सुन्दरकाण्ड पाठ करते समय ध्यान रखे 

SundarKand Path Karne Ka Sahi Tarika Kya Hai ?  सुन्दरकाण्ड पाठ करते समय ध्यान रखे

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए विधिवत और सही नियमो के साथ हनुमानजी के सुन्दरकाण्ड का पाठ आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए | इस पाठ को एक बार पूर्ण करने में 2 से 3 घंटे का समय लगता है |

sundarkand paath se jude niyam

  पाठ करते समय शांति से और पूर्ण ध्यान के साथ यह पाठन करे | पाठ मंगलवार और शनिवार को करना अधिक कृपा देने वाला है | अच्छी तरह सुन्दरकाण्ड पाठ विधि के नियमो से यह धार्मिक पाठ करे | सुन्दरकाण्ड पाठ को कई भजनों की लय के साथ गाने से यह बहुत ही सुन्दर बन जाता है . 

सबसे जरुरी बात यह है कि एक बार पहले आपको सुन्दरकाण्ड पाठ में आये बोलो का हिंदी अर्थ समझ में आ जाना चाहिए जिससे की पाठ करते समय आपको पता रहे कि सुन्दरकाण्ड पाठ के बोलो में क्या बताया जा रहा है . 

सुन्दरकाण्ड पाठ से जुड़े कुछ नियम और पाठ विधि :

पाठ करने से पहले भक्त स्नान करके स्वत्छ वस्त्र धारण करे |

जहा पाठ करे वहा हनुमानजी और श्री राम की फोटो या प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाकर दीप जलाये और भोग में गुड चन्ने या लड्डू का भोग अर्पित करे |


सुन्दरकाण्ड पाठ करते समय ध्यान रखे

पाठ शुरू करने से पहले सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करे फिर अपने गुरु की , पितरो की फिर श्री राम की वंदना करके सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरू करे |

सुन्दरकाण्ड पाठ से पहले हनुमान जी को न्योता दे कि वो आकर इस पाठ में शामिल हो इसके लिए आप यह गुनगुनाये 

आइये हनुमंत विराजिये , सुन्दरकाण्ड करू मति अनुसार 

प्रेम सहित गढ़ी धरो , पधारो पवनकुमार 

आइये हनुमंत विराजिये , कथा सुने इतिहास 

तुम सेवक रघुनाथ के , मैं तुम चरणों का दास 

राम कथा के रसिक तुम भक्त राज कपि वीर 

आई के आसन धरो प्रभु , तेज पुंज कपि वीर 

इसके बाद तुलसीदास जी को याद करे

वन्दे तुलसी के चरण , जिन किन्यो जग काज 

कलि समुन्द्र डूबत लिखो , प्रकटा सप्त जहाज 

सिया वर राम चन्द्र की जय , पवन पुत्र हनुमान की जय

उमापति महादेव की जय , बोलो रे भाई सब संतन की जय . 


पाठ के बीच में कोई बात ना करे बस पाठ को पूर्ण करने में ही ध्यान दे |

पाठ समाप्त होने के बाद श्री हनुमान आरती और श्री राम जी आरती करे और पाठ में भाग लेने वालो को आरती और प्रसाद दे |

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