वैष्णोदेवी मंदिर : जम्मू कश्मीर में जिस तरह माँ वैष्णो देवी का मंदिर है उसी बेस पर इस मंदिर का यहा निर्माण किया गया है | गुफा के माध्यम से माँ वैष्णो के दर्शन करना मन को रोमांचित करता है |


हरिद्वार कैसे जाए 

हरिद्वार उत्तराखंड राज्य के तीन मुख्य शहरो में से एक है जो रेल और सड़क मार्ग द्वारा भारत के दुसरे शहरों से जुड़ा हुआ है . यदि आप हवाई यात्रा के द्वारा हरिद्वार आना चाहते है तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है देहरादून .

हरिद्वार की मुख्य शहरो से दुरी

ऋषिकेश से हरिद्वार - 20 KM

रूडकी से  हरिद्वार - 35 KM 

देहरादून से हरिद्वार -  50KM

दिल्ली से  हरिद्वार -  246 KM

चंडीगढ़ से  हरिद्वार - 220 KM


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सारांश 

  1. तो दोस्तों हमने उत्तराखंड के हरिद्वार तीर्थ धाम की आपको जानकारी दी और बताया की यह शहर हिन्दुओ के लिए किस तरह आस्था का प्रतीक है . साथ ही आपने जाना हरिद्वार आप कैसे जा सकते है और यहा के दर्शनीय मंदिर कौनसे है . आशा करता हूँ आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी . 

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