माँ वैष्णो देवी की तीन पिंडियो का रहस्य
Maa Vaishno Devi 3 Pindiyaan . वैष्णो देवी मंदिर हिमालय के त्रिकुटा पर सबसे बड़े मंदिरों में से एक है | श्रीधर पंडित ने माँ के प्रताप से इन्हे खोजा और नित्य पूजन करने लग गये | आज भी पंडित श्रीधर के वंशज ही माँ वैष्णवी की पूजा करते है | वैष्णो देवी की सबसे खास बात है की इसके गर्भगृह में वैष्णो देवी के रूप में तीन पिंडियाँ विराजमान है | इन तीन पिंडीयो का रहस्य तीन देवियों के साथ जोड़ा गया है | आइये जाने विस्तार से की वैष्णो देवी में ये तीन पिंडियाँ कौनसी माँ की घोतक है .
क्यों काली को कहते है दक्षिणा काली माँ
पहली पिंडी ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की है | इनकी पूजा से व्यक्ति अपार ज्ञान विवेक और कला में धनी बनता है |
दूसरी पिंडी माँ महालक्ष्मी की है जिनके आशीष से व्यक्ति धन धान की प्राप्ति करता है | वह वैभवशाली जीवन व्यतीत करता है |
शिव ने काली माँ के पैरो में आ गये थे
तीसरी पिंडी माँ काली की है जो अपार शक्ति की देवी है और नकारात्मक उर्जा को खत्म करने वाली है | यह बल देने वाली शक्तिरूपा है |
अत: माँ वैष्णो देवी की पूजा से इन तीन महादेवियो की कृपा प्राप्त होती है और मनुष्य ज्ञान , धन और बल से अपना जीवन सफलता पूर्वक व्यतीत करता है |
हालाकि यह जगह ना तो भारत के चार धामों में और ना ही भारत की सप्तपुरी में शामिल है पर फिर भी आस्था और विश्वास के आधार पर अपने भक्तो में सर्वोच्य स्थान पर विराजमान है |
भक्त ऊँची और लम्बी चढ़ाई चढ़ कर अपनी आराध्य देवी माँ वैष्णो के मंदिर में दर्शन करने दूर दूर से हर साल आते है |
माता वैष्णो देवी मंदिर और यात्रा को सुखद बनाने के लिए एक गवर्मेंट अंडरटेकिंग संस्थान है जिसे वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के नाम से जाना जाता है .
सारांश
- तो दोस्तों जम्मू स्तिथ माँ वैष्णो देवी मंदिर में तीन पिंडियो का क्या रहस्य है , यह हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताया है . आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी .
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