यहा हनुमान करते है फैसला , पुलिस और जज नही- बजरंगी पंचायत मंदिर
Bajrangi Panchayat Mandir धर्म हमें अच्छा बुरा सिखाता है | हम हमारे कर्म अच्छे और बुरे फल की प्राप्ति के अनुसार करते है | हमारा पूर्ण विश्वास होता है की हमारे किये गये कर्मो का लेखा जोखा मृत्यु के बाद हमें देना होता है | एक भी मान्यता है की व्यक्ति को अच्छे बुरे कर्मो का फल इस जीवन में ही भोगना होता है | इन्ही बातो को लेकर देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहा गाँव में फैसला पवन पुत्र हनुमान जी करते है |
कहाँ है यह गाँव
यह गाँव भारत के छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के मगरपारा क्षेत्र में है | यहा एक अनोखा हनुमान मंदिर है , जहा के कानून सिर्फ हनुमान जी है | यहा गाँव की पंचायत श्री राम के परम भक्त हनुमान जी को साक्षी मानकर अपना फैसला लेती है | लोगो की माने तो फैसले में हनुमान जी का आदेश होता है | लोगो का अटूट विश्वास है की इस पंचायत के द्वारा कोई फैसला गलत नही दिया जा सकता है |
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मंदिर है बजरंगी पंचायत
यह हनुमान जी का मंदिर अपने कार्य के आधार पर भक्तो में बजरंगी पंचायत के नाम से जाना जाता है | यानी पांचो में एक है हनुमान जी | यहा विवादों के ऊपर पिछले 80 सालो से फैलसा सुनाया जा रहा है | गाँव में जब भी कोई समस्या होती है , इस पंचायत की तरफ हल पाने के लिए रुख कर लिया जाता है |
कैसा बना यह मंदिर पंचायत
स्थानीय लोगो के अनुसार आज से 80 साल पहले एक सुखरू नाई ने पीपल के पेड़ के निचे हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू की | इसके बाद जब भी गाँव में कोई वाद विवाद होता तो इसी पेड़ के निचे पंचायत लगती | यहा लगी बालाजी की प्रतिमा का आशीर्वाद लेकर फैलसा सुनाया जाता | तब लोगो ने सोचा की यहा एक भव्य मंदिर का निर्माण हो तो उसका नाम हनुमान जी पंचायत रखा जाये | तब वर्ष 1983 में यह मंदिर पूर्ण बना |
आशीर्वाद लेने आता है सारा गाँव
इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगो की आस्था अनुपम है | गाँव में किसी के घर में कोई मांगलिक कार्य हो तो सबसे पहले वे हनुमान जी के इस मंदिर में आकर आशीर्वाद लेते है | नववधू गृह-प्रवेश , नए बच्चे के जन्म पर सबसे पहले इस मंदिर में आकर आभार प्रकट किया जाता है | इस गाँव में हनुमान मंदिर के प्रति ऐसी आस्था देखकर , दूर दूर से भी भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए आते है | हनुमान जयंती के अवसर पर भव्य आयोजन किया जाता है, जहां दूर-दूर से भक्तों का जमावड़ा लगता है।
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