आंजन धाम जहा दिया माँ अंजनी ने हनुमान को जन्म
Aanjan Dham Mandir Hanuman . मान्यता है की यही वह जगह है जहा माँ अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया था – यह जगह झारखंड के गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र में अवस्थित 20 किमी की दुरी पर आंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है। यहा पहाड़ की चोटी पर एक गुफा में मंदिर बना हुआ है | हनुमान की माँ के नाम पर ही इस जगह को आंजन बोला जाता है | यहा स्थित मंदिर में माँ अंजना और उनकी गोद में बाल हनुमान विराजमान है |
कैसा है यह मंदिर
इस मंदिर में माँ अंजना की एक स्त्री रूप में मूर्ति है जिनकी गोद में बाल हनुमान बैठे हुए है . बाल हनुमान ने गदा पकड़ रखी है और दुसरे हाथ से आशीर्वाद दे रहे है . हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर का चोला चढ़ा हुआ है .
1953 में बना मंदिर
आंजनधाम में 1953 में श्रद्धालुओं ने मिलकर अंजनी मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर पहाड़ की चोटी पर बना हुआ है | अब यहा प्रशासन के द्वारा यात्रीगण की सुविधा के लिए रोड और रास्ते का नवनिर्माण किया जा रहा है |
रहस्यमई गुफा
यह जिस गुफा में पवनपुत्र हनुमान का जन्म हुआ , उस गुफा का द्वार कलियुग में अपने आप बंद हो गया | लोगो का मानना है की यहा लोग बलि प्रथा करते है जिसके कारण अंजना माई नाराज हो गयी और उन्होंने गुफा का द्वार बंद कर दिया |
पंपापुर सरोवर भी है यहीं
आंजनधाम से जुड़ी और भी पौराणिक गाथाएं जुड़ी हैं। कहते हैं, गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में बालि व सुग्रीव का राज्य था। पंपापुर सरोवर भी यहीं है, जहां भगवान राम और भ्राता लक्ष्मण ने रुककर स्नान भी किया था। इसी जगह शबरी की कुटिया भी बताई जाती है जहाँ श्री राम ने शबरी माता के प्रेम वश झूठे बैर भी खाए थे .
रामचरितमानस की किष्किंधा
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रची गयी रामचरितमानस के 7 खंडो में एक खंड है किष्किंधा काण्ड .यह सुघ्रीव और बालि वानर राजाओ की स्थली रहा है . कहते है कि यह जगह भी इसी जगह पर है .
रामनवमी पर भरता है मेला
रामनवमी के दिन यहा विशेष मेला भरता है जिसमे दूर दूर से भक्त आते है और इस मंदिर में दर्शन करते है .
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