रामेश्वरम में राम सेतु की महिमा

Rameshwar Me Ramsetu ki Mahima 

लंका नरेश दानवराज रावण ने माँ सीता का अपहरण कर लिया था | जब हनुमान ने सीता को लंका में बंधक पाया तब उन्होंने श्रीराम लक्ष्मण  और वानर सेना के साथ लंका जाने की ठान ली | पर उनके इस सफ़र के बिच एक गहरा समुन्द्र पड़ता था | हनुमान जी तो इस समुन्द्र को पहले ही सुन्दरकाण्ड पाठ में बताये अनुसार लांघ चुके थे पर राम जी और वानर सेना के लिए यह पार करना बहुत कठिन था . 

भारत से लंका तक जाने के लिए उन्होंने समुन्द्र देवता की पूजा अर्चना की और समुन्द्र देवता ने उन्हें बताया कि नल और नील दो भाई आपकी सेना में ऐसे है जिनके द्वारा छोड़े गये पत्थर पानी में तैरते है . इन दोनों भाइयो के सहयोग से आप समुन्द्र पर पूल का निर्माण कर ले . 

rameshar dham aur hanuman

 इस सफ़र को पार एक लम्बा सेतु बना कर किया जा सकता था | हनुमान ने वानर सेना से कहा की प्रभु राम का नाम ले कर हर पत्थर पे राम नाम अंकित कर दो , कोई पत्थर फिर समुन्द्र में डूबेगा नहीं और ऐसे एक राम सेतु तैयार हो जायेगा | सभी ने हनुमान का वचन के अनुसार किया और एक विशालकाय राम सेतु तैयार हो गया जिससे वानर सेना लंका तक पहुँच पाई |

यह जगह रामेश्वर तीर्थ के नाम से प्रसिद्द है | यह तमिल नाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है | यह पर स्थित शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है | यह जगह चार धामों में से एक है | भारत के दक्षिणपूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार दीप के बीच चूने की चट्टानों की चेन है , इसे भारत में रामसेतु व दुनिया में एडम्स ब्रिज ( आदम पुल ) के नाम से जाना जाता है। इस पुल की लंबाई लगभग 48 किमी है।

Rameshwarm Ram Setu story

रामेश्वर में दिव्य शिवलिंग क्यों स्थापित हुआ ?

हम सभी जानते है रावण सिर्फ राक्षक ही नहीं अपितु बहूत बड़ा ज्ञानी पंडित था | वह चारो वेदों का ज्ञाता था | महादेव , ब्रह्मा की बड़ी कृपा थी उस पर | जब श्री राम ने सीता को वापिस पाने के लिए रावण को मारा तो उन्हें बहूत खेद हुआ | उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप भी चढ़ गया | इस पाप से मुक्त होने के लिए उन्होंने रामेस्वरम में एक शिवलिंग स्थापित करने का निर्णय और पूजा करने का प्रण लिया | हनुमानजी को आदेश देकर काशी से के शिवलिंग मंगाया गया | हनुमान को थोडा समय ज्यादा लगा तो माता सीता ने मिटटी का एक शिवलिंग बना कर राम को पूजा करने की विनती की | सही समय पर श्री राम ने पूजा अर्चना शुरू कर दी | यह रामनाथ के नाम से प्रसिद्द हुआ |

बाद में हनुमान के लाये शिवलिंग को पास में स्थापित कर दिया दिया जो आज 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है | 

यही कारण है कि रामेश्वर धाम में दो शिवलिंग है एक माता सीता का बनाया हुआ और दूसरा श्री हनुमान जी का काशी से लाया हुआ . 

त्रेता में बना रामसेतु आज भी दिखाई देता है 

राम दोस्तों रामायण सिर्फ एक महाकाव्य ही नही है बल्कि इसके पात्र वास्तव में थे इसका प्रमाण है राम सेतु . आज भी यह पत्थरो से बना यह मानव पूल हिन्द महासागर में दिखाई देता है जो वानर सेना द्वारा बनाया गया था .  

इससे विज्ञान भी हैरान है कि कैसे पत्थर पानी में तैर सकते है और पूल बनाने में काम में लिए जा सकते है .

रामसेतु बाँध



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