शनि को लोहा प्रिय है , पर शनिवार को घर पर ना लाये

Kyo Shanidev Ko Priya Hai Loha . भगवान शनि देव काले रंग के है और यह इसलिए क्योकि वे अपनी माँ के गर्भ में सूर्य के वीर्य के रूप में रहे | सूर्य की ऊष्मा अत्यंत तेज है और इसी कारण वे काले रंग के जन्मे | लोहा भी भूगर्भ में मिलने वाला अयस्क है जो प्रचंड ताप दाब को सहन कर बनता है | दूसरी कथा शनिचरा मंदिर मुरैना से जुडी है जब लंका से हनुमान ने शनि को इस जगह फेका था | तब से इस स्थान पर लोहे के मात्रा प्रचुर हो गयी थी | एक तो यही कारण है की सूर्य पुत्र शनिदेव को लोहा प्रिय है |

shani ko kyo priya hai loha

भगवान शनि का वार शनिवार को बताया गया है | शनिवार को कुछ चीजे खरीदना वर्जित है जिसमे से एक है घर पर नया लोहा खरीद कर लाना | इसे घर पर लाने से शनि का प्रकोप सहन करना पड़ता है | घर में कलह और अशांति हो जाती है | हालाकि इस दिन लोहे का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है |

घोड़े के नाल रूपी लोहे की अंगूठी

शनिदेव के अशुभ प्रभावों की शांति या साढ़े साती या दैय्या से बचाव हेतु हेतु लोहा धारण किया जाता है किन्तु यह लौह मुद्रिका सामान्य लोहे की नहीं बनाई जाती | यह घोड़े के नाल से बनती है जो उसके खुर के बचाव के लिए लगाई जाती है और फिर अपने आप उतर जाती है | इस लोहे से Ring बनाई जाती है जो शनि के कुपित प्रभाव को शांत करती है |

कब पहने :

इसे आप सही और उत्तम समय जैसे शनिवार , पुष्य, रोहिणी, श्रवण नक्षत्र हो अथवा चतुर्थी, नवमी , चतुर्दशी तिथि पर ख़रीदे और धारण करे | काले घोड़े की नाल प्रभावशाली उपाय और लाभ से आप अपने कार्यो को सिद्ध कर सकते है |

नाव की कील भी इस कार्य के लिए उपयुक्त रहती है |

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सारांश 

  1.  तो दोस्तों इस  आर्टिकल से आपने जाना कि शनि देवता को क्यों प्रिय है लोहा , इसके पीछे की पौराणिक कथा भी हमने आपको बताई  . साथ ही यह बताया कि शनिवार के दिन लोहे से जुड़े क्या नियम है .  आशा  करता हूँ कि यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी. 

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