देवी माँ दुर्गा की पूजा से सभी देवता खुश
Kyo Maa Durga Ki Puja se Khush Hote Hai Sabhi Devi Devta
सिर्फ आदि शक्ति दुर्गा माँ की पूजा अर्चना से ही खुश हो जाते है समस्त देवी देवता :
यह प्रसंग हम लाये है दुर्गा सप्तशती पाठ से जिसमे बताया गया है कि तीनो लोको के कल्याण के लिए किस तरह देवी दुर्गा माँ का अवतरण हुआ है और क्यों देवी माँ दुर्गा की ही आराधना से सभी मुख्य देवी देवताओ का आशीष दुर्गा साधक को प्राप्त होता है |
देवताओ की वेदना पर त्रिदेव और देवताओ के तेज से भगवती का अवतार :
दुर्गा सप्तशती के दुसरे अध्याय से जब दानव राज महिषासुर ने अपने राक्षसी सेना के साथ देवताओ पर सैकड़ो साल चले युद्ध में विजय प्राप्त कर ली और स्वर्ग का राजाधिराज बन चूका था | सभी देवता स्वर्ग से निकाले जा चुके थे | वे सभी त्रिदेव (ब्रह्मा विष्णु और महेश) के पास जाकर अपनी दुखद वेदना सुनाते है |
पूरा वर्तांत सुनकर त्रिदेव बड़े क्रोधित होते है और उनके मुख मंडल से एक तेज निकलता है जो एक सुन्दर देवी में परिवर्तित हो जाता है | भगवान शिव के तेज से देवी का मुख , यमराज के तेज से सर के बाल , श्री विष्णु के तेज से बलशाली भुजाये , चंद्रमा के तेज से स्तन , धरती के तेज से नितम्ब , इंद्र के तेज से मध्य भाग , वायु से कान , संध्या के तेज से भोहै, कुबेर के तेज से नासिका , अग्नि के तेज से तीनो नेत्र |
देवताओ द्वारा शक्ति का संचार देवी दुर्गा में :
शिवजी ने देवी को अपना शूल , विष्णु से अपना चक्र , वरुण से अपना शंख , वायु ने धनुष और बाण , अग्नि ने शक्ति , बह्रमा ने कमण्डलु , इंद्र ने वज्र, हिमालय ने सवारी के लिए सिंह , कुबेर ने मधुपान , विश्वकर्मा में फरसा और ना मुरझाने वाले कमल भेट किये , और इस तरह सभी देवताओ ने माँ भगवती में अपनी अपनी शक्तिया प्रदान की |
इन सभी देवताओ के तेज से देवी दुर्गा में रूप के साथ साथ शारीरिक और मानसिक शक्ति का भी संचार होता है | देवता ऐसी महाशक्ति महामाया को देखकर पूरी तरह आशावान हो जाते है की महिषासुर का काल अब निकट है और देवताओ का फिर से स्वर्ग पर राज होगा |
माँ दुर्गा ने महिषासुर और उसकी सम्पूर्ण सेना का वध करके देवताओ को फिर से स्वर्ग दिला दिया | माँ के जय जयकार तीनो लोको में हुई |
इंद्र ने तब माँ दुर्गा से पूछा , " हे जगत जननी दुर्गा , हमें ऐसी सरल विधि बताये जिसके माध्यम से आपकी अपार कृपा की हमें प्राप्ति हो ". तब माँ दुर्गा ने मुस्कुराते हुए उनसे कहा , " सुनो , मेरे यानी माँ दुर्गा के 32 नामो का जाप सर्व सिद्धि दिलाने और मेरी कृपा पाने में सहायक है ". जो कोई भी मन लगाकर मेरे 32 चमत्कारी दुर्गा नाम - दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला का पाठ करता है उसके सभी दुखो को मैं दूर करती हूँ .
यह नाम सर्व सिद्धि देने वाले है .
तब से जो भी व्यक्ति सच्चे मन से माँ दुर्गा की आराधना करता है उसे सभी देवताओ का आशीष मिलता है | माँ दुर्गा के नव रूप की पूजा के लिए नवरात्रि त्यौहार मनाया जाता है | घर घर में कलश स्थापना की जाती है और रात्रि में माँ दुर्गा का जागरण किया जाता है |
सारांश
- माँ दुर्गा जो कि कात्यायनी माँ का ही अवतार है नवरात्रि में विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है . इन्हे हिन्दू धर्म के पांच मुख्य देवताओ में शामिल किया गया है . यहा हमने आपको बताया कि क्यों माँ दुर्गा की पूजा से सभी देवी देवता प्रसन्न होते है . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी .
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