अबूझ सावे कब कब आते है
कौनसे दिन को माना जाता है हिन्दू धर्म में अबूझ सावे ?
हिन्दू धर्म में हम कोई भी मांगलिक कार्य या फिर नया वाहन खरीदना या नया व्यापार शुरू करने से पहले पंडितो से सही दिन और मुहूर्त पूछते है जिससे कि वो कार्य सही फलदायी हो . हमारे हिन्दू धर्म में कुछ दिन बहुत ही सकारात्मकता वाले होते है जिसमे हर क्षण अच्छे परिणाम देने वाला होता है . ऐसे दिनों पर आप कभी भी कोई शुभ कार्य शुरू कर सकते है या फिर मांगलिक और वैवाहिक कार्य कर सकते है . इन्हे हम अबूझ सावे या दिन कहते है
अबूझ सावे ऐसे दिन होते है जिनपे बिना पंडित को पूछे और पंचांग को देखे मांगलिक कार्य संपन्न किये जाते है | ये दिन स्वयं सिद्ध होते है और इन दिनों को अति शुभ माना जाता है |
अबूझ सावे वाले शुभ दिन कौनसे है
Abujh Saave Kab Aate hai .
आइये जाने की कब कब यह अबूझ सावे के दिन आते है और ऐसा क्या है जिसके कारण ये दिन इतने शक्तिशाली और महत्वपूर्ण होते है |
१) बसंत पंचमी : माँ सरस्वती के जन्म का दिन बसंत की पंचमी को आता है और शुभ मुहूर्त का दिन माना जाता है |
२) फुलेरा दोज : फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को फूलेरा दूज मनाई जाती हैं | इसे शुभ दिन माना जाता है और बिना विध्न के विवाह रचाए जाते है | इस दिन कृष्ण गोपियों के साथ पुष्प होली खेले थे .
३) रामनवमी : भगवान राम के जन्म का दिन राम नवमी पर भी अबूझ मुहूर्त माना जाता है और विवाह करवाए जाते है | रामनवमी चैत्र मास की शुक्ल नवमी को आती है .
४) जानकी नवमी : मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता (जानकी ) जिनका विवाह भगवान राम के संग हुआ था , उनका यह जन्म दिवस है | यह दिन भी अबूझ मुहूर्त का होता है |
५) पीपल पूर्णिमा : यह दिन चमत्कारी और पवित्र दिनों में से एक माना जाता है | इसे बुद्धपूर्णिमा भी कहा जाता है | यह वैशाख मास की पूणम को आती है |
६) गंगा दशमी : गंगा दशहरा भी पवित्र दिनों में से एक है | यह ज्येष्ठ मास की शुक्ल दशमी को आती है | इस दिन यह चमत्कारी गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी |
७) भदल्या नवमी : विवाह के लिए उत्तर भारत में यह अबूझ मुहूर्त माना जाता है | यह आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को आती है जिस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन होता है |
७) देव उठनी एकदशी : देव उठनी एकादशी को भी सबसे बड़े अबूझ सावे के रूप में जाना जाता है . कहते है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी नींद त्यागते है . इससे पहले देव सोये हुए रहते है अत: कोई वैवाहिक कार्य नही होता है .
अबूझ सावे पर मार्केट में होती है तेजी
जब जब ये शुभ अबूझ सावे आते है , मार्किट में आपको तेजी देखने को मिलती है . आम दिनों की तुलना में इन दिनों में ज्यादा शादी , सगाई , मांगलिक कार्यक्रम होते है और इस लिहाज से गार्डन बुकिंग , बैंड बाजा बुकिंग , पंडित बुकिंग और मार्किट में खरीददारी ज्यादा देखने को मिलती है . आम दिनों की तुलना में ऐसे तिथि पर 5 गुणा ज्यादा विवाह देखने को मिलते है .
सारांश
- तो दोस्तों हमने आपको हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से उन सबसे ख़ास दिनों के बारे में बताया जो अबूझ सावे (Abujh Saave ) कहलाते है . इन दिनों का बहुत ज्यादा महत्व होता है क्योकि इस दिन किये जाने वाले कार्य निर्विध्न पुरे हो जाते है .
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