गंगासागर तीर्थ स्थल की यात्रा का महत्व और दर्शनीय स्थल

Ganga Sagar Tirth Dham Hindi Jankari  गंगा का जब भारत के पूर्वी सागर से मिलन होता है वो स्थल गंगासागर के नाम से जानी जाती है | इसे गंगा सागर संगम के नाम से भी जाना जाता है | यह महा नदी बंगाल की खाड़ी से मिलती है | यह हिन्दूओ के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है | यह एक 300 वर्ग किमी का द्वीप है जिसमे 43 गाँव है |

 नैमिषारण्य तीर्थ स्थल का महत्व और पौराणिक कथा 

ganga sagar tirth dham

गंगा सागर के स्नान की महिमा

यहा के स्नान की बहुत बड़ी और धार्मिक  मान्यता है की जो व्यक्ति इस पवित्र संगम में स्नान करता है उसे 10 अश्वमेध यज्ञ और एक हज़ार गाय दान करने के तुल्य फल की प्राप्ति होती है | इस तीर्थ के लिए कहा जाता है की बाकि तीर्थ बार बार करे और गंगा सागर एक बार | यही वही स्थान है जहा राजा सागर के 60,000 पुत्रो को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी | यहा मकर संक्रांति और गंगा दशहरा के स्नान का अत्यधिक महत्व है |

Ganga Sagar Tirth Sthal me Pavitra Snan

कैसे जाये गंगा सागर महातीर्थ पर

आइये जानते है की गंगासागर तीर्थ किस जगह पर है और यहा कैसे जाए ?

Ganga Sagar Jahaj


गंगा सागर पश्चिम बंगाल में कोलकाता के दक्षिण में 135 किमी की दुरी पर है | कोलकाता से 57 किमी की दुरी पर दक्षिण में डायमण्ड हारबर स्टेशन है जहा से पानी के जहाज ,स्टीमर और नावे गंगा सागर तक तीर्थयात्रियो को लेकर जाती है | हावड़ा से यह यात्रा 200 किमी की है जिसमे 7 घंटे तक का समय लगता है |

आप काकदीप तक भी बस या कैब के द्वारा आ सकते है जिसके बाद आपको नावो स्ट्रीम इंजन युक्त नावो के द्वारा गंगा सागर छोड़ दिया जाता है . 

पुराने समय में यह यात्रा बहुत कठिन थी पर अब यह यात्रा बहुत सरल हो चुकी है .


गंगा सागर गूगल मैप 



नजदीकी हवाई अड्डा - सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा कोलकाता 

नजदीकी रेल्वे स्टेशन - सियालदाह रेलवे स्टेशन 


दूसरा सबसे बड़ा मेला

भारत वर्ष में कुम्भ स्नान के बाद सबसे बड़ा दूसरा मेला गंगा सागर में भरने वाले मेले को बताया गया है | इस आस्था से परिपूर्ण मेले में 10 लाख तक भक्त आकर गंगा स्नान करते है | यहा गंगा कपिल मुनि के आदेश और भागीरथ के प्रयास की वजह से आई थी |यहा मकर संक्रांति स्नान और सूर्य को अर्ध्य देने के लिए देश विदेश से भक्त आते है |

गंगा सागर कब जाना चाहिए 

गंगा सागर में हर साल मकर संक्रांति के दिन लक्की मेला भरता है . इसका पौराणिक कारण यह है कि इसी दिन धरती पर माँ गंगा नदी का अवतरण हुआ था . यह भारत का सबसे बड़ा दूसरा मेला है . साल 2018 में 20 लाख लोगो से ज्यादा भक्तो ने यहा गंगा स्नान किया था . 

इसके अलावा जयेष्ट मास की शुक्ल दशमी को  गंगा दशहरा पर भी यहा भव्य मेला भरता है जिसमे भी लाखो भक्त आते है . 

यदि मौसम की बात की जाये तो गंगा सागर तीर्थ घुमने का सही समय सर्दियों में होता है जो नवम्बर से लेकर फरवरी का समय है . 


कपिल मुनि का मुख्य मंदिर

गंगा सागर तीर्थ पर सबसे प्रसिद्ध मंदिर कपिल मुनि के आश्रम पर बना हुआ है | इसी स्थान पर राजा सागर के 60,000 पुत्रो को गंगा जल से उद्धार मिला था |विशेष तौर ऋषि कपिल मुनि की पूजा की जाती है | श्रद्धालु तिल, चावल और तेल का दान देते हैं | यहा  गौ माता का दान करना शुभ मानते है |

कपिल मुनि दर्शन गंगा सागर

इस मंदिर में आपको कपिल मुनि की तपस्या करते हुई अवस्था में सिंदूरी रंग की प्रतिमा के दर्शन होते है . इसी प्रतिमा के दाई तरफ माँ गंगा की मूर्ति और बायीं तरफ राजा सगर की मूर्ति है 

आज जो मंदिर आपको यहा दिखाई देता है वो नवनिर्मित है . कहते है कि पहले बना हुआ मंदिर समुन्द्र में विलिन हो गया था . 

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सारांश 

  1. तो दोस्तों हमने आपको हिन्दूओ के सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थ स्थलों में से एक गंगा सागर तीर्थ की जानकारी आपको इस पोस्ट के माध्यम से दी है  . हमने आपको बताया इस गंगा सागर तीर्थ का पौराणिक महत्व और इससे जुड़ी कथा के बारे में . साथ ही आपने जाना कि आप कैसे गंगासागर तीर्थ जा सकते है और यहा कौनसे दर्शनीय स्थल है . आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी . 

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