भगवान विष्णु के महा मंत्र और जाप विधि
Bhagwaan Vishnu Ke Chamtkari Mantra - भगवान विष्णु जो समस्त लोको के पालनहार है जिनके भक्त वैष्णव कहलाते है |
वे अपने आराध्य को कही जगन्नाथ भगवान के रूप में तो कही कृष्ण के रूप में तो कही पदमनाभ स्वामी के रूप में कही रंगनाथ स्वामी के रूप में पूजते है | इन सभी देवताओ का आधार लक्ष्मी पति विष्णु ही है |
भारत में शालिग्राम शिला के रूप में भी विष्णु जी की पूजा की जाती है .
भगवान विष्णु ने बार बार अवतार लेकर इस धरती पर धर्म को फिर से जीत दिलाई है , श्री राम , परशुराम , श्री कृष्ण , बुद्ध और भविष्य में इनका ही फिर से अवतार कल्कि के रूप में होगा .
भगवान विष्णु के चमत्कारी मंत्रो का ज्ञान कराने के लिए हमने यह पोस्ट लिखी है जिससे की आप इस अनमोल जीवन में विष्णु कृपा से यह जीवन सुखद बना ले .
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विष्णु पूजा की मुख्य तिथियाँ :
भगवान विष्णु का विशेष दिन गुरूवार को माना जाता है | इन्हे सत्य नारायण भगवान के नाम से इस दिन व्रत और पूजा की जाती है |
वर्तमान में जारी चातुर्मास, एकादशी, द्वादशी व पूर्णिमा तिथियों पर भगवान विष्णु की भक्ति, श्रीविष्णु मंत्र ध्यान के जरिए बड़ी मंगलकारी मानी गई है।
भगवान विष्णु को समर्प्रित मुख्य मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ||
श्री मन नारायण नारायण हरे हरे .....श्री विष्णु नारायण नारायण हरे हरे , सत्य नारायण नारायण हरे हरे ||
विष्णु गायत्री महामंत्र
आइये जाने माँ गायत्री मंत्र के साथ विष्णु जी से जुड़ा मंत्र
ऊँ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र – जप विधि और फायदे
विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
निचे लिखा मंत्र भगवान विष्णु की महानता का परिचायक है रोज मंत्र का जप सही विधि और नियम से करना चाहिए |
विष्णु रूपं पूजन मंत्र
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ज्ञानगम्यम् ।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।
मंत्र का अर्थ : जिस हरि का रूप अति शांतिमय है जो शेष नाग की शय्या पर शयन करते है | इनकी नाभि से जो कमल निकल रहा है वो समस्त जगत का आधार है | जो गगन के समान हर जगह व्याप्त है , जो नील बादलो के रंग के समान रंग वाले है | जो योगियों द्वारा ध्यान करने पर मिल जाते है , जो समस्त जगत के स्वामी है , जो भय का नाश करने वाले है | धन की देवी लक्ष्मी जी के पति है इसे प्रभु हरि को मैं शीश झुकाकर प्रणाम करता हूँ |
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मंगलम विष्णु मंत्र
यह मंत्र भगवान विष्णु का मंगल करने वाला है . ज्यादातर तिलक करते समय और चरणामृत देते समय इस मंत्र का जप किया जाता है .
मंत्र - मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
कैसे करे भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप
स्नान के बाद घर के देवालय में पीले या केसरिया वस्त्र पहन श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल स्नान के बाद केसर चंदन, सुगंधित फूल, तुलसी की माला, पीताम्बरी वस्त्र कलेवा, फल चढ़ाकर पूजा करें। भगवान विष्णु को केसरिया भात, खीर या दूध से बने पकवान का भोग लगाएं।
– धूप व दीप जलाकर पीले आसन पर बैठ तुलसी की माला से नीचे लिखे विष्णु गायत्री मंत्र की 1, 3, 5, 11 माला का पाठ यश, प्रतिष्ठा व उन्नति की कामना से करें –
ऊँ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
आप अन्य मंत्रो का भी इसी तरह जाप कर सकते है |
– पूजा व मंत्र जप के बाद विष्णु धूप, दीप व कर्पूर आरती कर देव स्नान कराया जल यानी चरणामृत व प्रसाद ग्रहण करें।
गुरूवार के कारगर उपाय करके पाए विष्णु कृपा
जगन्नाथ मंदिर सारांश
- तो दोस्तों यहा हमने आपको विस्तार से बताया पापनाशक विष्णु भगवान के चमत्कारी मंत्रो के बारे में , साथ ही बताया कि ये मंत्र आप किस तरह जप सकते है . आशा करते है कि आपको यह पोस्ट जरुर पसंद आई होगी .
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