सांवलिया सेठ मंदिर मण्डफिया चित्‍तौड़गढ

क्यों कहलाते है भगवान श्री कृष्णा इस मंदिर में सांवलिया सेठ :

आप नानी बाई के मायरे के बारे में तो अच्छी तरह जानते होंगे | जब सन्यासी नरसी भक्त को अपने बेटी नानी बाई का मायरा जोरो शोरो से भरना था तब उनकी लाज रखने के लिए उन्हें परम आराध्य देव श्री कृष्ण ने सांवर सेठ का वेश बनाकर नरसी जी को दर्शन दिए और उनके साथ ही मायरा भरने गये | वहा पहुँच कर उन्होंने शानदार मायरा भरा जो आज तक मिसाल बना हुआ है |

sanwariyaan seth ki jankari



उन्ही सांवर सेठ के लिए यशार्थ यह सांवलिया सेठ का यह मंदिर बना है | यहा इस मंदिर में श्री कृष्ण एक सेठ के रूप में विराजमान है जो अपने भक्तो को दिल खोल कर सुख देते है . सांवरिया सेठ मंदिर में होने वाले चमत्कार लोगो को इस मंदिर की तरह बहुत आकर्षित करते है . 

सांवरिया सेठ मंदिर



कहाँ है सांवरिया सेठ का  यह मंदिर :

राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीमा पर विश्व प्रसिद्ध सांवलिया सेठ का यह मंदिर चित्तौड़गढ़ में मंडफिया में पड़ता है | यहा सांवलिया सेठ के तीन मंदिर है |

सांवरिया सेठ मन्दिर मण्डफिया

चित्तौड़गढ़ से करीब 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांवलिया जी का मंदिर राजस्थान में बहुत प्रसिद्द है।

सांवरिया सेठ के तीन मंदिर :

१) प्राकट्य स्थल मंदिर बांगुड भादसोड़ा : यह मंदिर NH 76 पर पड़ता है | यहाँ कांच से बना शानदार मंदिर है | कृष्णा लीलाओं को कांच पर बहुत ही सुन्दर तरीके से उभारा गया है |
२) मुख्य मंदिर मणदपिया : यह यहा का सबसे मुख्य और भव्य मंदिर है | यह मंदिर भादसोड़ा चौराहे से 7 किमी की दुरी पर अन्दर की तरफ है | सफेद पत्थरो से बना यह भव्य मंदिर बहुत ही सुन्दर है |
३) प्राचीन मंदिर भादसोड़ा :यह मंदिर भादसोड़ा में स्थित है | यह मंदिर उदयपुर रोड पर भादसोड़ा चौराहे से 1.5 किमी की दुरी पर है |



सारांश 

  1.  तो दोस्तों इस आर्टिकल हमने आपको बताया श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर सांवरिया सेठ के बारे में जिन्होंने नरसी भगत की बेटी का मायरा भरा था . यह मंदिर  चित्तौड़गढ़ से करीब 32 किमी की दुरी पर मण्डफिया में है . 

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