क्यों धारण किया शनिदेव ने स्त्री रूप हनुमानजी के सामने
हनुमानजी के प्रसिद्ध मंदिरों में एक मंदिर कष्टभंजन हनुमान मंदिर है | यह मंदिर गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में है | इस मंदिर में हनुमान जी चरणों में शनिदेव जी स्त्री रूप धारण करके बैठे हुए है | आइये जाने ऐसा क्या हुआ की शनि देव जो की हनुमान के चरणों में इस तरह महिला रूप धर के बैठना पड़ा |
शास्त्रों में प्रसंग के अनुसार एक समय शनिदेव जी का प्रकोप बहूत बढ़ गया था और मनुष्यों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था | उनमे से बहूत सारे हनुमानजी के परम भक्त थे | उन्होंने हनुमानजी से विनती करी की उन्हें शनिदेव के प्रकोप से बचाए |
पढ़े : - अयोध्या में कैसा होगा राम मंदिर
हम सभी जानते है हनुमानजी अपने भक्तो के लिए सदैव दुःखभंजन संकट मोचक रहे है | अपने भक्तो की शनिदेव के कारण ऐसी दशा देख कर उनसे रहा नहीं गया और क्रोधित होकर शनि देव के पास युद्ध करने चले गये | शनिदेव को जब यह पता चला की हनुमानजी उनसे उनके कर्मो का बदला लेने आ रहे है तो अपने बचाव के लिए उन्हें सिर्फ एक ही युक्ति नजर आई |
शनिदेव अच्छी तरह यह जानते थे की हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी है और शरणागत स्त्री पर कभी हाथ नहीं उठा सकते | बस फिर क्या था | जैसे ही हनुमान शनि देव के पास आये , उन्होंने महिला रूप धारण करके उनके चरणों में लिपट कर क्षमा मांगी और अपना प्रकोप बालाजी भक्तो से हटाने का वादा किया |
तभी से कहा जाता है की हनुमानजी के परम भक्तो पर शनिदेव का प्रकोप नही रहता | इस कष्टभंजन हनुमान मंदिर में बहूत सारे भक्त अपने कष्ट मिटाने आते है |
हनुमान जी से जुड़ी अन्य रोचक कहानियाँ
कैसे भीम का अहंकार हनुमान जी ने दूर किया
सारांश
- मित्रो इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसमे शनिदेव स्त्री बने है और हनुमान जी के चरणों में बैठे है . यहा हमने आपको वो कथा बताई जो शनि देव के इस स्त्री रूप की जानकारी देती है . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी .
Post a Comment