पार्वती ने दिया शनि को अपंग होने का श्राप
कैसे हुए शनि देव अपंग - जाने पौराणिक कहानी
Kaise Hue Shanidev Apang . एक बार शनिदेव कैलाश पर्वत पर आये तब माँ पार्वती से मिलने पर उनकी नजर निचे झुकी हुई थी | पार्वती जी ने उनसे पूंछा की वो नजरे निचे क्यों झुकाए हुए है | तब शनिदेव ने बताया की उनकी नजर से उनके पुत्र श्री गणेश को नुकसान पहुँच सकता है इसी भय से उनकी नजरे निचे है |
शनि की दृष्टि से नही बच पाए भगवान शिव भी
यह सुनकर शिव पत्नी गिरिजा जोर जोर से हँसने लगी | वे शनिदेव का उपहास उड़ाने लगी की भला उनके पुत्र का किसी की नजर कैसे नुकसान पहुंचा सकती है और गणेश को आवाज देकर शनि के करीब बुला लिया |
जब भगवान शनि की द्रष्टि से बालक गणेश का सिर अलग हो गया तब कुपित होकर माँ पार्वती ने शनिदेव को श्राप दे दिया की वो भी अंगविहीन हो जायेगा | शनि देव ने स्वयं को दोष रहित बताया और याद दिलाया की उन्होंने नजर डालने से पहले ही चेतावनी दी थी |
माँ पार्वती को गुस्सा शांत हो चूका था | उन्होंने कहा की वो अपना श्राप वापिस तो नही ले सकती पर इसके साथ साथ वरदान दे सकती है | श्राप की वजह से शनि आज से लंगड़े चलने लगेंगे | और वरदान यह है की आज से तुम सभी ग्रहों के राजा होंगे | भगवान विष्णु के परम भक्त कहलाओगे | योगियों में परम योगी और चिरजीवी बनोगे |
इस तरह नाराज होकर जगदम्बा ने श्राप भी दिया तो प्रसन्न होकर वरदान भी |
रावण ने भी किया था शनि को लंगड़ा
एक अन्य कथा के अनुसार रावण ने भी शनि देव के पैर पर चोट मारकर लंगड़ा कर दिया था . ऐसा कहा जाता है कि रावण के पुत्र मेघनाथ के जन्म के समय नक्षत्र और ग्रह सही दशा में थे जिससे मेघनाथ अत्यंत बलवान और दीर्घायु हो सकता था पर शनि देव ने दृष्टि वक्री कर ली इससे मेघनाथ अल्पायु हो गया .
यह बात जब रावण को पता चली तो वह बहुत ही क्रोधित हुआ और उसने शनि देव के पैर पर अपनी गदा से पुरजोर वार करके उनकी टांग तोड़ दी . कहते है कि इसके बाद शनि देव की चाल धीमी हो गयी क्योकि एक पैर से वो लंगड़े हो गये थे .
Conclusion (निष्कर्ष )
तो दोस्तों आपने जाना कि शनिदेव का अपंग (Shanidev Ka Apang Hone Ki Kahani ) होने का कारण माँ पार्वती का श्राप था क्योकि शनि देव की नजर से गणेश जी को शारीरिक नुकसान उठाना पड़ गया था .
आशा करता हूँ यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा .
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