अयोध्या धार्मिक नगरी का अत्यंत है महत्व
Ayodhyan Dham Importance in hindi - अयोध्या इस नगरी का नाम सुनते है आँखों के सामने राम लल्ला की छवि उभर आती है क्योकि प्रभु श्री राम जी के साथ अयोध्या जो कि उनकी जन्मस्थली है , अमरत्व को प्राप्त है | हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार यह भारत की प्राचीनतम धार्मिक नगरियो में से एक है जहा त्रेता युग में सूर्यवंश में दशरथ जी के श्री राम के रूप में विष्णु के जी अवतार का जन्म हुआ था | वेदों में अयोध्या धाम को स्वर्ग के तुल्य और देवताओ का घर बताया गया है |
मनु ने दिया इसे नाम
ऐसा प्रमाण मिलता है कि इस नगर को मनु ने बसाया था और इसका नाम अयोध्या रखा गया था जिसका अर्थ होता है अ-युध्य अर्थात् 'जिसे युद्ध के द्वारा जीता ना जा सके सके।
अयोध्या का अर्थ :-
संस्कृत में आये एक श्लोक के अनुसार "अकारो ब्रह्म च प्रोक्तं यकारो विष्णु रुच्यते | धकारो रुद्ररूपश्च अयोध्या नाम वर्तते ||"
अयोध्या शब्द में त्रिदेवो की शक्ति समाहित है | जहा अ ब्रह्मा जी के लिये , य भगवान विष्णु का जी स्वरुप है , तथा ''ध '' रूद्र देव महादेव का रूप है | अब इस भावार्थ से ही आप समझ सकते है कि अयोध्या के नाम का कितना महत्व है और इसकी कितनी बड़ी महिमा है |
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तुलसीदास के अनुसार अयोध्या का महत्व
बालकांड में तुलसीदास ने बताया है कि
बंदउं अवध पुरी अति पावनि। सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥
अति पवित्र भूमि अयोध्या और सरयू नदी को नमन करता हूँ जो की कलियुग में पापो को नष्ट करने वाली है | तुलसी दास जी के अनुसार जो भी व्यक्ति या जीव अयोध्या नगरी में अपने प्राणों का त्याग करते है वे फिर जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर परमात्मा से मिल जाते है |
राम धामदा पुरी सुहावनि। लोक समस्त बिदित अति पावनि॥
चारि खानि जग जीव अपारा। अवध तजें तनु नहिं संसारा॥
सप्तपुरी में से एक है अयोध्या
भारत के संतो ने धार्मिक रूप से 7 स्थानों को सप्तपुरी का नाम दिया है | ये 7 धार्मिक नगर है : -
अयोध्या ,अवंतिका ( उज्जैन ), हरिद्वार , मथुरा , काशी (वाराणसी ), द्वारका और दक्षिण में कांची (कांचीपुरम )
अयोध्या मथुरा माया काशी काञ्ची अवन्तिका ।
पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिका:॥
ये सातो नगर जीव को मोक्ष देने वाले है |
इन सभी सप्त पुरियो में अयोध्या को सबसे प्रथम स्थान प्राप्त है | इसके उत्तर में देवी तुल्य नदी सरयू बहती है | जिसके दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते है |
और किसी ने बहुत खूब कहा है
मुख से क्या बखान करू अयोध्या धाम की
चारो और चर्चा है प्रभु श्री राम की :)
दीपावली पर दीपोत्सव की शुरुआत से अयोध्या से हुई :
हिन्दुओ के सबसे बड़े त्योहार दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने की परम्परा है जिसकी शुरुआत अयोध्या नगरी से हुई थी | कहते है कि जब श्री राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास काट कर जब अपनी नगरी अयोध्या आये तो अयोध्यावासियों ने उनका रात्रि में स्वागत घी के दीपक जलाकर किया था | उसके बाद कार्तिक मास की अमावस्या को पुरे भारत में दीप जलाकर श्री राम का अभिनंदन किया जाता है |
अयोध्या के अन्य नाम :
वाल्मीकि रामायण में अयोध्या को बहुत जगह कौशल जनपद के रूप किया गया है | अयोध्या का एक अन्य नाम साकेत भी है |
जैन धर्म में भी है अयोध्या का अत्यंत महत्व
जैन धर्म को मानने वाले लोगो के लिए अयोध्या बहुत ही पवित्र स्थली है क्योकि उनके 24 तीर्थंकरों में से 5 तीर्थकर का जन्म इसी पावन भूमि पर ही हुआ था |जिनके नाम है ऋषभनाथ जी, अजितनाथ जी, अभिनंदननाथ जी, सुमतिनाथ जी और अनंतनाथ जी।
ये सभी 5 तीर्थकर और श्री राम जी इक्ष्वाकु वंश से थे।
अयोध्या के मुख्य आकर्षण
हनुमागढ़ी मंदिर :-
भगवान श्री हनुमान जी का यह मंदिर अयोध्या के सभी पवित्र स्थलो में से एक है जो अयोध्या धाम के बीचो बीच एक टीले पर बना हुआ है | मान्यता है कि यहा हनुमान जी वास है और वे अयोध्या और सरयू नदी के रक्षक है | अयोध्या धाम की यात्रा पर आने वाले भक्तो को सबसे पहले इसी मंदिर में आकर हनुमान जी आशीर्वाद लेना चाहिए और श्री राम के दर्शन की अनुमति मांगनी चाहिए |
कनक भवन मंदिर :-
अयोध्या में यह मंदिर श्री राम और माँ सीता और लक्ष्मण को समर्प्रित है जो हनुमानगढ़ी के करीब ही है | इस मंदिर में लगी राम दरबार की प्रतिमा मन मोहक है | इसे देश के सबसे प्रसिद्ध राम मंदिरों में से एक माना जाता है | इस मंदिर का निर्माण 1891 में टीकमगढ़ की महारानी ने करवाया था |
राघव मंदिर :-
यह अयोध्या के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है जिसमे सिर्फ श्री राम जी की प्रतिमा है , यह ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसमे माँ सीता की कोई प्रतिमा नही है | सरयू नदी में स्नान के बाद यहा आकर भक्त दर्शन करते है |
सप्तहरि :-
भगवान श्री राम के अलावा भी श्री नारायण भगवान विष्णु ने साधू संतो की तपस्या पर प्रसन्न होकर अयोध्या भूमि पर सात बारअवतरित हुए है | इसी कारण इस जगह को सप्तहरि के नाम से जाना जाता है |
ये सात अवतार थे गुप्तहरि , विष्णुहरि, चक्रहरि, पुण्यहरि, चन्द्रहरि, धर्महरि और बिल्वहरि हैं।
जैन मंदिर :-
जैन धर्म के 5 तीर्थकरो की यह पावन भूमि होने के कारण जैन धर्म के लोगो के लिए अयोध्या बहुत महत्त्व रखती है | इसी कारण यहाँ बहुत से जैन मंदिर बने हुए है | यहा जिस जिसजगह पर तीर्थकर का जन्म हुआ वही उनका मंदिर बना हुआ है |
अयोध्या का मुख्य राम मंदिर
अयोध्या में अब धूम धाम से मुख्य राम मंदिर बनवाया जा रहा है जिसमे भारत के कोने कोने से लोगो ने अपना सहयोग दिया है | इस मंदिर को राम जन्म भूमि मंदिर के नाम से जाना जायेगा | इस मंदिर का निर्माण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा किया जा रहा है |
सारांश
- तो दोस्तों हमने यहा आपको राम जन्मभूमि अयोध्या जी की महिमा और महत्व के बारे में विस्तार से बताया है . आपने जाना कि क्यों हिन्दू धर्म में अयोध्या का नाम परम धार्मिक नगरियो में आता है . इसके साथ ही आपने जाना अयोध्या में मुख्य मंदिर और दर्शनीय स्थलों के बारे में . आशा करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा .
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